ब्रेकिंग न्यूज़

एम्स-नागपुर और यूनिसेफ बच्चों में गैर-संचारी रोगों के खतरे से निपटने के वास्ते कार्यक्रम शुरू करेंगे

 मुंबई।, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नागपुर और यूनिसेफ महाराष्ट्र बच्चों में गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए एक साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। व्यापक राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण 2019 के अनुसार, भारत में पांच से नौ वर्ष की आयु के बच्चों और 10 से 19 वर्ष की आयु के किशोरों में एनसीडी का खतरा बढ़ रहा है। सबसे सामान्य एनसीडी बीमारियां जैसे मोटापा, अस्थमा, मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग अक्सर जीवन में होने वाले जोखिमों से उत्पन्न होते हैं, जिनमें खराब पोषण, सुस्त जीवन शैली और पर्यावरणीय प्रभाव शामिल हैं। एम्स-नागपुर में शिशु रोग विभाग की प्रमुख डॉ. मीनाक्षी गिरीश ने  कहा, ‘‘स्वास्थ्य प्रणाली में अक्सर बचपन में होने वाले एनसीडी रोग को कम ही पहचाना जाता है, जिससे निदान और प्रबंधन में देरी होती है। कई मामलों में इन बीमारियों का तब तक पता नहीं लगता जब तक कि ये गंभीर जटिलताओं में न बदल जाएं, जिससे फिर लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याएं और स्वास्थ्य देखभाल का बोझ बढ़ सकता है।'' यूनिसेफ, एम्स-नागपुर और महाराष्ट्र सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग बच्चों में बढ़ती एनसीडी बीमारियों की चुनौती से निपटने के लिए एक साथ आगे आए हैं। यूनिसेफ महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. मंगेश गढ़ारी ने बताया, ‘‘इस कार्यक्रम का ‘पायलट प्रोजेक्ट' सितंबर में विदर्भ क्षेत्र के भंडारा और वर्धा में शुरू होने की उम्मीद है। हम प्रोटोकॉल और प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने पर काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्क्रीनिंग शुरू होने से पहले स्वास्थ्य कर्मियों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाए।'' इस कार्यक्रम के तीन वर्ष के अंत तक महाराष्ट्र के 11 जिलों में शुरू होने की उम्मीद है।
 उन्होंने बताया कि प्रत्येक एनसीडी के लिए कार्य बल का गठन फरवरी में किया गया था और इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के सचिव से अप्रैल में अनुमोदन प्राप्त हुआ। इस एनसीडी कार्य बल में भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी के विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेजों के सरकारी विशेषज्ञ, शिक्षा जगत और अन्य पेशेवर संघ शामिल हैं। एम्स-नागपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. प्रशांत पी. जोशी ने कहा, ‘‘यह साझेदारी राज्य सरकार की अद्वितीय पहुंच, यूनिसेफ के समर्थन, एम्स-नागपुर की नैदानिक विशेषज्ञता और अनुसंधान क्षमताओं को एक साथ जोड़ती है...।''  

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english