प्रधानमंत्री ने कहा- जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का काम तेजी से करना होगा ताकि वहां चुनाव कराये जा सकें
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने और केन्द्र शासित प्रदेश को निर्वाचित सरकार प्रदान करने के लिए विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन का काम तेजी से पूरा करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोकप्रिय सरकार की स्थापना से विकास को बल मिलेगा। नई दिल्ली में जम्मू कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता केन्द्र शासित प्रदेश में निचले स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत बनाना है। उन्होंने नेताओं से कहा कि लोगों और विशेष रूप से युवाओं को आगे आकर जम्मू-कश्मीर को राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करना होगा।
श्री मोदी ने केन्द्र शासित प्रदेश में विकास परियोजनाओं की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं से अपील की कि वे क्षेत्र की प्रगति और युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मिलकर काम करें। श्री मोदी ने बातचीत के सदभावपूर्ण माहौल और विचारों के स्पष्ट आदान-प्रदान की सराहना की। श्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीतिक नेताओं के साथ कल की बैठक को विकसित और समृद्ध जम्मू-कश्मीर की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में चहुमुखी विकास को बल मिल रहा है।
बैठक के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किये जाने के लिए परिसीमन की प्रक्रिया और शांतिपूर्ण मतदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस बारे में संसद में वादा किया गया था। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता के साथ विकास को बढावा देते हुए जम्मू-कश्मीर ने एक लंबी यात्रा तय की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश में लोगों के लाभ के लिए चलाये जा रहे केन्द्रीय कार्यक्रमों का 90 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कई प्रमुख सडक परियोजनाएं, दो नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स और सात नये मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जा रहे हैं। केन्द्र शासित प्रदेश में उद्योगों के विकास में तेजी लाने के लिए 28 हजार चार सौ करोड रुपये के पैकेज के साथ नई औद्योगिक नीति अधिसूचित की गई है। इसका लक्ष्य जम्मू-कश्मीर में रोजगार के साढे चार लाख अवसर पैदा करना है। बैठक में जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूत बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। विभिन्न दलों के राजनेताओं ने इस बारे में अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने संविधान और लोकतंत्र को मजबूत बनाने के प्रति बचनबद्धता भी व्यक्त की।
Leave A Comment