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मटाटा और रेंगरुक बनें दिल्ली हाफ मैराथन के चैंपियन

नयी दिल्ली.  कीनिया के लंबी दूरी के धावक एलेक्स मटाटा और लिलियन कासैट रेंगरुक ने रविवार को वेदांत दिल्ली हाफ मैराथन में क्रमशः पुरुष और महिला वर्ग की एलीट दौड़ जीतीं। पिछले साल यहां दूसरे स्थान पर रहे मटाटा ने रविवार को 59 मिनट 50 सेकंड का समय निकालकर बोयेलिन टेशागर (एक घंटा 22 सेकंड) और जेम्स किपकोगी (एक घंटा 25 सेकंड) को पछाड़ा। दोनों विजेताओं को 27,000 डॉलर का पुरस्कार मिला। कीनिया के रेंगरुक ने एक घंटे सात मिनट 20 सेकंड का समय निकालकर महिला वर्ग का खिताब जीता। इथियोपिया की जोड़ी मेलाल सियूम बिरातु (एक घंटा सात मिनट 21 सेकंड) और मुलत टेकले (एक घंटा सात मिनट 29 सेकंड) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं। इस प्रतियोगिता के दूत और नौ बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता कार्ल लुईस ने समापन रेखा पर विजेताओं का स्वागत किया। हाफ मैराथन, ओपन 10के, ‘चैंपियंस विद डिसेबिलिटी रन', ‘सीनियर सिटीजन रन' और ‘ग्रेट दिल्ली रन' सहित विभिन्न श्रेणियों में 40,000 से अधिक धावकों ने दिल्ली की सड़कों पर दौड़ लगाई । मटाटा ने दौड़ की शुरुआत से अपना दबदबा कायम करते हुए इथोपिया के टेशागर और हमवतन किपकोगी को आसानी से पछाड़ा। इस 28 साल के धावक ने इस वर्ष की शुरुआत में चीन में आयोजित विश्व एथलेटिक्स प्लेटिनम स्तर की दौड़ मीशान रेनशो हाफ मैराथन को 59:28 सेकंड में पूरा करके जीता था। मटाटा ने खिताब जीतने के बाद कहा कि वह अपने बीमार भाई के चेहरे पर खुशी लाने के लिए दौड़ के दौरान खुद को प्रेरित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘ यह जश्न... मैं अपने और अपने भाई के लिए मना रहा हूं। मुझे लग रहा था कि यहां मेरी जगह मेरा भाई दौड़ रहा है। वह बीमार है तो मैंने सोचा की उसकी चेहरे पर खुशी के लिए पूरी ताकत झोंक देनी चाहिये।'' उन्होंने पिछले साल के मुकाबले इस साल की परिस्थितियों को बेहतर करार देते हुए कहा, ‘‘यह एक शानदार अनुभव था, मुझे ट्रैक की अच्छी जानकारी थी, तो मैंने खुद से कहा, ‘दौड़ पूरी होने तक जोर लगाते हैं' और मैंने योजनाबद्ध तरीके से ऐसा किया और जीत दर्ज करने में सफल रहा।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस बार का अनुभव बेहतर था क्योंकि पिछली बार की तुलना में गर्मी और उमस कम थी। इसके विपरीत महिलाओं की दौड़ बेहद रोमांचक रही। विश्व क्रॉस-कंट्री की कई पदक विजेता और खिताब की दावेदार रेंगरुक अंतिम चरण में बढ़त बनाते हुए इथियोपिया खिलाड़ियों को पीछे छोड़ने में सफल रही। इस दौरान पहली बार अपने देश से बाहर दौड़ रही बिरातु ने रेंगरुक को कड़ी टक्कर देते हुए प्रभावित किया। रेंगरुक ने खिताब जीतने के बाद कहा, ‘‘ यह दौड़ कठिन थी और सभी धावक शानदार थे। मैंने खुद से कहा कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूं क्योंकि मुझमें दौड़ पूरी करने की ताकत थी। मैं आज अपने समय से खुश हूं क्योंकि मैं अभी-अभी चोट से वापस आयी हूं। यह साल की मेरी तीसरी रेस थी और मेरी रणनीति धैर्य के साथ बढ़त बनाए रख अंत तक संघर्ष करने की थी।''  अभिषेक पाल और सीमा भारतीय पुरुष और महिला वर्ग में सबसे तेज धावक रहे। उन्होंने क्रमशः एक घंटे चार मिनट 17 सेकंड और एक घंटे 11 मिनट 23 सेकंड का समय लिया। देश के शीर्ष मध्यम और लंबी दूरी के एथलीट गुलवीर सिंह बृहस्पतिवार को पीठ में लगी चोट के कारण दौड़ से हट गए। पाल 2023 में दिल्ली में बनाए गए 1:04:07 के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय को तोड़ने के करीब पहुंचे, लेकिन पीछे रह गए। उन्होंने हालांकि 2018 के बाद से अपना तीसरा वीडीएचएम खिताब हासिल किया। पाल और किरण मात्रे (1:04:57) अधिकांश समय तक एक-दूसरे के बराबर रहे, इस जोड़ी ने 10 किमी स्प्लिट में 33:16 मिनट का समय लिया। कार्तिक करकेरा (1:05.16) ने कांस्य पदक जीता। सीमा महिलाओं दौड़ की शुरुआत से अपनी बढ़त कायम रखते हुए आराम से पहला स्थान हासिल किया। उजाला ने 1:15:41 के समय के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। संजीवनी जाधव तीसरे (1:15:52) जबकि गत विजेता लिली दास (1:16:27) भारतीय महिलाओं में चौथे स्थान पर रही।

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