महाराष्ट्र में भारी बारिश से लाखों एकड़ फसल बर्बाद, किसानों की चिंता बढ़ी
मुंबई। महाराष्ट्र में आफत की बारिश जारी है । पूरे राज्य में बारिश से आम-जनजीवन पर खासा असर पड़ा है। कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है । राज्य में 21 अगस्त तक हालातों में कोई सुधार नहीं होने की उम्मीद है । लगातार जारी भारी बारिश ने आम-जनजीवन के साथ-साथ किसानों को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। राज्य में लाख एकड़ में खड़ी फसलों का नुकसान हुआ है ।
कृषि विभाग की तरफ से बताया गया है कि गुरुवार 14 अगस्त से जारी बारिश के चलते अमरावती जिले में 12,360 हेक्टेयर में लगी सोयाबीन, कपास और संतरे की फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई हैं । यवतमाल में शुरुआती अनुमान के अनुसार 90,852 हेक्टेयर में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है । यवतमाल जिले के 13 तालुका पर बारिश का असर पड़ा है। कृषि अधिकारी राहुल सतपुते के हवाले से बताया है कि अमरावती डिविजन के पांच जिलों में करीब तीन लाख हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ है ।
विदर्भ में भी काफी नुकसान हुआ है। यहां के मेखर, मालेगांव, पातूर और बालापुर में लगातार बारिश हो रही है। उतावली और निर्गुण बांध ओवरफ्लो हो गए हैं । इसकी वजह से कई हेक्टेयर में कृषि योग्य भूमि पानी में डूब गई है। नुकसान काफी ज्यादा हो सकता है, प्रशासन अभी अनुमान लगाने में जुटा है । प्रशासन की तरफ से जो शुरुआती जानकारी दी गई है उसके अनुसार यहां भी नींबू, कपास, अरहर और सोयाबीन की फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है । मराठवाड़ा में भी कई गांव पानी में डूबे हैं और कई हेक्टेयर भूमि बह गई है । अकेले संभाजी नगर जिले में ही 800 गांव पानी में डूब गए हैं । यहां पर दो लाख हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं ।
मौसम विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटे में और बारिश होने की चेतावनी दी है. ऐसे में निचले इलाकों और नदी किनारे की फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है। चार दिन से जारी बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति ने किसानों की सोयाबीन, कपास और अरहर जैसी खरीफ फसलों को हजारों हेक्टेयर में नुकसान पहुंचाया है। यवतमाल, बीड और नांदेड़ में, जहां बुवाई की गई थी, चार लाख हेक्टेयर जमीन बहुत ज्यादा बारिश के कारण नष्ट हो गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भरोसा दिलाया है कि पंचनामा करके किसानों को पूरा मुआवजा दिया जाएगा । रत्नागिरी , रायगढ़ और हिंगोली जिलों में अधिक वर्षा हुई है और मौसम विभाग ने 17 से 21 अगस्त के बीच भारी वर्षा की चेतावनी दी है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अगले कुछ दिनों तक सतर्क रहने के निर्देश दिए। कोंकण में कुछ नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं और जलगांव में भारी नुकसान हुआ है। अलमट्टी के संबंध में कर्नाटक सरकार से लगातार संपर्क बनाए रखा जा रहा है , और हालांकि फिलहाल कोई खतरा नहीं है, फिर भी मुख्यमंत्री ने व्यवस्था को अलर्ट पर रखने के आदेश दिए हैं। मुखेड़ में स्थिति नियंत्रण में आ गई है , और विष्णुपुरी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। खतरे का स्तर बढ़ने से पहले अन्य राज्यों से संपर्क करने को कहा गया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पर्यटन स्थलों पर पुलिस सतर्क रहे , भूस्खलन वाले क्षेत्रों में व्यवस्था पहले से चालू रहे और आश्रय केंद्रों पर भोजन, स्वच्छ पानी और कपड़ों की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराई जाए । मुख्यमंत्री द्वारा नागरिकों को दिए गए निर्देशों में , उनसे अपील की गई कि वे एसएमएस अलर्ट भेजते समय सटीक समय का उल्लेख करें , अलर्ट को गंभीरता से लें और अपना ध्यान रखें । उन्होंने स्पष्ट किया कि तत्काल सहायता के लिए मंत्रालय से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है , स्थानीय स्तर पर धनराशि और अधिकार दिए गए हैं ।
राज्य सरकार ने भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का तत्काल आकलन करने के निर्देश दिए हैं। राहत और पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव-पाटिल ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा दिए गए पूर्वानुमान के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक बारिश की तीव्रता जारी रहेगी। भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति के कारण राज्य में कृषि फसलों और बागों को जो नुकसान हुआ है, संबंधित जिले के जिला कलेक्टर तुरंत नुकसान का पंचनामा करें और बिना देरी के अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें । भारतीय मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक विदर्भ , मराठवाड़ा और कोंकण क्षेत्रों में भारी वर्षा की चेतावनी दी है । प्रशासन को इन क्षेत्रों के नागरिकों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए सतर्क रहना चाहिए। सरकार नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ी है और प्रशासन को भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित लोगों का तुरंत पंचनामा करना चाहिए ताकि प्रभावित समूहों को तत्काल मदद और राहत मिल सके। इस नुकसान की रिपोर्ट संबंधित विभागीय आयुक्तों को सौंपने का कहा गया है।
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