मजबूत बहुपक्षीय विकास बैंक उभरती अर्थव्यवस्थाओं की जटिल मांगों का समाधान करेगा: अजय सेठ
नयी दिल्ली. आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बृहस्पतिवार को कहा कि बड़े और मजबूत बहुपक्षीय विकास बैंक तेजी से जटिल होती दुनिया में भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं की जटिल मांगों का प्रभावी समाधान करने में मदद करेंगे। सेठ ने ‘भविष्य के लिए तैयार भारत के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) के साथ रणनीतिक जुड़ाव की सुविधा' विषय पर आयोजित एक सेमिनार में कहा, ‘‘जो बड़ा काम किया जाना है वह बुनियादी ढांचे को लेकर है। मुझे याद है कि विश्व बैंक ने दो साल पहले 'इंडिया एट 100' के लिए एक अध्ययन किया था... आवश्यक बुनियादी ढांचे का 75 प्रतिशत अभी बनाया जाना बाकी है...।'' उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, हम सीमित संसाधनों वाली दुनिया में रह रहे हैं। निश्चित रूप से, कुछ संसाधन सीमापार हैं और कुछ संसाधन भारत की सीमाओं के भीतर हैं। उनकी अपनी सीमाएं हैं। इसीलिए, हमें खुद को व्यवस्थित करने के अधिक कुशल तरीके खोजने पर विचार करना होगा।'' एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि जहां तक विभिन्न क्षेत्रों के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का सवाल है, उत्पादकता और दक्षता में सुधार की जरूरत है। इससे पहले, आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) में अतिरिक्त सचिव मनीषा सिन्हा ने विभिन्न पक्षों की भागीदारी के लिए रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति में भारत में बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं (ईएपी) की ताकत, अवसरों और चुनौतियों की बात कही और वित्तपोषण के मामले में नवोन्मेष तथा निजी क्षेत्रों की बड़ी भागीदारी के साथ बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) से भारत की अपेक्षाओं को स्पष्ट किया। सेमिनार के दौरान चर्चा एमडीबी के साथ रणनीतिक जुड़ाव को सुविधाजनक बनाने, विकास वित्तपोषण के सहयोगी मॉडल की खोज करने और परिवर्तनकारी विकास के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने पर केंद्रित रही।
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