ब्रेकिंग न्यूज़

सर्वपितृ अमावस्या पर 11 साल बाद बना शुभ गजछाया योग, इन उपायों से मिलेगी कर्जों से मुक्ति
पितृपक्ष अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। 06 अक्तूबर को सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों को तर्पण देकर उन्हें विदाई दी जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की अमावस्या तिथि पर सर्वपितृ अमावस्या का त्योहार मनाया जाता है। सर्वपितृ अमावस्या जैसे कि इसके नाम से स्पष्ट होता है कि इस दिन सभी पितरों की जिनके निधन की तिथि मालूम न होने पर उनकी मुक्ति के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है। इस वर्ष पितृपक्ष के अंतिम दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या पर बहुत ही शुभ योग बनने जा रहा है।  पितृ पक्ष के दौरान सर्वपितृ अमावस्या तिथि पर 21 वर्षों के बाद कुतुप काल में गजछाया नाम का शुभ योग रहेगा। मान्यता है इस तरह के शुभ योग में पितरों का तर्पण करना और दान करना बहुत ही फलदायी होता है।
गजछाया योग और पितृपक्ष
06 अक्तूबर को सर्वपितृ अमावस्या तिथि है। इस दौरान इस दिन सभी पितरगण को अंतिम तर्पण देते हुए उन्हें विदाई दी जाएगी। 11 साल के बाद दोबारा से सर्वपितृ अमावस्या तिथि पर गजछाया योग बन रहा है। इससे पहले 07 अक्तूबर 2010 को इस तरह का संयोग बना था। गजछाया योग निर्माण उस समय होता है जब सूर्य और चंद्रमा दोनों एक साथ सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक हस्त नक्षत्र में रहते हैं। इस बार भी सूर्य और चंद्रमा सूर्योदय के बाद से लेकर शाम के चार बजकर 34 मिनट पर हस्त नक्षत्र में रहेंगे। ज्योतिष में ऐसी स्थिति के निर्माण होने पर इसे गजछाया योग कहते हैं।
पितृ पक्ष में गजछाया योग का महत्व
शास्त्रों के अनुसार गजछाया योग बहुत ही कम बार बनता है। पितृपक्ष के दौरान गजछाया योग बनने से इसका शुभ प्रभाव काफी बढ़ जाता है। गजछाया योग के लिए सूर्य का हस्त नक्षत्र में और चंद्रमा का भी इसी नक्षत्र में होना जरूरी होता है। 06 अक्तूबर को सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सूर्योदय से लेकर शाम के 4 बजकर 34 मिनट तक हस्त नक्षत्र में रहेंगे। मान्यता है इस शुभ योग में श्राद्ध और दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। पितृपक्ष के दौरान इसमें पितरों को दिया गया श्राद्ध देने से वें कई सालों तक तृप्त हो जाते हैं।
गजछाया योग में करें ये कार्य
पितृपक्ष के दौरान पितरों को श्रद्धा करने से उन्हें शांति मिलती है और पितृ प्रसन्न होकर अपने परिजनों का सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। गजछाया योग में पितरों को तर्पण करने से व्यक्ति को कर्जों से मुक्ति भी मिलती है। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या के दिन बने शुभ योग में पितरों को घी में बने भोजन अर्पित करने उन्हें 12 वर्षों तक तृप्ति मिल जाती है। गजछाया योग में ब्राह्राणों को भोजन, गंगा स्नान, वस्त्र दान करने का विशेष महत्व होता है।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english