सड़क के किनारे मील के पत्थर क्यों होते हैं अलग-अलग रंगों के
भारत में सड़को का जाल बिछा हुआ है जिस पर साइकिल से लेकर ट्रकें तक चलती हैं। लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए सड़कों का इस्तेमाल करते हैं। अक्सर आप सफर के दौरान सड़कों के किनारे रंग-बिरंगे पत्थर लगे हुए देखते होंगे जो अलग-अलग रंग के होते हैं। इन पत्थरों का अपना अलग-अलग महत्व होता है, लेकिन क्या आप सड़क किनारे लगे इन रंग बिरंगे पत्थरों का मतलब जानते हैं? नहीं तो आइए हम आपको आज इसके महत्व के बारे में बताते हैं। सड़कों के किनारे लगे इन मील के पत्थरों का शहरों और जगहों की दूरी बताने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि बदलते समय के अनुसार, इन पत्थरों की जगह अब बड़े-बड़े साइन बोर्डों ने ले लिए हैं। लेकिन आज भी आपको पहले के समय के पत्थर दिख जाएंगे।
पीले रंग का पत्थर
अगर आपको सड़क पर चलते समय सड़क किनारे पीले रंग का पत्थर दिखाई दे जाए तो समझिए कि आप नेशनल हाइवे पर चल रहे हैं। नेशनल हाइवे सड़कों के रखरखाव का जिम्मा नेशनल हाईवे ऑफ अथॉरिटी का होता है। देश में NH-24, NH-8 जैसे कई नेशनल हाईवे हैं। नार्थ-साउथ-ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और गोल्डन क्वाड्रीलैट्रल जैसी सड़कें नेशनल हाईवे ही हैं।
हरे रंग का पत्थर
अगर आपको सड़क किनारे हरे रंग की पट्टी वाला पत्थर दिखाई दे तो समझिए कि आप राज्य के हाईवे पर चल रहे हैं। यानी उसके रख रखाव का जिम्मा राज्य सरकार का है। आम तौर पर इन सड़कों का उपयोग एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए किया जाता है।
काले, नीले या सफेद पत्थर
अगर आपको सड़क किनारे काले, नीले या सफेद रंग का पत्थर दिखाई दे तो समझिए कि आप किसी बड़े शहर या किसी बड़े जिले में आ गए हैं। इन सड़कों का निमार्ण, उनकी मरम्मत का जिम्मा शहर के नगर निगम का होता है।
नारंगी रंग का पत्थर
अगर आप किसी गांव में जाते हैं तो आपको सड़क किनारे नारंगी रंग के पत्थर दिखाई देंगे। नारंगी रंग की पट्टियां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जुड़ी हुई होती हैं।
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