एमसीडी के स्कूलों में पुस्तकें नहीं पहुंचने पर निराशा प्रकट की
नयी दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) संचालित स्कूलों के छात्रों को पाठ्य पुस्तकें और अन्य अध्ययन सामग्री नहीं मिलने पर मंगलवार को निराशा प्रकट की और कहा कि यह ‘अच्छी स्थिति नहीं' है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने छात्रों की अध्ययन सामग्री की आपूर्ति नहीं होने की जानकारी देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की। पीठ ने निगम आयुक्त से स्कूलों में जाने और वहां हो रहे कामकाज पर नजर रखने को कहा।
पीठ में न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा भी शामिल रहे। पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे आप पर छोड़ते हैं। यदि आपको लगता है कि आप जो काम कर रहे हैं उससे आप संतुष्ट हैं, यदि आप अपने कर्मचारियों द्वारा किए गए काम से खुश हैं, तो हम आपको केवल शुभकामनाएं ही दे सकते हैं। अगर आप अपने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहते, तो यह आपके लिए और अच्छी बात है।'' पीठ ने कहा, ‘‘हम इस बात को आपके संज्ञान में ले आए हैं। हमें नहीं लगता कि यह गर्व करने लायक स्कोरकार्ड है। यह कोई सुखद स्थिति नहीं है।'' पीठ ने अधिकारियों से कहा, ''कृपया एमसीडी के स्कूलों का दौरा करें और पता करें...केवल जब आप दौरा करना शुरू करेंगे, स्कूलों में स्थिति ठीक हो जाएगी। जब तक आप निगरानी नहीं करेंगे, कुछ नहीं होगा।'' अदालत ने दिल्ली सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने के निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई सात मई के लिए नियत की।
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