दक्षिण पश्चिम मानसून देश के अधिकांश भागों में पहुंचा, जानें छत्तीसगढ़ में एक जुलाई को क्या रहेगी स्थिति.....
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र अनुसार दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2021 ने अब तक राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के भागों को छोड़कर देश के अधिकांश भागों को कवर कर लिया है।
एक द्रोणीका उत्तर पूर्व उत्तर प्रदेश से उत्तर पूर्व असम तक बिहार और उप हिमालयन पश्चिम बंगाल तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। एक द्रोणिका विदर्भ से दक्षिण तमिलनाडु तक तेलंगाना और अंदरूनी तमिलनाडु होते हुए 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। छत्तीसगढ़ में 1 जुलाई को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पडऩे की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ अंधड़ चलने और आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है ।
मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) इस समय 26ए उत्तरी अक्षांश और 70ए पूर्वी देशांतर तथा बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से होकर गुजऱ रही है। 19 जून के बाद से मॉनसून आगे नहीं बढ़ा है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि उत्तर-पश्चिम भारत पर लगातार पश्चिमी दिशा से शुष्क हवाएं चलती रहीं, मॉडन जूलियन ओशीलेशन (एमजेओ) अनुकूल नहीं रहा और बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों पर कोई भी निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित नहीं हुआ।
एमजेओ वर्तमान समय में भूमध्य रेखा पर पूर्वी अफ्रीका के पास चरण-1 में है और इसका एम्प्लिट्यूड 1 से अधिक है। यह 2 जुलाई तक दूसरे चरण में (हिन्द महासागर के पश्चिमी भागों और इससे सटे अरब सागर पर) पहुंच जाएगा और इसका एम्प्लिट्यूड इस दौरान भी लगभग 1 रहेगा। इसके 7 जुलाई तक तीसरे चरण में (हिन्द महासागर के पूर्वी भागों और इससे सटे बंगाल की खाड़ी पर) पहुंचने की संभावना है। एमजेओ के प्रभाव से हिन्द महासागर के उत्तरी भागों पर जुलाई के दूसरे सप्ताह लगभग 7 जुलाई के आसपास से भूमध्य रेखा पर हवाओं का प्रवाह बढ़ेगा और मॉनसून के घने बादल विकसित होंने लगेंगे। हवाओं से जुड़े मॉडल से जो संकेत मिल रहे हैं उसके अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी भागों में 7 जुलाई से पहले बंगाल की खाड़ी से ट्रोपोस्फीयर के निचले स्तर पर पूर्वी आद्र्र हवाएँ निरंतर चलनी शुरू नहीं होंगी। इसलिए राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के बाकी हिस्सों तथा दिल्ली में 7 जुलाई से पहले मॉनसून के पहुंचने की संभावना फिलहाल नहीं है।
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