रजत पदक खास है लेकिन मुझे खेल में काफी सुधार करना होगा: तन्वी
गुवाहाटी/ घरेलू सरजमीं पर विश्व जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने से भारत की उभरती हुई शटलर तन्वी शर्मा खुश है लेकिन वह भविष्य में अपने खेल के कई पहलुओं पर सुधार करने के लिए तैयार है। तन्वी ने कहा कि उन्हें धैर्य बनाये रखना, नेट के इस्तेमाल और मानसिकता को मजबूत करने पर काम करना होगा। सोलह साल की यह खिलाड़ी ने पूर्व विश्व नंबर एक साइना नेहवाल और अपर्णा पोपट के नक्शेकदम पर चलते हुए टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली केवल तीसरी भारतीय महिला शटलर बनी। वह हालांकि रविवार को यहां दूसरी वरीयता प्राप्त थाईलैंड की खिलाड़ी अन्यापत फिचितप्रीचासक से 7-15, 12-15 से हार गईं। तन्वी ने कहा, ‘‘ मैं रजत पदक जीतकर बहुत खुश हूं, लेकिन स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने से थोड़ी निराश भी थी।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि इस टूर्नामेंट से पहले, मुझे पदक की उम्मीद भी नहीं थी। मैं फॉर्म में नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़े, मेरे खेल में सुधार आता गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह पदक मेरे लिए बहुत यादगार है । अपने घरेलू मैदान में खेलना, जहां मैं हर दिन अपने कोच के साथ प्रशिक्षण लेती हूं बेहद खास है। मेरे कोच का सपना था कि मैं फाइनल खेलूं, और मैंने उनके लिए यह मैच खेला।'' पंजाब की यह खिलाड़ी पार्क ताए-सांग के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेती हैं।
उन्होंने कहा, मेरे कोच हमेशा मुझे खेल में बने रहने, रैलियां खेलने और निरंतरता से अंक हासिल करने पर ध्यान देने के लिए कहते हैं। लेकिन कभी-कभी मैं छोटी-छोटी गलतियां कर देती हूं और मुझे इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।'' उन्होंने कहा, मुझे अपने नेट प्ले और कोर्ट पर अपनी सहनशक्ति पर काम करने की जरूरत है। मैं इसी पर पूरा ध्यान दूंगी।'' उन्होंने, हर बार जब मैं हारती हूं, तो कुछ नया सीखती हूं। मैं पहले भी यूएस ओपन और ओडिशा ओपन जैसे टूर्नामेंटों के फाइनल हार चुकी हूं। इससे दुख होता है, लेकिन मैं मानसिक रूप से मजबूत रहूंगी और खुद से कहूंगी, शायद अगली बार ।

.jpg)
.jpg)

.jpg)




.jpg)
Leave A Comment