पैरों मे होने वाले दर्द को ना करें इग्नोर, हो सकता है कॉलेस्ट्रॉल
हम अक्सर अपने शरीर की परेशानियों को नजर अंदाज कर देते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं करना चाहिए। पैरों में होने वाले दर्द को भी हम हमेशा इग्नोर ही करते हैं। जब भी हम पैरों में दर्द और बेचैनी का अनुभव करते हैं, तो हम इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं. लेकिन जब हाई कॉलेस्ट्रॉल को मैनेज और दिल की परेशानी की बात होती है तो हमेशा ही कहा जाता है कि हमें किसी भी कीमत पर पैर दर्द को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर हमने हाई कोलेस्ट्रॉल को इग्नोर किया तो ये आगे चलकर एक बड़ी परेशानी बन सकता है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल और पैर की परेशानी: इसका क्या कारण है?
उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल का स्तर, इसको हाइपरलिपिडिमिया भी कहा जाता है, अगर से बढ़ जाता है तो शरीर की धमनियां सही तरीके से काम करना बंद कर देती हैं। ये सबसे पहले हमारे हृदय में और उसके आसपास धमनियों के काम को करना बंद करता है। इस कारण से यह कभी-कभी पैरों में मौजूद अंगों अन्य जगहों की धमनियों को भी प्रभावित करता है। जिस कारण से परिधीय धमनी रोग, या पीएडी, जब पैरों को गति और कार्य के लिए पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं मिलता है।
क्या ये खतरनाक है?
विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ मामलों के बिना पैर दर्द का अनुभव करना बुरा हो सकता है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल गहरा कारण होता है, इसके अलावा शरीर में पीएडी विकसित करने वाले लोगों के लिए पैर दर्द अक्सर प्रारंभिक हृदय परेशानी और हृदय संबंधी बीमारियों का संकेत हो सकता है।
पैर दर्द को अक्सर उच्च कोलेस्ट्रॉल या हृदय संबंधी संबंधी परेशानियां का रूप ले सकता है। कई बार लोगों को जटिलताओं, गंभीर परेशानी और दर्द बढऩे पर दिल का दौरा या स्ट्रोक होने का उच्च जोखिम में डालता है। हालांकि कई बार इस तरह का दर्द चलने आदि से भी हो जाता है, जिससे जब हम आराम करते हैं तो इससे राहत मिलती है। यह पैर में रुकावट का संकेत है जिसे क्लॉडिकेशन दर्द कहा जाता है। अगर वक्त रहते इस तरह के दर्द पर ध्यान नहीं दिया तो यह बाद में जटिलताएं भी पैदा कर सकता है।
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