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प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से दिया इस्तीफा,  छोड़ा देश

 ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उनकी सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन के बीच आज इस्तीफा दे दिया और देश से बाहर चली गईं। राजनयिक सूत्रों के अनुसार हसीना को भारत से लंदन जाना है। इस बीच बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार उज जमां ने अंतरिम तौर पर शासन की बागडोर संभाल ली है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा है कि उन्होंने राजनीतिक दलों के नेताओं से बात की है और उन्हें बताया कि सेना कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी।सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पड़ोसी देश में बदलते हालात से अवगत कराया है और मंगलवार को सदन को इसकी जानकारी दी जा सकती है। बांग्लादेश में उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति की बैठक में हालात पर चर्चा की गई।इस बीच खबर है कि लंदन जाने के क्रम में हसीना का विमान दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर उतरा है। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने उनसे मुलाकात की है। हसीना के अपनी बेटी साइमा वाजिद से मिलने की संभावना है, जो दिल्ली में रहती हैं। साइमा विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए क्षेत्रीय निदेशक हैं। हसीना के हिंडन में रुकने के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है और न ही इसकी पुष्टि हुई है। भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि ढाका में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम पर भारत करीबी नजर रखे हुए है।सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत-बांग्लादेश सीमा के 4,096 किलोमीटर क्षेत्र में सभी यूनिट को ‘हाई अलर्ट’ कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के महानिदेशक (कार्यवाहक) दलजीत सिंह चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी भारत-बांग्लादेश सीमा सुरक्षा की समीक्षा के लिए कोलकाता पहुंचे हैं। बांग्लादेश में उथल-पुथल के बीच मेघालय ने अपनी सीमा पर रात्रि कर्फ्यू लगा दिया है। भारत और बांग्लादेश के बीच सभी रेल सेवाएं अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई हैं। दिल्ली में भी बांग्लादेश के दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एयर इंडिया और इंडिगो ने भी सोमवार को तत्काल प्रभाव से ढाका के लिए अपनी निर्धारित उड़ानें रद्द कर दी हैं। भारत-बांग्लादेश व्यापार सोमवार दोपहर से रोक दिया गया।

क्यों शेख हसीना को छोड़ना पड़ा बांग्लादेश
1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले दिग्गजों के रिश्तेदारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने वाली विवादास्पद कोटा प्रणाली पर उनकी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ जिसके बाद हसीना को प्रधान मंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। बांग्लादेश में छात्रों का यह प्रदर्शन जुलाई से ही चल रहा था। छात्रों का कहना था कि सिविल सेवा नौकरी कोटा खत्म किया जाए।बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट द्वारा 21 जुलाई को ज्यादातर कोटा रद्द कर दिया गया। जिसके बाद विरोध प्रदर्शन रुक गए। हालांकि, पिछले हफ्ते फिर से दंगे शुरू हो गए क्योंकि जनता ने हिंसा के लिए शेख हसीना से माफी की मांग की।
300 लोगों की हो चुकी है मौत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेशी प्रदर्शनकारियों के इस विरोध में रविवार यानी कल कम से कम 90 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, कुल मृत लोगों की संख्या 300 पहुंच गई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जतराबारी और ढाका मेडिकल कॉलेज इलाकों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प के कारण आज ताजा हिंसा में कम से कम छह लोग मारे गए।

 

 

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