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देश में जल प्रबंधन में ऐतिहासिक प्रगति : 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों तक पहुंचा नल से जल, भूजल स्तर में भी सुधार

 नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जल आपूर्ति और भूजल प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रिपोर्ट के मुताबिक जल जीवन मिशन (JJM) के तहत, 7 अगस्त 2025 तक 12.45 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण घरों को जल कनेक्शन दिया गया है। वहीं कुल 19.36 करोड़ ग्रामीण घरों में से 15.68 करोड़ (81%) घरों में नल से जल आपूर्ति हो रही है। इससे पहले अगस्त 2019 में केवल 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण घरों में नल से जल कनेक्शन उपलब्ध था।

चूंकि पेयजल राज्यों का विषय है, इसकी योजना, डिजाइन, अनुमोदन और क्रियान्वयन राज्य सरकारें करती हैं। केंद्र सरकार तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करती है। वहीं जल जीवन मिशन के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को आवंटन ग्रामीण जनसंख्या (30%), एससी/एसटी ग्रामीण जनसंख्या (10%), रेगिस्तानी/सूखा प्रभावित क्षेत्र (30%), रासायनिक प्रदूषण वाले बस्तियों की जनसंख्या (10%) और शेष घरों में जल कनेक्शन (20%) जैसे मानकों के आधार पर तय किया जाता है। इसके लिए केंद्र व राज्यों के बीच जल जीवन मिशन में फंड शेयरिंग पैटर्न क्रमश: 100% (विधानसभा रहित केंद्रशासित प्रदेश), 90:10 (पूर्वोत्तर व हिमालयी राज्य), और 50:50 (अन्य राज्य) है।
इस मिशन के तहत, केंद्र से अनुदान दो बराबर किस्तों में जारी होता है, जो “जस्ट इन टाइम” सिद्धांत के तहत राज्यों के फंड उपयोग के आकलन के बाद जारी किया जाता है। कार्यान्वयन की निगरानी के लिए आधार-लिंकिंग, एसेट का जियो-टैगिंग, थर्ड-पार्टी निरीक्षण, सेंसर-आधारित IoT मॉनिटरिंग, और ग्राम स्तर पर पानी की मात्रा व गुणवत्ता की जांच की व्यवस्था की गई है। 2022 की कार्यात्मकता आकलन में पाया गया कि 86% घरों में नल कनेक्शन कार्यरत हैं, जिनमें से 85% को पर्याप्त मात्रा में, 80% को नियमित समय पर, और 87% को मानक गुणवत्ता वाला पानी मिल रहा है।
वहीं शहरी क्षेत्रों में भी जल प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है। AMRUT मिशन के तहत 189 लाख नल कनेक्शन और AMRUT 2.0 के तहत 407 लाख कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इन परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंस, फील्ड विजिट और ऑनलाइन पोर्टल के जरिए की जाती है। NITI Aayog ने 2020 में इस योजना के सकारात्मक प्रभाव की पुष्टि की थी।
इसके अलावा भूजल प्रबंधन में भी सफलता देखने मिली है। अटल भूजल योजना (ABY), जिसकी कुल लागत 6,000 करोड़ रुपए है, 1 अप्रैल 2020 से 7 राज्यों – गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 80 जिलों के 229 जल -संकटग्रस्त ब्लॉकों में लागू की जा रही है। अब तक 83 ब्लॉकों में भूजल स्तर में सुधार दर्ज हुआ है जिनमें गुजरात के (13), हरियाणा (14), कर्नाटक (20), मध्य प्रदेश (4), महाराष्ट्र (14), राजस्थान (13) और उत्तर प्रदेश (5) के ब्लॉक शामिल हैं। एबीवाई में प्रदर्शन-आधारित फंड आवंटन, पारदर्शी मॉनिटरिंग, राज्यस्तरीय स्टीयरिंग कमेटी, थर्ड-पार्टी वेरिफिकेशन, और वित्तीय ऑडिट की व्यवस्था है। जल संसाधन से संबंधित डेटा सार्वजनिक पोर्टल और मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है।
केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमन्ना ने  सोमवार को  राज्यसभा में बताया कि इन योजनाओं ने न केवल जल की पहुंच बढ़ाई है, बल्कि ग्रामीण व शहरी जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार किया है, और जल संरक्षण के प्रति जनभागीदारी को प्रोत्साहित किया है।-

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