ब्रेकिंग न्यूज़

राजनाथ सिंह ने लेह में जवानों के साथ मनायी होली, लद्दाख को ‘वीरता की राजधानी' बताया

लेह. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को लेह में सेना के जवानों के साथ होली मनायी और खराब मौसमी परिस्थितियों से जूझते हुए दुश्मनों से देश की रक्षा करने के लिए उनकी प्रशंसा की। सिंह को पहले दुनिया की सबसे ऊंची रणभूमि सियाचिन जाना था लेकिन खराब मौसम के कारण उनका दौरा रद्द कर दिया गया है। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे थे। रक्षा मंत्री ने सैनिकों के माथे पर ‘गुलाल' लगाकर तिलक किया।
रंगोत्सव मनाने के बाद सैनिकों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि लद्दाख साहस और बहादुरी की राष्ट्रीय राजधानी है। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे कि दिल्ली हमारी राष्ट्रीय राजधानी है, मुंबई आर्थिक राजधानी है और बेंगलुरु प्रौद्योगिकी राजधानी है, उसी तरह लद्दाख भारत की साहस और बहादुरी की राजधानी है।'' रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘जब हर कोई खराब मौसम के कारण अपने घरों में छिपना चाहता है तो आप अटूट इच्छाशक्ति से अपने दुश्मनों से देश की रक्षा करने के लिए डटे रहते हैं।'' उन्होंने कहा कि देश सैनिकों के समर्पण व सेवा के लिए हमेशा उनका ऋणी रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘आप उत्कृष्ट काम कर रहे हैं। आप दुश्मन से लड़ने और अपने सीने पर गोली खाने के लिए तैयार हैं और इस वजह से देश को लोग शांतिपूर्वक होली मना सकते हैं।'' सिंह ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आप सभी दुश्मनों से हमारी रक्षा करते हुए हमारे लिए रक्षा करने वाले ईश्वर से कम नहीं हैं।'' उन्होंने सशस्त्र बलों तथा उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहरायी। उन्होंने कहा, ‘‘आपकी, आपके बच्चों और माता-पिता की देखभाल करना हमारा कर्तव्य है। जिस उत्साह से आप इस देश के लिए काम कर रहे हैं, हमारी सरकार उसी उत्साह से देश की ताकतों के लिए काम कर रही है।'' सिंह ने कहा कि जब पांच साल पहले वह रक्षा मंत्री बने थे तो उन्होंने सबसे पहले सियाचिन का दौरा किया था। उन्होंने कहा, ‘‘आज, खराब मौसम के कारण सियाचिन जाना संभव नहीं है। इसलिए, मैं वहां तैनात सभी सैनिकों को होली की शुभकामना देता हूं।'' उन्होंने कहा कि जवानों के साथ होली खेलना उनके लिए सबसे खुशी के पलों में से एक है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि हमारे देश में एक परंपरा है कि जब भी कोई पावन अवसर आता है तो अपने देवों की पूजा कर इसकी शुरुआत करते हैं। यहां तक कि जब हम कोई दावत करते हैं तो सबसे पहले भगवान को भोग लगाते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘दिवाली का पहला दीया, होली का पहला रंग, यह सभी हमारे रक्षकों, हमारे सैनिकों के नाम पर होना चाहिए। त्योहार सबसे पहले सियाचिन और करगिल की चोटियों, राजस्थान के रेतीले मैदानों पर और हिंद महासागर में तैनात पनडुब्बी पर सवार नौसैन्य कर्मियों के साथ मनाना चाहिए।''

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english