मानवता की सफलता सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं: प्रधानमंत्री मोदी
संयुक्त राष्ट्र. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन में कहा कि मानवता की सफलता युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि सामूहिक शक्ति में निहित है। ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय विश्व के भविष्य पर चर्चा कर रहा है, तो सर्वोच्च प्राथमिकता ‘‘मानव-केंद्रित दृष्टिकोण'' को दी जानी चाहिए। उन्होंने किसी विशेष संघर्ष का नाम लिए बिना कहा, ‘‘मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं।'' प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि टिकाऊ विकास को प्राथमिकता देते हुए मानव कल्याण, खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर हमने यह प्रदर्शित किया है कि टिकाऊ विकास सफल हो सकता है।'' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत अपनी सफलता के इस अनुभव को पूरे ‘ग्लोबल साउथ' के साथ साझा करने के लिए तैयार है। आमतौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों या विकासशील देशों को संदर्भित करने के लिए ‘ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल होता है। मोदी ने वैश्विक संस्थाओं में सुधार का आह्वान करते हुए कहा कि ये वैश्विक शांति और विकास के लिए आवश्यक हैं।
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