मुर्मू कोलकाता में नेताजी के आवास गईं
कोलकाता. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को सुभाष चंद्र बोस के पैतृक निवास गईं जहां उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी। पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर आईं मुर्मू ‘नेताजी भवन' में घूमीं जो अब स्मारक बन गया है। नेताजी के भतीजे के पोते सुमंत्र बोस ने राष्ट्रपति को ऐतिहासिक भवन की अहमियत के बारे में बताया जो आज़ादी की लड़ाई के दौरान घटनाओं का गवाह रहा है। राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल सी.वी. बोस थे। मुर्मू को पहले ऐतिहासिक कार ‘द 1937 वांडरर डब्ल्यू24' के बारे में बताया गया। इसी गाड़ी से नेताजी 16 जनवरी 1941 को अपने घर से, अंग्रजों से ‘बचकर' निकले थे। राष्ट्रपति ने नेताजी का अध्ययन कक्ष, उनका शयनकक्ष और ‘द ग्रेट एस्केप स्टेयरकेस' (सीढ़ियां) देखीं। इन्हीं सीढ़ियों से नेताजी नीचे आए थे जहां उनके भतीजे शिशिर बोस ने उनकी कार वांडरर खड़ी की थी। कार में बैठ कर नेताजी अंग्रेजों को चकमा देकर निकल गए थे। नेताजी भवन में करीब 10 मिनट तक रूकने के बाद मूर्मू शहर के मध्य हिस्से में जोरासांको ठाकुरबाड़ी में स्थित गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के आवास के लिए रवाना हुईं। इससे पहले राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस और राज्य के मंत्री फरहाद हकीम और सुजीत बोस ने कोलकाता पहुंचने पर मुर्मू की अगवानी की तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रक्षा बलों ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर' दिया। मुर्मू राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार राज्य की यात्रा पर आई हैं। उनकी यात्रा के मद्देनजर शहर में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। हवाई अड्डे से वह हेलीकॉप्टर से रॉयल कलकत्ता टर्फ क्लब के मैदान में पहुंचीं और फिर वहां से सड़क के रास्ते राजभवन गईं। क्लब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्मू की अगवानी की। मंगलवार को राष्ट्रपति कोलकाता में यूको बैंक के 80 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में शिरकत करेंगी। इससे पहले वह रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के वैश्विक मुख्यालय बेलूर मठ जाएंगी। राष्ट्रपति का विश्वभारती विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए शांति निकेतन जाने का भी कार्यक्रम है।
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