राजनीतिक दलों ने मसौदा मतदाता सूची में नाम शामिल करने या हटाने को लेकर कोई दावा नहीं किया: आयोग
नयी दिल्ली. निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि एक अगस्त को बिहार की मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद से किसी भी राजनीतिक दल ने दस्तावेज़ से किसी व्यक्ति का नाम शामिल करने या हटाने के लिए उससे संपर्क नहीं किया है। मसौदा सूची को लेकर एक सितंबर तक आपत्तियां और दावे दर्ज कराए जा सकते हैं। इसके तहत दल और व्यक्ति छूटे हुए पात्र नागरिकों को शामिल करने और उन लोगों को बाहर करने की मांग कर सकते हैं जिन्हें वे अयोग्य मानते हैं। निर्वाचन आयोग ने कहा कि एक अगस्त को दोपहर तीन बजे से 4 अगस्त (सोमवार) को दोपहर बाद 3 बजे के बीच, दलों द्वारा नियुक्त किसी भी बूथ-स्तरीय एजेंट ने दावे और आपत्ति प्रक्रिया में चुनाव अधिकारियों से संपर्क नहीं किया है। आयोग के एक बुलेटिन में कहा गया है कि अब तक 1,927 व्यक्तियों ने नाम शामिल करने या हटाने के लिए उससे संपर्क किया है। यह मसौदा सूची आयोग द्वारा जारी बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का हिस्सा है, जिसका विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। विपक्षी दलों का दावा है कि इस प्रक्रिया से करोड़ों पात्र नागरिकों को दस्तावेजों के अभाव में मतदान के अधिकार से वंचित होना पड़ सकता है। आयोग ने इस बात पर जोर दिया है कि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से बाहर नहीं रहेगा। बिहार की अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी।







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