कुख्यात ब्रिटिश जासूस जॉर्ज ब्लैक का निधन
मॉस्को। कुख्यात ब्रिटिश जासूस जॉर्ज ब्लैक का शनिवार को रूस की राजधानी मॉस्को में 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। रूसी विदेशी खुफिया विभाग ने इसकी जानकारी दी। रूसी खुफिया विभाग के अनुसार जॉर्ज ब्लैक ने मौत से पहले खुलासा करते हुए कहा था कि वह 600 से अधिक जासूसों को धोखा दे चुके हैं।
ब्लैक को 1961 में लंदन में रूस के लिए काम करने के आरोप में 42 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। ब्लैक पर आरोप था कि वे ब्रिटिश खुफिया एजेंसी में काम करते हुए ब्रिटेन के एजेंटो को ही धोखा देने लगे थे। 1966 में इंग्लैंड द्वारा विश्व कप जीतने के तुरंत बाद, वह लंदन जेल की दीवार को फांदकर भाग गया। बाद में वह पूर्वी बर्लिन में अपने साथी जासूसों के साथ मिलकर ब्रिटेन के खिलाफ काम करने लगा।
ब्लैक ने पिछले महीने ही अपना 98वां जन्मदिन को धूमधाम से मनाया था और इस दौरान उसे रूसी खुफिया एजेंसी प्रमुख के तरफ से बधाई भी दी गई थी। आंख से कमजोर होने के बावजूद भी उन्होंने बीबीसी रेडियो पर ट्यूनिंग करके ब्रिटेन के खिलाफ 'जासूसी' जारी रखी। जानकारी के अनुसार ब्लैक के साथ विश्वासघात के आरोप में कम से कम 40 ब्रिटिश एजेंटों को रूस में मौत की सजा दे दी गई थी, हालांकि ब्लैक अपने साथ इस मामले को जोडऩे से इनकार कर दिया था। ब्लैक ने कहा कि इन सभी जासूसों को अलग मामले में सजा दी गई थी। 1991 में एक कार्यक्रम में ब्लैक ने कहा कि उसे उन जासूसों की मौत पर कोई पछतावा नहीं है। उसने यह भी जोर देकर कहा कि वह खुद को देशद्रोही नहीं मानते क्योंकि वह खुद को कभी भी 'ब्रिटिश' मानता ही नहीं था।
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