देश का चीनी उत्पादन 2025-26 में 18 प्रतिशत बढ़कर 3.49 करोड़ टन रहने का अनुमान: इस्मा
नयी दिल्ली. भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि अक्टूबर से शुरू होने वाले वर्ष 2025-26 सत्र में भारत का चीनी उत्पादन 18 प्रतिशत बढ़कर 3.49 करोड़ टन होने की उम्मीद है, जिसमें 20 लाख टन निर्यात की गुंजाइश है। अनुमानित उत्पादन में आगामी सत्र के दौरान एथनॉल उत्पादन के लिए चीनी का अपेक्षित उपयोग भी शामिल है।
उद्योग निकाय ने कहा कि अगले सत्र के लिए अधिक चीनी उत्पादन अनुमान, वर्ष 2024-25 में एक साल पहले की तुलना में गन्ना उत्पादन में 42 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एक करोड़ 32.6 लाख टन होने की संभावना है, जो बेहतर पैदावार और अच्छे मानसून के कारण रकबे में मामूली वृद्धि के कारण संभव है। चालू 2024-25 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में, चीनी उत्पादन 2.61 करोड़ टन होने का अनुमान है, और सरकार ने 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। इस्मा के अध्यक्ष गौतम गोयल ने पहला प्रारंभिक अनुमान जारी करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगले सत्र में अधिक सकल चीनी उत्पादन की उम्मीद के साथ, 2025-26 सत्र में 20 लाख टन निर्यात की गुंजाइश है।'' गोयल ने कहा, ‘‘चीनी उत्पादन 3.49 करोड़ टन होने का अनुमान है, जिसमें और वृद्धि की संभावना है और वर्ष 2025-26 के सत्र में 20 लाख टन निर्यात की गुंजाइश है।'' उन्होंने कहा कि अगले सत्र में लगभग 50 लाख टन चीनी का उपयोग एथनॉल उत्पादन के लिए किया जा सकता है, जबकि चालू सत्र में यह 35 लाख टन है।
एथनॉल के उपयोग के बाद, घरेलू खपत को पूरा करने के लिए तीन करोड़ टन ताज़ा चीनी और 52 लाख टन का शुरुआती स्टॉक उपलब्ध होगा, जो अगले सत्र में 2.85 करोड़ टन रहने का अनुमान है। गोयल ने कहा, ‘‘अगले सत्र में चीनी उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद को देखते हुए, सरकार को समय पर कार्रवाई करनी चाहिए और अधिक चीनी को अन्यत्र भेजने और निर्यात के लिए अनुमति देनी चाहिए। अगर आप समय पर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो इससे इस क्षेत्र के लिए समस्याएं पैदा होंगी।'' उन्होंने कहा कि उद्योग संगठन ने 20 लाख टन चीनी निर्यात के लिए ‘समय पर' अनुमति देने, एथनॉल के लिए अधिक मात्रा में इसका उपयोग करने, चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य में वृद्धि के साथ-साथ बी गुड़ शीरा और गन्ने के रस से बने एथनॉल की कीमतों में वृद्धि की मांग की है। अपने पहले अनुमान में, इस्मा ने शीर्ष उत्पादक राज्यों में 2025-26 सत्र में अधिक चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया जिसमें 2025-26 के सत्र में उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 2.5 लाख टन, महाराष्ट्र में एक करोड़ 32.6 लाख टन और कर्नाटक में 66.1 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है।
बेहतर पैदावार और अच्छे मानसून की वजह से खेती के बढ़े हुए रकबे के कारण गन्ने का उत्पादन 93.3 लाख टन से बढ़कर एक करोड़ 32.6 लाख टन होने का अनुमान है। अगले सत्र के पहले दो महीनों में मांग को पूरा करने के लिए कच्ची चीनी के आयात के बारे में, इस्मा के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा, ‘‘कच्ची चीनी के आयात की कोई आवश्यकता नहीं है। हमारे पास 52 लाख टन का पर्याप्त अंतिम चीनी स्टॉक है।'' इस्मा ने कहा कि वह इस समय प्रारंभिक चीनी उत्पादन अनुमान जारी कर रहा है, हालांकि विभिन्न कारकों, विशेष रूप से दक्षिण-पश्चिम मानसून के अभी आधे समय में होने के कारण, शेष सत्र के लिए फसल उत्पादन का सटीक अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी। फिलहाल, फसल अभी शुरुआती दौर में है और कई कारक इसकी अंतिम गुणवत्ता और उपज को प्रभावित करेंगे। फिर भी, इस्मा ने मौजूदा स्थिति के आधार पर पहला अनुमान जारी कर दिया है। अगला अनुमान सितंबर में जारी किया जाएगा।
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