भारत ने विदेशी सरकारों से भारतीयों के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने का आग्रह किया
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह देश में कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार होने के मद्देनजर भारतीयों के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने का मुद्दा विदेशी सरकारों के समक्ष उठा रहा है। चीन, इटली और कई अन्य देशों के संस्थानों में पढ़ने वाले भारतीय छात्र यात्रा प्रतिबंधों के मद्देनजर यहां रुके हुए हैं। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "भारत में कोविड की स्थिति में सुधार के साथ, हम भारतीयों के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने का मुद्दा विदेशों के साथ उठा रहे हैं। हमारा मानना है कि यह आर्थिक सुधार की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण चीज है।" उन्होंने कहा, "इस दिशा में कुछ सकारात्मक कदम उठाए गए हैं और हम उम्मीद करेंगे कि और अधिक देश भारत से लोगों की आवाजाही को सामान्य बनाने के लिए कदम उठाएंगे।" इसके अलावा, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यसभा में कहा कि सरकार विदेशी विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत भारतीय छात्रों के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने के प्रयास कर रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "विदेश में हमारे मिशन सक्रिय रूप से इन मुद्दों को संबंधित सरकारों के साथ उठा रहे हैं और उन सरकारों पर यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने के लिए बात कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "यात्रा प्रतिबंधों का मुद्दा कई देशों के साथ मंत्री स्तर पर उठाया गया है। नतीजतन, भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, आयरलैंड, जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, जॉर्जिया सहित कई देशों की यात्रा करने के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है।" मुरलीधरन ने कहा कि कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार होने पर और विभिन्न देशों द्वारा यात्रा प्रतिबंध हटाए जाने की उम्मीद है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार पढ़ाई के लिए विदेश जाने के इच्छुक लोगों के लिए 'ग्लोबल इंडियन स्टूडेंट्स पोर्टल (जीआईएसपी)' तैयार कर रही है। अमेरिका द्वारा भारत को कोविड-19 टीकों की आपूर्ति के बारे में पूछे जाने पर, बागची ने कहा कि घरेलू टीकाकरण कार्यक्रम तीव्र गति से जारी है और भारत टीकों के आयात की संभावना पर अपने सहयोगियों के संपर्क में है। यह पूछे जाने पर कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कोवैक्सीन को कब मान्यता देगा, उन्होंने कहा कि टीका के निर्माता भारत बायोटेक लिमिटेड ने इस महीने की शुरुआत में वैश्विक संस्था को सभी आवश्यक दस्तावेज के साथ एक अनुरोध पत्र सौंपा है। बागची ने कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) के आधे से अधिक सदस्य देशों ने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित टीका कोविशील्ड को मान्यता दी है। अगले सप्ताह अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की भारत यात्रा की खबरों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में नयी सूचना उपलब्ध होने पर विवरण साझा किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण मिला है। समारोह पांच अगस्त को निर्धारित है ।
Leave A Comment