अस्पतालों में बाल चिकित्सा सुविधाओं के लिए बजट से अतिरिक्त 23,220 करोड़ रुपये
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा असर होने की संभावनाओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिये बिस्तरे और अन्य सुविधायें बढ़ाने के वास्ते सोमवार को बजट से 23 हजार 220 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोष उपलब्ध कराने की घोषणा की। अधिकारिेयों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को यह राशि दे दी गयी है। वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यों के साथ मिल कर इसका उपयोग करेगा।
केन्द्रीय मंत्री सीतारमण ने इसके साथ ही निजी अस्पतालों को चिकित्सा और स्वास्थ्य ढांचा स्थापित करने के वासते 50 हजार करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना की भी घोषणा की है। यह सुविधा आठ महानगरों को छोड़कर अन्य शहरों में स्थापित किये जाने वाले स्वास्थ्य ढांचे के लिये उपलब्ध होगी। वित्त मंत्री ने इसकी घोषणा करते हुये कहा, ''हम अब प्राथमिक रूप से बाल चिकित्सा पर केन्द्रित सुविधाओं के लिये 23 हजार 220 करोड़ रुपये की राशि और उपलब्ध करा रहे हैं। यह धन इसी वित्त वर्ष में खर्च किा जाएगा।' उन्होंने कि इस सुविधा से लाभ बच्चे के अलावा दूसरे मरीजों को भी आराम होगा। स्वास्थ्य क्षेत्र के उद्यमियों ने वित्त मंत्री की घोषणा का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
वित्त मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''यह राशि मानव संसाधन बढ़ाने पर भी खर्च होगी। इसके तहत आपातकालीन परिस्थितियों में चिकित्सा छात्रों, नर्सों को सहायता के लिये लाया जा सकेगा। सघन चिकित्सा यूनिट बिस्तर उपलब्ध कराये जा सकेंगे। उप-जिला, जिला और केन्द्रीय स्तर पर आक्सीजन की आपूर्ति की जा सकेगी। इसके अलावा दवायें और उपकरण, दूरसंचार माध्यमों से डाक्टर की सलाह और एंबुलेंस सेवाएं आदि को सुनिश्चित किया जा सकेगा। यह सब बच्चों पर प्राथमिकता के साथ ध्यान केन्द्रित करते हुये किया जायेगा। इससे ताकि बाल चिकित्सा पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा।''
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