अमित शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों पर चर्चा के लिए विपक्ष को बुलाया, आलोचनाओं को बेबुनियाद बताया
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वह तीन नए आपराधिक कानूनों पर विपक्ष की चिंता एवं आशंका पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। शाह ने विपक्षी दलों से अपील की वे चाहें तो इस मसले पर उनके साथ बैठकर चर्चा कर सकते हैं। सोमवार को तीन नए आपराधिक कानून लागू होने का विपक्षी दलों ने विरोध किया है।
शाह ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं सभी से अपील करता हूं कि इन नए कानूनों को लेकर जो भी उनकी चिंता है, सरकार उन्हें दूर करेगी। अगर आपको लगता है कि ये कानून लोगों के हित में नहीं हैं तो आप इस पर मुझसे चर्चा कर सकते हैं। कानूनों का केवल विरोध करने से समस्या का समाधान नहीं निकल सकता। राजनीति करने के कई और भी तरीके हैं।‘
शाह ने इन आलोचनाओं को बेबुनियाद बताया कि नए आपराधिक कानून कठोर एवं दमनकारी हैं। उन्होंने कहा कि ये कानून आधुनिक समाज के अनुरूप हैं और पीड़ितों के हितों की रक्षा करते हैं, साथ ही पुलिस की जवाबदेही भी तय करते हैं। शाह ने कहा कि नए कानून अंग्रेजी हुकूमत के दौरान तैयार कानूनों की तुलना में तर्कसंगत एवं बेहतर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नए कानून लागू करने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर थी और लगभग 22.5 लाख पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया था।
देशभर में राज्य पुलिस बलों ने नए कानूनों के तहत कुछ मामले दर्ज किए हैं। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नए कानूनों के तहत सड़क के किनारे सामान बेचने वाले एक व्यक्ति (स्ट्रीट वेंडर) के खिलाफ अवरोध उत्पन्न करने के लिए प्राथमिकी (एफआईआर) की गई है। रमेश ने दावा किया कि जिसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के निकट एक पैदल पर पुल के नीचे आजीविका चलाने के लिए सामान बेच रहा था।
शाह ने स्पष्ट किया कि भारत न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत पहला मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आधी रात के थोड़ी देर बाद दर्ज हुआ था। शाह ने कहा कि यह प्राथमिकी मोटरसाइकिल चोरी के मामले में दर्ज हुई है न कि दिल्ली में स्ट्रीट वेंडर के खिलाफ। उन्होंने कहा कि पुलिस ने समीक्षा के प्रावधान का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली मामले का निपटारा कर दिया है।
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