गर्मी में बनाएं साउथ इंडियन चटनी 'थक्काली पचड़ी'.... इम्यूनिटी बढ़ेगी
चटनी, थाली का जायका बढ़ाती है। ऐसी ही एक रेसिपी के बारे में हम आपको आज बताने जा रहे हैं। इसका नाम है थक्काली पचड़ी । यह आंध्र प्रदेश में खाई जाने वाली एक चटनी है। यह चटनी दही और टमाटर को मिक्स करके बनाई जाती है। इस चटनी को इडली, डोसा, रोटी, चावल आदि के साथ मिलाकर खाया जाता है। यह चटनी स्वादिष्ट होने के साथ, इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है।
थक्काली पचड़ी की रेसिपी-
सामग्री:-कोकोनट, हरी चटनी, दही, तेल, प्याज, टमाटर, नमक, मिर्च पाउडर, सरसों के बीज, जीरा और करी पत्ते
विधि: कोकोनट और हरी चटनी और दही को पीसकर पेस्ट बना लें। इसमें थोड़ा पानी मिला लें। एक कढ़ाई को गर्म करें और उसमें प्याज डालकर एक मिनट तक फ्राई करें। अब टमाटर को छोटा काटकर उसमें मिक्स करें।अब मिश्रण में नमक डाल दें। मिश्रण में कोकोनट पेस्ट डालकर 3 मिनटों तक पकाएं। अब तड़का बनाने के लिए सरसों के बीज, जीरा, लाल मिर्च और करी पत्तों को अच्छी तरह से मिक्स कर लें। इस मिश्रण को पचड़ी में डालें और रोटी या चावल के साथ खाएं।
थक्काली पचड़ी खाने के फायदे
-थक्काली पचड़ी खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इसमें विटामिन-सी होता है जिसे खाकर बीमारियों से बचाव होता है।
-थक्काली पचड़ी में बीटा- कैरोटीन और लाइकोपीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसे खाकर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है।
-थक्काली पचड़ी में जीरा, दही होता है जिसे खाने से डाइजेशन बेहतर होता है और ब्लोटिंग की समस्या दूर होती है।
-थक्काली पचड़ी लो-कैलोरी डिश है। इसमें हाई-फाइबर पाया जाता है। इस चटनी को खाकर पेट जल्दी भर जाता है।
-थक्काली पचड़ी खाकर ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल रहता है। इससे डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
-इस चटनी को पोषक तत्वों का पॉवर हाउस भी कहा जाता है। इसे खाकर शरीर में एनर्जी आ जाती है।
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