भारतीय ब्रितानी बालासुब्रमण्यन और उनके साथी डेविड क्लेनरमैन 'मिलेनियम टेक प्राइज' से सम्मानित
लंदन। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के भारतीय मूल के ब्रितानी रसायनशास्त्री शंकर बालासुब्रमण्यन और उनके साथी डेविड क्लेनरमैन को डीएनए का अध्ययन त्वरित, सटीक और किफायती बनाने में मदद करने वाली क्रांतिकारी अनुक्रमण तकनीक विकसित करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित पुरस्कार '2020 मिलेनियम टेक्नोलॉजी प्राइज' से सम्मानित किया गया।
'टेक्नोलॉजी अकेडमी फिनलैंड' प्रत्येक दो साल के अंतराल पर 2004 से यह पुरस्कार देती आ रही है। वर्ष 2004 में सर टिम बर्नर्स-ली को वल्र्ड वाइड वेब की खोज के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। भारत में जन्मे औषधीय रसायन शास्त्र के ब्रितानी प्रोफेसर बालासुब्रमण्यन और ब्रितानी जैव भौतिकी रसायन शास्त्री क्लेनरमैन ने मिलकर 'सोलेक्सा-इलुमिना नेक्स्ट जेनरेशन डीएनए सीक्वेंसिंग'(एनजीएस) की खोज की, जिसकी मदद से किसी जीव के संपूर्ण डीएनए अनुक्रमण का पता लगाने की प्रक्रिया त्वरित, सटीक और किफायती बनाने में मदद मिली। यह तकनीक कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मानवता के लिए अहम साबित हो रही है। विजेता वैज्ञानिकों ने संयुक्त बयान में कहा, ''यह प्रौद्योगिकी विकसित करने में हमारे योगदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार सराहा गया है, लेकिन यह पुरस्कार हमारे लिए नहीं, बल्कि हमारी पूरी टीम के लिए है, जिसने इस प्रौद्योगिकी को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई और यह पुरस्कार उन लोगों के लिए है, जिन्होंने हमारी इस यात्रा में हमें प्रेरित किया।'
Leave A Comment