प. बंगाल में असली लड़ाई ‘मोदी की गारंटी' बनाम ‘दीदी की गारंटी' के बीच : सुखेंदु शेखर रॉय
नयी दिल्ली. पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए बाहरी उम्मीदवारों को उतारने के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के फैसले का बचाव करते हुए पार्टी के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने सोमवार को कहा कि राज्य में असली लड़ाई 'मोदी की गारंटी' और 'दीदी की गारंटी' के बीच है। टीएमसी ने रविवार को पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी, जिसके तुरंत बाद भाजपा ने राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि टीएमसी की सूची उस चीज से 'भरी हुई' है जिसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 'बाहरी' कहती हैं। रॉय ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि 'बाहरी' वे लोग हैं, जो बंगाल का अपमान करते हैं।
टीएमसी ने पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान को बहरामपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है। बहरामपुर, कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख और पांच बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी का गढ़ है। वहीं 2022 में आसनसोल सीट पर हुए उपचुनाव में टीएमसी के टिकट पर जीत हासिल करने वाले अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी ने फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं पूर्व क्रिकेटर और पार्टी नेता कीर्ति आजाद को बर्धमान-दुर्गापुर से उम्मीदवार घोषित किया गया है। 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। रॉय ने सोमवार को एक वीडियो बयान जारी करके लोकसभा चुनावों के लिए टीएमसी के उम्मीदवारों के चयन को उचित ठहराया और भाजपा व कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा। पार्टी के राज्यसभा सदस्य ने कहा, ''कल (रविवार को) टीएमसी ने पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की। यह अपने आप में अनोखा है क्योंकि देश में कोई भी अन्य राजनीतिक दल किसी भी राज्य के उम्मीदवारों की पूरी सूची की घोषणा नहीं कर पाया है।'' रॉय ने कहा, ''कृष्णा मेनन और बी आर आंबेडकर, दोनों ने बंगाल से चुनाव लड़ा था। हमने उन्हें कभी बाहरी नहीं माना। बाहरी वे हैं, जो बंगाल का अपमान करते हैं।
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