संक्रमण, टीकाकरण से कोविड-19 के अलग-अलग स्वरूप से मिलती है ज्यादा सुरक्षा : अध्ययन
लॉस एंजिलिस। टीकाकरण कराने और स्वाभाविक रूप से हुए संक्रमण का संयोजन कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों के खिलाफ अधिकतम सुरक्षा प्रदान करता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। शोध पत्रिका ‘एमबायो' में प्रकाशित अध्ययन इस संभावना को बल देता है कि टीका की बूस्टर खुराक वायरस के कई स्वरूपों को लक्षित करने के लिए एंटीबॉडी की क्षमता में सुधार करने में समान रूप से प्रभावी हो सकती है। अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिलिस (यूसीएलए) विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ओटो यांग ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन का मुख्य संदेश यह है कि जिस व्यक्ति को कोविड हुआ है और फिर उसे टीका लगाया जाता है तो उसमें न केवल एंटीबॉडी की मात्रा में वृद्धि होती है बल्कि एंटीबॉडी की गुणवत्ता में भी सुधार होती है। यह संयोजन विभिन्न स्वरूप के खिलाफ एंटीबॉडी की कार्य करने की क्षमता को भी बढ़ाता है।'' अध्ययन के वरिष्ठ लेखक यांग ने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि अगर किसी को कोविड को टीका लगाया गया था तो स्पाइक प्रोटीन के बार-बार संपर्क में आने से प्रतिरक्षा प्रणाली में एंटीबॉडी में सुधार जारी रहता है।'' स्पाइक प्रोटीन वायरस का वह हिस्सा है जो इसे कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमित करने में मदद करता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि क्या वही लाभ उन लोगों को होंगे जिन्होंने टीके की सभी खुराक ली है, लेकिन कोरोना वायरस से कभी संक्रमित नहीं हुए। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कभी संक्रमित नहीं हुए लेकिन टीकाकरण करा चुके 15 लोगों में रक्त एंटीबॉडी की तुलना उन 10 लोगों से की जो हाल में संक्रमित हुए लेकिन अभी तक टीके की खुराक नहीं ली थी।
Leave A Comment