जीएसटी दरों में सुधार से कारोबार क्षेत्रों, उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगीः उद्योग
नयी दिल्ली. उद्योग जगत एवं निर्यातक समुदाय ने बुधवार को जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों को कर सुधारों की दिशा में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इससे कारोबार क्षेत्रों एवं उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने के साथ वृद्धि भी तेज होगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने बयान में कहा, “जीएसटी सुधारों का कदम एक शानदार उपलब्धि है। पांच और 18 प्रतिशत की दो कर दरें ही रखने, रिफंड और एमएसएमई से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने और व्यक्तिगत जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी हटाने जैसे दूरदर्शी फैसलों का हम स्वागत करते हैं। यह एक व्यापक बदलाव है।”
उन्होंने कहा कि कर ढांचे में इस स्पष्टता से अनुपालन आसान होगा, मुकदमे घटेंगे और कारोबारों एवं उपभोक्ताओं को पूर्वानुमान की सुविधा मिलेगी। बनर्जी ने कहा कि रोजमर्रा की वस्तुओं और जरूरी कच्चे माल पर दरें कम होने से परिवारों को तत्काल राहत मिलेगी और वृद्धि की बुनियाद मजबूत होगी। उन्होंने कहा, “सीआईआई का मानना है कि उद्योग क्षेत्र इन लाभों को तेजी से उपभोक्ताओं तक पहुंचाएगा और सरकार के साथ मिलकर सुचारू, समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा। इससे मांग को बढ़ावा मिलेगा और नौकरियां सृजित होंगी।”
शीर्ष निर्यातक संगठन फियो ने भी जीएसटी परिषद के फैसलों का स्वागत करते हुए कहा कि सात दिन के भीतर रिफंड निपटान की प्रतिबद्धता सही दिशा में उठाया गया कदम है और इससे निर्यातकों पर नकदी से जुड़ा दबाव काफी हद तक कम होगा। निर्यातकों के प्रतिनिधि संगठन ने कहा कि वैश्विक मांग को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच समय पर और पूर्वानुमेय रिफंड भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए बेहद अहम हैं। फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, “हमें सरकार के साथ मिलकर इन उपायों के जमीनी स्तर पर सुचारू क्रियान्वयन की उम्मीद है। एक हजार रुपये से कम के जीएसटी रिफंड की अनुमति ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी।”
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