प्रतिरोपण के लिए ग्रीन कॉरिडोर के जरिए चंडीगढ़ से दिल्ली पहुंचाए गए हृदय से मरीज को नई जिंदगी मिली
नयी दिल्ली. दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मेरठ निवासी 39 वर्षीय एक व्यक्ति को उस समय नई जिंदगी मिली जब चंडीगढ़ से दाता (डोनर) का हृदय विभिन्न ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से मात्र एक घंटे 55 मिनट में राष्ट्रीय राजधानी पहुंचाया गया। यह जीवन रक्षक प्रतिरोपण 26 अगस्त को किया गया। अस्पताल के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दो राज्यों से होकर हृदय को सुरक्षित और अनुकूल अवस्था में लाने से सर्जरी की सफलता की संभावनाएं काफी बढ़ गईं। मरीज बीते चार वर्षों से डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी, गंभीर माइट्रल वाल्व लीक से पीड़ित था और उसे सांस लेने में परेशानी भी होती थी। इलाज के लिए उसे कई बार आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा था।
पिछले माह जब उसे राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) में पंजीकृत किया गया, तो वह चंडीगढ़ में उपलब्ध दाता हृदय के लिए चयनित किया गया। कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार और निदेशक डॉ. सुजय शाद की अगुवाई में विशेषज्ञों की टीम ने सफलतापूर्वक प्रतिरोपण किया। डॉक्टरों के अनुसार, मरीज को सर्जरी के 18 घंटे के भीतर वेंटिलेटर से हटा दिया गया और उसने अब हल्की गतिविधियां भी शुरू कर दी हैं। यह प्रतिरोपण राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन, अंग निकालने और प्रतिरोपण करने वाली टीमों और दो राज्यों में बनाए गए निर्बाध ग्रीन कॉरिडोर के संयुक्त प्रयासों से संभव हो सका। डॉ. शाद ने कहा, “हृदय का दो घंटे से भी कम समय में हम तक पहुंचना इस सर्जरी की सफलता में निर्णायक भूमिका निभाने वाला कारक रहा।”
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