कोंकण में रेल सेवा प्रभावित होने से 6000 यात्री फंसे, नदियां उफान पर
मुंबई। महाराष्ट्र में भारी बारिश और नदियों में उफान आने से कोंकण रेलवे मार्ग पर ट्रेन सेवांए प्रभावित हुई और करीब छह हजार यात्री फंस गए। भारी बारिश की वजह से मुंबई सहित राज्य के कई अन्य हिस्सों में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। इसकी वजह से अधिकारियों को बचाव कार्य में प्रशासन की मदद के लिए एनडीआरएफ को बुलानी पड़ी है। कोंकण रेलवे मार्ग प्रभावित होने की वजह से अबतक नौ रेलगाड़ियों का मार्ग परिवर्तन किया गया है या रद्द किया गया है या उनके मार्ग को छोटा किया गया है। भारी बारिश की वजह से कोंकण क्षेत्र की प्रमुख नदियां रत्नागिरि और रायगढ़ जिले में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और सरकारी अमला प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में जुटा है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लगातार हो रही बारिश से इन दो तटीय जिलों में उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की है। वहीं भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने तटीय क्षेत्रों के लिए अगले तीन दिन तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने और नदियों के जलस्तर पर नजर रखने एवं लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है। कोंकण रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मार्ग पर व्यवधान के कारण नौ ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया, उन्हें गंतव्य से पहले रोका गया है या रद्द कर दिया गया है। कोंकण रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ये ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों पर सुरक्षित स्थानों पर हैं और उनके अंदर मौजूद यात्री भी सुरक्षित हैं। उन्हें खाने-पीने का सामान मुहैया कराया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के कारण रत्नागिरि में चिपलून और कामठे स्टेशन के बीच वशिष्ठी नदी पुल का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। उन्होंने ने कहा, ‘‘ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस खंड पर ट्रेन सेवाएं अस्थायी तौर पर निलंबित कर दी गई हैं।''रेलवे अधिकारियों के अनुसार, कोंकण रेल मार्ग पर 5,500-6,000 यात्री ट्रेनों में फंस गए हैं। कोंकण रेलवे का मुंबई के पास रोहा से मंगलुरु के पास स्थित थोकुर तक 756 किलोमीटर लंबा रेल मार्ग है। महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक मार्ग चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में से एक हैं, क्योंकि यहां कई कई नदियां, घाटियां और पहाड़ हैं। कोंकण रेलवे ने बताया कि चिपलून में बाढ़ की स्थिति के कारण नौ ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया, उन्हें गंतव्य से पहले रोका गया है या रद्द कर दिया गया है। इनमें से दादर-सावंतवाडी स्पेशल ट्रेन को चिपलून स्टेशन और सीएसएमटी-मडगांव जनशताब्दी स्पेशल ट्रेन को खेड़ स्टेशन की ओर मोड़ दिया गया है। कोंकण रेलवे के प्रवक्ता गिरीश करंदीकर ने बताया कि इन ट्रेनों में सवार यात्री सुरक्षित हैं। तमाम परेशानियों के बावजूद कोंकण रेलवे यात्रियों को खाने-पीने का सामान मुहैया कराया जा रहा है। करंदीकर ने कहा, ‘‘ हमने सभी फंसे हुए यात्रियों को चाय, नाश्ता और पेयजल मुहैया कराने की व्यवस्था की है।'' जगबुड़ी, वशिष्ठी, कोडावली, शस्त्री, बाव समेत रत्नागिरी जिले की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसके परिणामस्वरूप खेड़, चिपलून, लांजा, राजापुर, संगमेश्वर कस्बे और आस-पास के इलाके प्रभावित हुए हैं और इन इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। सीएमओ के वक्तव्य के अनुसार पड़ोसी रायगढ़ जिले में भी इसी प्रकार कुंडलिका, अंबा, सावित्री, पातालगंगा, गढ़ी, उल्हास सहित प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। समीक्षा बैठक के दौरान ठाकरे ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले तीन दिनों तक इस क्षेत्र में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस बीच, सीएमओ ने कहा कि सतारा जिले के लोकप्रिय हिल स्टेशन महाबलेश्वर में बीते 24 घंटे में 480 मिमी बारिश हुई है, जिससे सावित्री और अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक बुधवार को रात सवा दस बजे मध्य रेलवे ने मुंबई से 120 किलोमीटर दूर कसारा के पास अंबरमाली स्टेशन के पास पटरियों पर बहुत ज्यादा पानी भर जाने और कसारा घाट पर पत्थर टूटकर गिरने की घटनाओं के बाद टिटवाला और इगतपुरी रेल खंड के बीच मध्य रेलवे ने यातायात निलंबित कर दिया। उन्होंने बताया कि बाद में देर रात 12 बजकर 20 मिनट पर मध्य रेलवे ने मुंबई से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित वंगानी स्टेशन के पास बाढ़ आने और खंडाला घाट खंड में कुछ पत्थरों के गिरने के बाद अंबरनाथ और लोनावला के बीच यातायात रोक दिया। हालांकि, इस मार्ग को बृहस्पतिवार दोपहर को 17 घंटे के बाद बहाल कर दिया गया।
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