भविष्य की कोरोना वायरस की लहरें बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेंगी या अधिक घातक होंगी, ये सभी अटकलें हैं....विशेषज्ञ
"गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए कोविड वैक्सीन बढ़ते भ्रूण और नवजात को जानलेवा संक्रमण से बचाएगी"
"अब तक, बच्चों में मृत्यु दर वयस्कों की तुलना में कम है और सामान्यत: यह रोगग्रस्त बच्चों में देखी गई है"
नई दिल्ली। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली के शिशु रोग विभाग के निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार ने बच्चों पर कोविड-19 के प्रभाव, उनकी सुरक्षा की आवश्यकता और गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली माताओं को टीका लगवाने सहित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की।
क्या आपको लगता है कि भविष्य की लहरें बच्चों को और अधिक गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं? शिशु रोगियों को गुणवत्ता देखभाल प्रदान करने के संबंध में कैसे देश को कोविड-19 की भविष्य की लहर के लिए तैयार करने की जरूरत है?
डॉ. प्रवीण कुमार- जैसा कि हम सभी जानते हैं कोविड-19 एक नया वायरस है जिसमें म्यूटेट होने की क्षमता है। यह अटकलें हैं कि क्या भविष्य की लहरें बच्चों को अधिक प्रभावित करेंगी या अधिक घातक होंगी। लोगों की अटकलें हैं कि भविष्य की लहरें बच्चों को और अधिक प्रभावित कर सकती हैं क्योंकि अधिकतर वयस्कों को अगले कुछ महीनों में टीका लगाया जाएगाजबकि इस समय हमारे पास बच्चों के लिए कोई स्वीकृत टीका नहीं है।
हालांकि हम नहीं जानते कि भविष्य में वायरस बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करेगा और प्रभाव डालेगालेकिन हमें अपने बच्चों को संक्रमणसे बचाने की जरूरत है। घर में वयस्कों को कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए तथा संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए अपने सामाजिक संबंधों को सीमित करना चाहिए क्योंकि वे संक्रमण दूसरों तक ले जा सकते हैं और फैला सकते हैं।इसके अलावा सभी वयस्कों को टीके लगवाने चाहिए, जिससे बच्चों की काफी हद तक सुरक्षा भी होगी। और अब टीका गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भी उपलब्ध है। इससे जानलेवा संक्रमण से बढ़ते भ्रूण और नवजात को कुछ हद तक सुरक्षा मिलेगी।
एमआईएस-सी क्या है? कृपया इस स्थिति के बारे में विस्तार से बताइए कि एमआईएस-सी मामले का इलाज करते समय आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? क्या आपको लगता है कि माता-पिता को एमआईएस-सी और इसके उपचार के बारे में जागरूक होना चाहिए?
डॉ. प्रवीण कुमार- मल्टीसिस्टम इनफ्लैमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस) बच्चों और किशोरों (0-19 साल की उम्र) में देखा जाने वाला एक नया सिंड्रोम है। अधिकतर रोगियों ने इसकी रिर्पोट प्रभावित आबादी में कोविड-19 संक्रमण के शिखर पर होने के दो से छह सप्ताह के बाद की। तीन प्रकार के क्लीनिकल कोर्स का वर्णन किया गया है: बढ़े हुएइनफ्लैमेटरी मापदंडों के साथ लगातार बुखार, प्रेजेंटेशन और शॉक जैसी कावासाकी रोग, एलवी डिसफंक्शन के साथ इनोट्रोपिक आवश्यकता। एमआईएस-सी के निदान की स्थापना के लिएउन्नत जांच की आवश्यकता होती है। सभी संदिग्ध मामलों को एचडीयू/आईसीयू सुविधा वाले तृतीयक देखभाल अस्पताल में रेफर और प्रबंधित किया जाना चाहिए। अगर जल्दी पहचान हो जाए तो इन सभी मामलों का इलाज किया जा सकता है।
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