ब्रेकिंग न्यूज़

  आज 'करवाचौथ' का पर्व; पढ़ें जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा आध्यात्मिक रूप से करवाचौथ का महत्व और उद्देश्य!
  'Happy KARWACHAUTH'
'करवाचौथ' पर्व की हार्दिक शुभकामनायें!!

• जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज द्वारा 'करवाचौथ' पर्व के महात्म्य व उद्देश्य पर दिया गया प्रवचन :::

करवा चौथ आज गोविन्द राधे,
पतिव्रता पति हित व्रत करवा दे..
(स्वरचित दोहा)

यह पर्व पति के हित के लिये होता है. तो संसारी पति के हित के लिये लोग करते हैं. किन्तु आप लोग तो माधुर्य भाव के उपासक हैं. श्यामसुंदर के सुख के लिये, उनके हित के लिये, ये व्रत कर सकते हैं. 

ये पतिव्रता स्त्रियाँ करती हैं. अनन्य भक्त जो केवल हरि और गुरु दो ही से मन का सम्बन्ध रखते हैं और किसी में मन का अटैचमेंट (attachment) नहीं होने देते, ऐसे अनन्य भक्तों का ये करवा चौथ व्रत होना चाहिये. यद्यपि होता है संसारी पति के लिये, वो तो एक्टिंग (acting) है. दिन भर स्त्री पति से लड़ती रहती है और करवा चौथ का व्रत करती है. वो तो अनन्य है भी नहीं. क्यूंकि मन का निरंतर अनुकूल होना पतिव्रत धर्म है. यानि एक सेकंड (second) को भी पति के विपरीत न सोचे, न सोचे - बोले वोले की बात छोड़ो. हमारा पति, क्या हमारा भी भाग्य है ऐसा पति मिला ! दिन भर आप लोग अपने पति के प्रति ऐसी बातें पचास बार सोचते हैं. वो पतिव्रता नहीं. 

एक पतिव्रता स्त्री धान कूट रही थी. पति बाहर से आया उसने कहा पानी पिला दे. तो उसने मूसल को ऊपर ही छोड़ दिया हाथ से ये वाक्य सुनते ही. तो वो मूसल ऊपर ही टंगा रहा. वो गई, पानी दिया, पानी पी के पति चला गया. उसकी पड़ोसन भी वहीं बैठी हुई थी, उसने देखा कि ये अजीब जादू है. ये मूसल ऊपर ऐसे रुका रहा आकाश में, तो उसने पूछा तूने कोई मंत्र सिद्ध किया है ? कैसे ये ऐसा हो गया ? उसने कहा नहीं ये तो पतिव्रत धर्म में ये कमाल होता है. ऐसी बातें कर सकती है वो स्त्री. तो वो पतिव्रता का अर्थ समझती थी कि शरीर का सम्बन्ध खाली पति में हो और कहीं न हो वो पतिव्रता है. ऐसा समझती थी वो पतिव्रता का अर्थ और लड़ती रहती थी दिन भर. 

वो अपने घर गई और पति से कहती है देखो जी मैं ऐसे मूसल करुँगी तो तुम कहना पानी लाओ, तो ये मूसल ऊपर टंगा रहेगा ऐसे. पति ने कहा क्यों? पतिव्रत धर्म में ये कमाल होता है. पति को बड़ा कौतुहल हुआ उन्होंने कहा ठीक है मैं ऐसे बोलूँगा. तो उसने ऐसे मूसल को जो ऊपर किया, पति ने कहा पानी लाओ, तो मूसल छोड़ दिया वो नाक के ऊपर होता हुआ नीचे गिर गया ,पति हँसने लगा. अब स्त्री को बड़ी शर्म आई कि अब तो इसको हमारे केरेकटर (character) पर भी डाऊट (doubt) हो जाएगा कि मैं पतिव्रता नहीं हूँ. वो गई पड़ोसन के यहाँ लड़ने कि क्यों रे! तूने तो मेरी नाक कटा दी...

तो उसने समझाया देख सखी ! पतिव्रता का अर्थ होता है जो पति के खिलाफ कभी कुछ मन से भी न सोचे. मन से भी. तो तूने तो पति के खिलाफ हज़ार बार सोचा है. क्या हमारी भी तकदीर है ऐसा पति मिला और ज़बान से भी लड़ती रहती है. उसको पतिव्रता नहीं कहते. 

तो ऐसे ही जो भक्त भगवान् की हर क्रिया में विभोर हों. गौरांग महाप्रभु ने कहा था.. 'हे श्यामसुंदर ! तुम चाहे मेरा आलिंगन करके प्यार कर लो और चाहे चक्र चला करके गर्दन काट दो और चाहे उदासीन हो जाओ, हम तो उसी प्रकार प्यार करेंगे तुम्हारे हर क्रिया में, विभोर होंगे.' ये व्रत है, भगवत्व्रत कहो, पतिव्रत कहो. 

तो कोई भी व्रत मन से होता है. अगर मन गड़बड़ हो गया तो वो व्रत नहीं है. वो मातृव्रत, पितृव्रत हो, गुरुव्रत हो, भगवत्व्रत हो, कोई व्रत हो. तो ये करवा चौथ पतिव्रता स्त्रियों के लिये होता है, जो पति की भक्त होती हैं और असली पति आत्मा का भगवान् है. इसलिए श्री कृष्ण के प्रति आप लोगों को यदि इच्छा हो तो व्रत करो. व्रत का मतलब ये नहीं है कि खाना न खाना. ये तो ढोंग है, दंभ है, पाखण्ड है, दिखावा है. खाना न खाना एक दिन अच्छा है पेट अच्छा हो जाएगा. एक टाइम (time) न खाओ, दोनों टाइम न खाओ, खाली फल खाओ, फल भी न खाओ - ये सब तो बाहरी क्रियाएं हैं. असली व्रत है मन का चिंतन, मन का अनुकूल होना, मन से उनकी उपासना करना, सेवा करना - ये असली चीज़ है. तो करवा चौथ का ये अभिप्राय असली है, स्पिरिचुअल (spiritual)। उसी को मान कर आप लोग श्री कृष्ण भक्ति करें. ये संसारी पति-वति का मामला आपके व्रत करने से सब निरर्थक है. न पति की उमर बढ़ेगी, न कल्याण होगा. आप चाहे दस बीस दिन भूखे रहें उससे कुछ नहीं होना जाना..

सन्दर्भ - साधन साध्य पत्रिका

★★★
ध्यानाकर्षण/नोट (Attention Please)
- सर्वाधिकार सुरक्षित ::: © राधा गोविन्द समिति, नई दिल्ली।
- जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा प्रगटित सम्पूर्ण साहित्यों की जानकारी/अध्ययन करने, साहित्य PDF में प्राप्त करने अथवा उनके श्रीमुखारविन्द से निःसृत सनातन वैदिक सिद्धान्त का श्रवण करने के लिये निम्न स्त्रोत पर जायें -
(1) www.jkpliterature.org.in (website)
(2) JKBT Application (App for 'E-Books')
(3) Sanatan Vaidik Dharm - Jagadguru Kripalu Parishat (App)
(4) Kripalu Nidhi (App)
(5) www.youtube.com/JKPIndia
(उपरोक्त तीनों एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर पर Android तथा iOS के लिये उपलब्ध हैं.)

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english