पीएम मोदी ने भूटान के छात्रों को दी सलाह, परीक्षा में न लें तनाव
थिम्पू। भूटान दौरे के अपने दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान में छात्रों के बीच पहुंचे। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय विश्वविद्यालयों में चार हजार से ज्यादा भूटानी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। यह संख्या अब बढऩी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया भूटान को उसके ग्रॉस नेशनल हैपीनेस के कॉन्सेप्ट से जानती है। भूटान ने सामंजस्य, एकजुटता और करुणा की भावना को काफी बेहतर तरीके से समझा है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता और युवा हमारी शक्ति हैं। प्रधानमंत्री ने युवाओं को सलाह देते हुए कहा कि वह परीक्षा में तनाव न लें।
प्रधानमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे आपके बीच आकर बहुत अच्छा लग रहा है। आज रविवार का दिन है और आप लोगों को लेक्चर अटेंड करना पड़ रहा है इसलिए मैं बहुत कम शब्दों में अपनी बात रखूंगा। आज मैं भूटान के भविष्य के साथ हूं। मैं आपकी ऊर्जा को महसूस कर रहा हूं। हम केवल भौगोलिक रूप से नहीं बल्कि सांस्कृतिक गहराई से जुड़े हुए हैं। भूटान आने वाले किसी भी व्यक्ति को यहां की प्राकृतिक सुंदरता और लोगों की सादगी मोह लेती है।
विकास के रास्ते पर बढ़ रहा है भारत
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज कई क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। भारत में गरीबी तेजी से कम हो रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण का कार्य पांच साल में दोगुनी रफ्तार से बढ़ा है। हम नेक्स्ट जेनरेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर 15 अरब डॉलर खर्च करेंगे। भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना आयुष्मान भारत है। इसके तहत 500 मिलियन भारतीयों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है। भारत में दुनिया की सबसे सस्ती डेटा कनेक्टिविटी है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को सशक्त बना रही है।
दोनों देशों की पनबिजली के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और भूटान का हाइड्रोपावर और एनर्जी के क्षेत्र में सहयोग महत्वपूर्ण हैं। मगर इस संबंध की असली ताकत लोग हैं। हमेशा लोग इस संबंध के केंद्र में रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम अपने संबंधों को स्कूल से स्पेस, डिजिटल पेमेंट्स से आपदा प्रबंधन जैसे नए क्षेत्रों में आगे बढ़ा रहे हैं। इसका सीधा संबंध आप जैसे युवाओं से होगा। उन्होंने कहा कि भारत का चंद्रयान-2 चांद के रास्ते पर है। 2022 में हम भारतीय को भारतीय स्पेसक्राफ्ट से चांद पर भेजेंगे। हमारे लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम केवल राष्ट्रीय गर्व का नहीं है बल्कि राष्ट्रीय विकास और वैश्विक सहयोग का विषय भी है।
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