स्थलों के संरक्षण एवं विकास के लिए पांच करोड़ तक खर्च किये जा सकेंगे
रांची। झारखंड सरकार ने मंगलवार को फैसला किया कि राज्य में अब सरना, जाहेरस्थान, हड़गड़ी व मसना स्थल के संरक्षण और विकास के लिए जनजातीय विभाग 25 लाख रुपये से लेकर पांच करोड़ रुपये तक खर्च कर सकेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए इस समुदाय के पवित्र स्थलों को संरक्षित करने के साथ-साथ विकसित करने के लिए पांच करोड़ रुपये तक खर्च करने की अनुमति प्रदान कर दी है। मंगलवार के फैसले के अनुसार, योजना के नाम में अब घेराबंदी शब्द की जगह संरक्षण एवं विकास जोड़ दिया गया है। इस प्रकार सरना, जाहेरस्थान, हड़गड़ी व मसना स्थल के संरक्षण के लिए विभाग 25 लाख रुपये से लेकर पांच करोड़ रुपये तक खर्च कर सकेगा। पच्चीस लाख रुपये तक की राशि लाभुक समिति के माध्यम से खर्च की जाएगी जबकि इसके ऊपर की राशि के लिए निविदा प्रक्रिया अपनाई जाएगी। सरकार की योजना है कि इन स्थलों पर लोगों के बैठने के लिए चबूतरे का निर्माण, पानी, बिजली, पार्किंग आदि आधारभूत संरचना का विकास किया जाएगा। पहले इन स्थलों की रक्षा के लिए भूमि की घेरेबंदी के लिए ही राज्य सरकार की ओर से व्यय का प्रावधान था।
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