गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की दिशा में भारत का पहला कदम होगा : डॉ. जितेंद्र सिंह
नयी दिल्ली। भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' को देश के सतत मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम बताते हुए सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस कार्यक्रम के तहत आवश्यक क्षमताओं के सफल परीक्षण के बाद भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना की जाएगी। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन से फार्मास्युटिकल्स, जैव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में नवाचार एवं उन्नत तकनीकों के विकास को बल मिलेगा और भारत को भविष्य में अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ ‘सहयोगी भागीदार' के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा।
उन्होंने बताया कि गगनयान कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक कई प्रमुख उपलब्धियां हासिल की गई हैं जिनमें ‘ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल' (एचएलवीएम3) का विकास और जमीनी परीक्षण पूरा होना, ‘सर्विस मॉड्यूल' के प्रणोदन तंत्र विकास व परीक्षण होना और पर्यावरण नियंत्रण एवं जीवन रक्षक प्रणाली (ईसीएलएसएस) का इंजीनियरिंग मॉडल तैयार होना शामिल है। मंत्री ने बताया कि गगनयान मिशन के लिए भारतीय वायुसेना के चार पायलट का चयन किया गया है जिनमें से एक ने फरवरी 2020 से मार्च 2021 के बीच रूस स्थित गागरिन कॉसमोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (जीसीटीसी) में सामान्य अंतरिक्ष उड़ान प्रशिक्षण प्राप्त किया। सिंह ने बताया कि वर्तमान में ये गगनयात्री बेंगलुरु में स्थापित एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी (एटीएफ) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिसे तीन सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। इनमें से दो सेमेस्टर पूर्ण हो चुके हैं और शीघ्र ही तीसरे सेमेस्टर का प्रशिक्षण प्रारंभ होगा।
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