ओम बिरला के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के लिए नड्डा ने की विपक्ष की आलोचना
नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को कांग्रेस को ‘आपातकाल के काले दिनों' की याद दिलाते हुए उसपर तीखा हमला बोला और साथ ही लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के लिए विपक्ष की आलोचना की। लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के ओम बिरला के खिलाफ अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता के सुरेश को उम्मीदवार बनाया है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल की 49वीं बरसी के मौके पर भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के मुद्दे पर कांग्रेस पर ‘पाखंड' और ‘दोहरे मापदंड' अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि मुख्य विपक्षी दल की मानसिकता में लोकतंत्र के लिए कोई जगह नहीं है।
नड्डा ने सवाल किया, ‘‘आज तक कभी भी लोकसभा के स्पीकर का चुनाव सशर्त हुआ है? ये (विपक्ष) कह रहे हैं कि डिप्टी स्पीकर तय करो तब हम स्पीकर को समर्थन देंगे।'' उन्होंने कहा कि यह बात वह लोग कह रहे हैं जिन्होंने अपने शासन वाले राज्यों में खुद इसका पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में तेलंगाना में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों अपने बनाए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कनार्टक में इनका ही स्पीकर और इनका ही डिप्टी स्पीकर है। ममता बनर्जी लोकतंत्र की बात करती हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में भी टीएमसी का ही स्पीकर और डिप्टी स्पीकर है। तमिलनाडु में इनका ही स्पीकर और इनका ही डिप्टी स्पीकर, केरल में वामपंथी दलों का स्पीकर और डिप्टी स्पीकर।'' उन्होंने कहा, ‘‘हाथी के दांत दिखाने के कुछ और और खाने के कुछ और हैं। ये ऐसे लोग हैं जो पाखंड करते हैं और दोहरे मापदंड में जीते हैं। इनके मन में आज भी वही आपातकाल वाली सोच है। मेरी मानो नहीं तो हम आपके साथ जो व्यवहार करेंगे वह तो करेंगे।'' नड्डा ने कहा कि यह प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी जिसने 25 जून, 1975 को आपातकाल लगाकर देश के लोकतंत्र का गला घोंट दिया था और विरोध करने वालों पर बड़े पैमाने पर अत्याचार किए थे। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘संविधान का कई बार अपमान और अनदेखी करने वालों ने खुद को संविधान रक्षक घोषित किया है।''
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