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मथुरा के सभी प्रमुख मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव 16 अगस्त की मध्य रात्रि को मनाया जाएगा

मथुरा .  मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर व वृन्दावन के ठा. बांकेबिहारी मंदिर सहित सभी प्रमुख मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव (जन्माष्टमी) इस वर्ष 16 अगस्त की मध्य रात्रि को तथा नन्दगांव में 17 अगस्त की रात्रि में मनाया जाएगा। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इसके लिए सभी मंदिरों सहित जिला प्रशासन स्तर पर भी व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। जिलाधिकारी (डीएम) चंद्रप्रकाश सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर 42 लाख श्रद्धालु मथुरा पहुंचे थे, लेकिन इस वर्ष अनुमान है कि यह आंकड़ा 50 लाख के भी पार जा सकता है। उन्होंने बताया कि मथुरा, वृन्दावन, बरसाना, गोकुल, नन्दगांव, गोवर्धन, महावन आदि सभी तीर्थस्थलों पर इसी हिसाब से तैयारियां की जा रही हैं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं संरक्षा के इंतजाम भी व्यापक स्तर पर किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर में ही निगरानी के लिए 150 सीसीटीवी कैमरों का इंतजाम किया गया है और बाहरी क्षेत्र में भी सौ से अधिक कैमरे निगरानी कार्य में प्रयोग किए जाएंगे। इनके अलावा, इस बार श्रीकृष्ण जन्मभूमि क्षेत्र की निगरानी में कृत्रिम मेधा (एआई) तकनीक युक्त ड्रोन कैमरों का भी उपयोग किया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित सभी प्रमुख मंदिरों, संवेदनशील स्थानों आदि सहित शहर में सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि इन दिनों शहर में साफ-सफाई, क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत, मार्गों का सौंदर्यीकरण, चौराहों की सजावट आदि का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पदेन मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि इस वर्ष श्री कृष्णोत्सव पर्व तीन दिन (15 से 17 अगस्त तक) मनाया जाएगा, जिसकी शुरुआत 15 अगस्त की सुबह 10 बजे श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार से शोभायात्रा के साथ होगी। यह यात्रा परम्परागत रूप से पोतरा कुण्ड, गोविंद नगर, डीग गेट से होते हुए श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार पर ही सम्पन्न हो जाएगी। उन्होंने बताया कि शोभायात्रा में धर्म-आध्यात्म के साथ स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीयता का भी समावेश किया जाएगा। शोभायात्रा में ब्रज के साथ बुंदेलखंड, राजस्थान और हरियाणा के लगभग 250 लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। सिंह ने बताया कि ये कलाकार बुंदेलखंड का राई नृत्य, राजस्थान का कच्ची घोड़ी नृत्य, हरियाणा का गूजरी नृत्य आदि का प्रदर्शन करते हुए निकलेंगे। ब्रज के कलाकर बम्ब नगाड़े, ढोल, बीन, शहनाई, डमरू-मजीरा पर अपनी प्रस्तुति देंगे। इसके साथ ही शोभायात्रा में मान मंदिर बरसाना, इस्कान वृन्दावन सहित विभिन्न मंदिरों की भजन मंडलियां भी भक्ति रस बिखेरेंगी। इस मौके पर ठा. बांकेबिहारी मंदिर प्रबंधन की ओर से अपील की गई है चूंकि जन्माष्टमी के अवसर पर वृन्दावन में आने वाले श्रद्धालुओं का अत्यधिक दबाव रहेगा, इसलिए ऐसे में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना अथवा विपरीत परिस्थिति से बचने के लिए बीमार व्यक्तियों, बुजुर्गों, दिव्यांगजनों, छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, रक्तचाप व शर्करा के मरीजों को साथ न लाएं।

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