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रक्षा मंत्रालय ने उन्नत हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए एचएएल के साथ 8,073 करोड़ रुपये का अनुबंध किया

नयी दिल्ली.  रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना और तटरक्षक बल के लिए उन्नत किस्म के 34 हल्के हेलीकॉप्टर (एएचएल) और संबंधित उपकरणों के अधिग्रहण के लिए बुधवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 8073 करोड़ रुपये के दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए। मंत्रालय के अनुसार 34 ध्रुव एमके-तृतीय हेलीकॉप्टर में से सेना को 25 और तटरक्षक बल को नौ हेलीकॉप्टर मिलेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) ने पिछले सप्ताह दो खरीद परियोजनाओं को मंजूरी दे दी थी। मंत्रालय ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की मंजूरी के बाद 13 मार्च को उन्नत किस्म के 34 हल्के हेलीकॉप्टर के अधिग्रहण के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 8073.17 करोड़ रुपये के दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय सेना (25 एएलएच) और भारतीय तटरक्षक बल (नौ एएलएच) के लिए ध्रुव एमके-तृतीय रक्षा विनिर्माण में स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।'' भारतीय सेना के लिए तैयार किया गया एएलएच ध्रुव एमके-तृतीय यूटी (यूटिलिटी) संस्करण राहत एवं बचाव, सैन्य परिवहन, आंतरिक कार्गो, रेकी / आपदा में फंसे लोगों को बाहर निकालने आदि के लिए डिजाइन किया गया है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एएलएच ध्रुव एमके-तृतीय यूटी ने सियाचिन ग्लेशियर और लद्दाख जैसे अधिकतम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को साबित किया है। एएलएच एमके-तृतीय एमआर (समुद्री भूमिका) संस्करण को समुद्री निगरानी, तलाशी व बचाव, कार्गो एवं कार्मिक परिवहन आदि के लिए तैयार किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि इस हेलीकॉप्टर ने समुद्र और जमीन पर प्रतिकूल वायुमंडलीय परिस्थितियों में भी अपनी क्षमता साबित की है। इसने कहा, ‘‘ यह परियोजना अपनी अवधि के दौरान अनुमानित 190 लाख मानव-घंटे का रोजगार पैदा करेगी। इसमें 200 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम से उपकरणों की आपूर्ति भी शामिल होगी और 70 स्थानीय विक्रेता स्वदेशीकरण की प्रक्रिया में शामिल होंगे।'' इसके साथ ही, रक्षा मंत्रालय ने इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल बीएमपी-द्वितीय से बीएमपी2एम के 693 आयुध उन्नयन की खरीद के लिए आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (एवीएनएल) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। एवीएनएल ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), चेन्नई-विकसित साइट और एफसीएस के एकीकरण के आधार पर मौजूदा बीएमपी 2/2के को रात के समय लड़ाई में सक्षम क्षमताओं और एफसीएस प्रदान करने के लिए एक स्वदेशी समाधान विकसित किया है। मंत्रालय के अनुसार, ‘‘एवीएनएल स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त उपकरणों और उप-प्रणालियों के साथ आयुध उन्नयन का उत्पादन करेगा। इससे स्वदेशी रक्षा उत्पादन इकोसिस्टम और मजबूत होगा तथा इस क्षेत्र में बढ़ती आत्मनिर्भरता का लाभ मिलेगा।''

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