हथेली में ऐसी हस्तरेखाएं होने पर होती है धनहानि ....!
कहा जाता है कि हाथों की लकीरों में हमारा भाग्य लिखा होता है। हथेलियों में बनी ये आड़ी-तिरछी रेखाएं व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ कहती हैं। ज्योतिष शास्त्र की ही एक शाखा हस्तरेखा शास्त्र में हथेली में बनी लकीरों को देखकर जातक के जीवन के बारे में महत्पूर्ण जानकारी दी जाती है। हथेली में बनी कुछ लकीरे समय-समय में पर बदलती रहती हैं। इन लकीरों से कई चिन्हों आदि का निर्माण होता है। जहां कुछ चिन्हों व लकीरों को बहुत ही शुभ माना जाता है तो वहीं कुछ लकीरों व चिन्हों के कारण आपको जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार रेखाओं को देखकर व्यक्ति के जीवन में धन की स्थिति को भी जाना जा सकता है। जहां हाथों की लकीरें जातकों को धनवान बनाती हैं, ठीक उसी तरह ये जातकों को निर्धन भी बना सकती है। हथेली में रेखाओं की कुछ ऐसी स्थितियां बताई गई हैं जिनके कारण व्यक्ति को धन हानि का सामना करना पड़ता है। हालांकि यदि आप समय रहते ही अगर इन स्थितियों को समझकर कुछ उपाय कर लेते हैं तो धन हानि से बचा जा सकता है।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की हथेली में भाग्य रेखा हृदय रेखा पर रुक जाए या फिर हथेलियां बिना की वजह सख्त हों तो ऐसे जातकों को धन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे जातकों को बहुत मेहनत और प्रयास करने पर भी धन की तंगी बनी रहती है। ऐसे जातकों को धन हानि से बचने के लिए अपने कार्यस्थल पर सियार सिंगी यंत्र की स्थापना करनी चाहिए और इसके बाद स्वर्ण की भस्म से स्नान करना चाहिए। इस उपाय को करने से पहले किसी योग्य हस्तरेखा शास्त्री से अपनी रेखाओं की जांच अवश्य करवा लें।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, यदि किसी जातक की हथेली में भाग्य रेखा धुंधली हो या शनि, बुध और गुरु दबा हुआ हो तो ऐसे जातक को धन संबंधी समस्याएं लगी रहती हैं। इन लोगों को व्यापार में भी धन हानि का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए जातक को मां बगलामुखी व मां लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए। इससे आपको कुछ ही समय में धीरे-धीरे धन संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिलने लगता है।
हस्तरेखा शास्त्र कहता है कि यदि किसी जातक की हथेली में जीवन रेखा एकदम सीधी हो या फिर भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर रुक गई हो, तो ऐसे जातकों को भी रुपए पैसों की परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार धन संबंधी समस्याएं बहुत अधिक भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में जातक को कर्मफलदाता शनिदेव व मां लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए।
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