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- सुहल (जर्मनी) .भारत की शांभवी क्षीरसागर ने आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में शनिवार को महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता जबकि ओजस्वी ठाकुर को रजत पदक मिला । भारत अब दो स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य के साथ शीर्ष पर है ।शांभवी ने 24 शॉट के फाइनल में 253 स्कोर किया जबकि ओजस्वी उनसे 1.2 अंक पीछे रह गई । इटली की कार्लोटा सालाफिया को कांस्य पदक मिला । पुरूष पर्ग में खेलो इंडिया युवा खेलों के चैम्पियन नारायण प्रणव को कांस्य पदक मिला जिन्होंने फाइनल में 227 . 9 स्कोर किया । वह अमेरिका के ब्रेडेन पीसेन (250) और चीन के हुआंग लिवांलिन (250.3) से पीछे रहे । इससे पहले क्वालीफाइंग दौर में उसने 632 . 1 स्कोर करके 77 खिलाड़ियों के बीच पहला स्थान हासिल किया था ।
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कुआलालंपुर. भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने शनिवार को यहां मलेशिया मास्टर्स सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट में जापान के युशी टनाका पर सीधे गेम में जीत दर्ज कर छह साल में पहली बार बीडब्ल्यूएफ टूर्नामेंट के पुरुष एकल फाइनल में प्रवेश किया। 2021 विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता श्रीकांत ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए सटीक नेट प्ले और आक्रामक खेल की बदौलत दुनिया के 23वें नंबर के खिलाड़ी टनाका को रोमांचक मुकाबले में 21-18, 24-22 से शिकस्त दी। श्रीकांत ने जीत के बाद कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं, काफी समय के बाद यहां तक पहुंचा हूं। ''
श्रीकांत 2019 इंडिया ओपन में उपविजेता रहे थे और इसके बाद से इस 32 वर्षीय खिलाड़ी का बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर में पहला फाइनल है। उन्होंने 2017 में चार खिताब जीते थे। पूर्व विश्व नंबर एक खिलाड़ी श्रीकांत पिछले कुछ सत्र में खराब फॉर्म और फिटनेस के दौर से गुजर रहे हैं जिससे अब वह विश्व रैंकिंग में 65वें स्थान पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शारीरिक रूप से मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। लेकिन मैंने पिछले साल ज्यादा मैच नहीं खेले। अब क्वालीफाइंग खेल रहा हूं। इस बार सब ठीक रहा। मैं पिछले महीने से कड़ी मेहनत कर रहा हूं। '' श्रीकांत ने कहा, ‘‘बहुत लंबे समय के बाद ये जीत मिली। ''
श्रीकांत 2017 में चार बीडब्लयूएफ खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने थे और फिर उन्होंने भारत को टीम स्पर्धा में राष्ट्रमंडल खेलों का पहला स्वर्ण पदक दिलाया। लेकिन उसके तुरंत बाद उनका संघर्ष शुरू हो गया। हालांकि वह 2019 में अच्छी फॉर्म में थे, लेकिन चोटों और कोविड-19 महामारी के कारण क्वालीफायर रद्द होने के कारण श्रीकांत तोक्यो ओलंपिक के लिए क्वलीफाई करने से चूक गए। उन्हें छोटी चोटें लगती रहीं जिसमें टखने की चोटें ज्यादा रहीं जिससे उनकी निरंतरता प्रभावित हुई। फिर वह स्पेन में 2021 विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर बने। उन्होंने 2022 में भारत की ऐतिहासिक थॉमस कप जीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने सभी छह मैच जीते। लेकिन फिर उनकी फॉर्म में गिरावट आने लगी। श्रीकांत इस साल की शुरुआत में थाईलैंड ओपन सुपर 300 में क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे जबकि उनका आखिरी सेमीफाइनल 2023 में स्विस ओपन और मकाऊ ओपन में रहा। हालांकि पिछले तीन महीनों में उन्होंने कड़ी ट्रेनिंग की और फिटनेस पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कोच आरएमवी गुरुसाईदत्त और पारुपल्ली कश्यप की निगरानी में रैलियों में तेजी लाने पर काम किया। आगे की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर श्रीकांत ने कहा, ‘‘मैंने कुछ भी योजना नहीं बनाई है। यह सिर्फ शारीरिक रूप से फिट होने, चोट से मुक्त होने और फिर जितना संभव हो उतने टूर्नामेंट खेलने के बारे में है। मैं आगे कौन सा टूर्नामेंट खेलूंगा, यह तय नहीं है। '' उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ ट्रेनिंग और खुद को शारीरिक रूप से फिट रखने की बात है और अगर मैं खेलूंगा तो निश्चित रूप से जीतने के लिए। मैं खुद को ठीक होने, ट्रेनिंग लेने और खेलने के लिए पर्याप्त समय देना चाहता हूं। '' शुरुआती गेम में श्रीकांत ने टनाका की गति का मुकाबला करने की कोशिश करते हुए कुछ गलतियां कीं और 1-5 से पीछे हो गए। कुछ बेहतरीन स्ट्रेट स्लाइस और स्मैश से इस भारतीय ने अंतर कम किया, लेकिन जापानी खिलाड़ी ने एक शानदार क्रॉस स्मैश के साथ पांच अंक की बढ़त बनाए रखी। श्रीकांत ने धीरे धीरे रैलियां बनाईं और जापान के खिलाड़ी को गलतियां करने पर मजबूर करते हुए स्कोर 8-9 कर दिया। हालांकि ब्रेक के समय टनाका ने तीन अंक की बढ़त बनाए रखी। भारतीय खिलाड़ी ने 14-14 की बराबरी की और शानदार क्रॉस-कोर्ट रिटर्न से 19-16 की बढ़त हासिल कर ली। स्मैश ने उन्हें दो गेम प्वाइंट दिलाए और उन्होंने पहला गेम अपने नाम कर लिया।
टनाका ने दूसरे गेम में फिर जोरदार शुरुआत कर 3-0 के बाद 7-2 की बढ़त बना ली।
लेकिन पहले गेम की तरह ही श्रीकांत ने आक्रामक तरीके से जवाब दिया और स्कोर 8-9 कर जल्द ही स्कोर बराबर कर दिया। टनाका ने कुछ आसान गलतियां कीं जिससे श्रीकांत 13-10 से आगे हो गए। लेकिन जापानी खिलाड़ी ने वापसी करते हुए स्कोर 17-17 कर दिया। फिर श्रीकांत ने मैच प्वाइंट हासिल किया, लेकिन टनाका ने इसे बचा लिया और स्कोर 20-20 कर दिया।
फिर टनाका ने स्कोर 22-22 कर दिया। लेकिन टनाका के वाइड शॉट से श्रीकांत मैच अपने पक्ष में कर लिया। -
मुंबई. चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने शनिवार को स्वीकार किया कि शीर्ष क्रिकेटर विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने से पैदा हुई कमी को पूरा करना मुश्किल है लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि इंग्लैंड के आगामी दौरे पर अन्य खिलाड़ी जिम्मेदारी उठाएंगे। रोहित ने सात मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी जबकि कोहली ने 12 मई को संन्यास लिया। अगले महीने 20 जून से शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला के लिए भारत की 18 सदस्यीय टीम की घोषणा करने के बाद अगरकर ने मीडिया से कहा, ‘‘जब क्रिकेट के दिग्गज संन्यास लेते हैं तो यह हमेशा मुश्किल होता है। उनकी जगह भरना बहुत बड़ा काम है। लेकिन इसे देखने का एक तरीका यही है कि यह दूसरों के लिए एक मौका है। '' इन दो सुपरस्टार की जगह बाएं हाथ के युवा साई सुदर्शन और अनुभवी करुण नायर को टीम में शामिल किया गया है। अगरकर ने खुलासा किया कि कोहली ने पिछले महीने संभवत: चैंपियंस ट्रॉफी के बाद उनसे संपर्क किया था और टेस्ट क्रिकेट छोड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा, ‘‘विराट ने अप्रैल के शुरू में (बीसीसीआई - चयन समिति से) संपर्क किया था और उन्हें लगा कि उन्होंने अपना सब कुछ दे दिया है। अगर उन्हें लगता है कि वे खुद के निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतर सकते तो आपको उनका सम्मान करना चाहिए। '' पिछले एक साल में लगातार निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कोहली और रोहित दोनों के पारंपरिक प्रारूप में भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं जिसका उदाहरण 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा रहा। कोहली ने पर्थ में शतक बनाकर धमाकेदार शुरुआत की लेकिन फिर उनका बल्ला शांत पड़ गया और दौरे के अंत में वह पांच टेस्ट मैचों में 23 के औसत से 190 रन ही बना पाए। वहीं रोहित पहले टेस्ट के बाद टीम में शामिल हुए थे, उनका भी प्रदर्शन निराशाजनक रहा और उन्होंने पांच टेस्ट पारियों में 6.2 के औसत से सिर्फ 31 रन बनाए। वह सिडनी में पांचवें और अंतिम टेस्ट से भी बाहर रहे। श्रृंखला की गंभीरता को देखते हुए कोहली और रोहित से इंग्लैंड दौरे तक रुकने के लिए मनाने की कोशिश की गई तो इस सवाल पर अगरकर ने काफी स्पष्ट रूप से कहा कि आगामी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र (2025-27) के लिए एक नयी टीम बनाना प्राथमिकता है। उन्होंने मुख्य कोच गौतम गंभीर की ही तरह बातों को दोहराते हुए कहा, ‘‘जब कोई खिलाड़ी संन्यास लेने का फैसला लेता है तो यह फैसला उसका होता है। संन्यास एक व्यक्तिगत फैसला होता है। यह एक नया डब्ल्यूटीसी (विश्व टेस्ट चैंपियनशिप) चक्र है और आप एक टीम बनाने में मदद करने के लिए सभी चीजों को देख रहे हैं। '' ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि कोहली विदाई श्रृंखला के लिए इंग्लैंड जाना चाहते थे लेकिन अगरकर ने इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहा। उन्होंने बस इतना कहा कि टेस्ट क्रिकेट से दूर जाने का फैसला पूरी तरह से इस स्टार बल्लेबाज का था। उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई फैसला करता है तो यह हमारा नहीं होता। हमारा काम किसी खिलाड़ी को चुनना है। लेकिन जब कोई दिग्गज (दो बड़े क्रिकेटर) संन्यास लेता है तो उनकी जगह को भरना मुश्किल होगा।
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नयी दिल्ली. पंजाब किंग्स की सह-मालिक और बॉलीवुड अदाकारा प्रीति जिंटा ने सेना महिला कल्याण संघ (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) को उसकी पहल 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 1.10 करोड़ रुपये का दान दिया है। यह योगदान पंजाब किंग्स के कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) निधि के तहत दिया गया है।
पंजाब किंग्स ने एक बयान में कहा, ‘‘इस दान का उद्देश्य वीर नारियों को सशक्त बनाना और उनके बच्चों की शिक्षा में सहयोग करना है।'' प्रीति जिंटा ने इस अवसर पर जयपुर में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमारे सशस्त्र बलों के बहादुर परिवारों के लिए कुछ करना सम्मान और जिम्मेदारी दोनों है। हमारे सैनिकों द्वारा किए गए बलिदानों का कभी सही मायने में मूल्य चुकाया नहीं जा सकता है, लेकिन हम उनके परिवारों के साथ खड़े हो सकते हैं और उनकी आगे की यात्रा का समर्थन कर सकते हैं। हमें भारत की सशस्त्र सेनाओं पर बहुत गर्व है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उनके प्रयासों के लिए हम उनका अटूट समर्थन करते हैं। हम राष्ट्र और हमारी बहादुर सेनाओं के साथ एकजुट हैं। -
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम को नया टेस्ट कप्तान मिल गया है। 25 वर्षीय दाएं हाथ के बल्लेबाज शुभमन गिल को इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए भारत का 37वां टेस्ट कप्तान बनाया गया है। मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने आज शनिवार को 20 जून से शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए 18 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान किया। गिल को कप्तान बनाए जाने के फैसले पर अजीत अगरकर ने कहा कि इस निर्णय पर पिछले एक साल से चर्चा चल रही थी।
उन्होंने बताया कि गिल युवा हैं, लेकिन उनमें काफी सुधार हुआ है और ड्रेसिंग रूम से उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं। अगरकर ने कहा, “आप किसी को सिर्फ एक-दो सीरीज के लिए कप्तान नहीं बनाते। हमने पिछले कुछ वर्षों में गिल के साथ प्रगति देखी है। इसमें कोई संदेह नहीं कि यह काम चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन वह इसके लिए तैयार हैं।” शुभमन गिल ने अब तक भारत के लिए 32 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 35.1 की औसत से 1893 रन बनाए हैं, जिनमें 5 शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं। वे पहले सलामी बल्लेबाज और तीसरे नंबर पर भी बल्लेबाजी कर चुके हैं। रोहित शर्मा के हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद यह जिम्मेदारी गिल को सौंपी गई है।गिल के पास नेतृत्व का अनुभव सीमित है। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में केवल 5 मैचों में कप्तानी की है, जिसमें 1 जीत, 2 हार और 2 ड्रॉ शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने पिछले साल जिम्बाब्वे में भारत को टी20 सीरीज में 4-1 से जीत दिलाई थी और व्हाइट-बॉल क्रिकेट में उप-कप्तान भी रह चुके हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने दुबई में 2025 चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती थी। फिलहाल वह आईपीएल 2025 में गुजरात टाइटन्स की कप्तानी कर रहे हैं और उनकी टीम अंक तालिका में शीर्ष पर है तथा प्लेऑफ में पहुंच चुकी है। अगरकर ने यह भी बताया कि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इंग्लैंड दौरे पर नहीं होंगे क्योंकि वह पूरी तरह फिट नहीं हैं। उन्होंने कहा, “पिछले सप्ताह उन्हें कुछ परेशानी हुई और एमआरआई करवाई गई। डॉक्टरों ने बताया कि वह पांच टेस्ट खेलने के लिए फिट नहीं हैं। ऐसे में हमने उनके बजाय पूरी तरह फिट खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया है।”तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को लेकर अगरकर ने बताया कि वह इंग्लैंड में सभी पांच टेस्ट नहीं खेलेंगे। उन्होंने कहा, “हमने उनसे बात की है और वह इसके लिए सहमत हैं। उनका कार्यभार सीमित किया जाएगा ताकि वे अपनी भूमिका निभा सकें। चाहे वह तीन टेस्ट हों या चार, वह टीम के लिए एक बड़ी संपत्ति हैं।” साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केएल राहुल को कप्तानी नहीं दी गई है, हालांकि वह टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी होंगे। अगरकर ने यह भी कहा कि गिल और मुख्य कोच गौतम गंभीर इंग्लैंड पहुंचने के बाद ओपनिंग कॉम्बिनेशन पर फैसला लेंगे।- -
बेंगलुरू. भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम बुधवार को चार देशों के टूर्नामेंट के लिये अर्जेंटीना रवाना हो गई जहां रोसारियो में 25 मई से दो जून तक यह टूर्नामेंट खेला जायेगा । इस साल चिली में एफआईएच जूनियर विश्व कप की तैयारी के लिये महत्वपूर्ण इस टूर्नामेंट में भारत के अलावा अर्जेंटीना, उरूग्वे और चिली की टीमें खेलेंगी । भारत को हर टीम के खिलाफ दो मैच खेलने हैं । तुषार खांडेकर की कोचिंग में भारतीय टीम की कमान निधि के हाथ में होगी जबकि हीना बानो उपकप्तान होंगी । पहले दौर में भारत 25 मई को चिली से, 26 मई को उरूग्वे और 28 मई को अर्जेंटीना से खेलेगा ।
कप्तान निधि ने कहा , हम इस टूर्नामेंट को लेकर काफी रोमांचित हैं । हम अभ्यास पर काफी मेहनत कर रहे हैं और उम्मीद है कि वह प्रदर्शन में नजर आयेगा । मजबूत टीमों से खेलकर हमारे प्रदर्शन में सुधार होगा । -
मुंबई. एकमात्र उपलब्ध प्ले ऑफ स्थान के लिए चुनौती पेश कर रही मुंबई इंडियन्स और दिल्ली कैपिटल्स की टीम बुधवार को जब यहां आमने-सामने होंगी तो दोनों की नजरें इस मुकाबले को जीतकर अपना दावा मजबूत करने पर टिकी होंगी। मुंबई का पलड़ा हालांकि भारी नजर आ रहा है। टीम ने बेहद खराब शुरुआत के बाद जोरदार वापसी की और अब शीर्ष चार में शामिल है। दिल्ली की शुरुआत काफी अच्छी रही थी लेकिन टीम अपने पिछले छह मैच में सिर्फ एक जीत दर्ज कर पाई है। सोमवार को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ लखनऊ सुपरजाइंट्स की हार के साथ टीम की प्ले ऑफ में जगह बनाने की उम्मीद भी खत्म हो गई जिससे अब मुकाबला मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच होगा। गुजरात टाइटन्स, पंजाब किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पहले ही नॉकआउट में जगह पक्की कर ली है। मुंबई इंडियंस (14 अंक) और दिल्ली कैपिटल्स (13 अंक) दोनों के पास प्ले ऑफ में जगह बनाने का मौका है लेकिन वानखेड़े स्टेडियम में मेजबान टीम प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगी। मुंबई की जीत से उनके 16 अंक हो जाएंगे और टीम अक्षर पटेल की अगुवाई वाली टीम की पहुंच से बाहर हो जाएगी वहीं दिल्ली कैपिटल्स को आगे बढ़ने के लिए अपने बचे हुए दोनों मुकाबले जीतने की जरूरत है। दोनों टीमों को अपने आखिरी मुकाबले पंजाब किंग्स के खिलाफ खेलने हैं। मुंबई इंडियंस की फॉर्म और गहराई उनके पक्ष में है। टीम को हालांकि लगभग दो सप्ताह पहले गुजरात टाइटन्स के खिलाफ करीबी मैच में हार का सामना करना पड़ा था। लगातार छह जीत के बाद मुंबई को यह हार झेलनी पड़ी थी। जीत के साथ मुंबई की टीम प्लेऑफ में पहुंच जाएगी लेकिन हार की स्थिति में उनका भाग्य 24 मई को दिल्ली और पंजाब के बीच होने वाले मुकाबले के नतीजे पर निर्भर करेगा। महेला जयवर्धने के मार्गदर्शन में खेल रही टीम हालांकि दिल्ली को हराकर अगर-मगर पर विराम लगाना चाहेगी। मुंबई के सुपरस्टार रोहित शर्मा पर सभी की नजरें होंगी क्योंकि टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के बाद यह उनका पहला मैच होगा। यह अनुभवी बल्लेबाज अपनी पूरी ताकत झोंकने और अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए उत्सुक होगा। मुंबई की टीम अपने मौजूदा संयोजन का भी पूरा लाभ उठाना चाहेगी जिसमें रेयान रिकेल्टन और कॉर्बिन बॉश प्रमुख भूमिकाओं में हैं। प्लेऑफ से पहले ये दोनों दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय टीम के साथ जुड़ने के लिए रवाना होंगे। सूर्यकुमार यादव बल्ले से अपनी बेहतरीन फॉर्म को जारी रखना चाहेंगे लेकिन मुंबई को तिलक वर्मा के लय हासिल करने की उम्मीद होगी। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज मौजूदा सत्र में प्रभाव छोड़ने में विफल रहा है और पिछले पांच मैच में तीन बार दोहरे अंक में भी नहीं पहुंच पाया। इस ब्रेक से जसप्रीत बुमराह और ट्रेंट बोल्ट जैसे गेंदबाजों को जरूरी आराम और थकान से उबरने का मौका मिला होगा। दिल्ली को गुजरात के खिलाफ पिछले मैच में अपने शीर्ष तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क (14 विकेट) की कमी खली जो आईपीएल के बहाल होने पर वापस नहीं लौटे। स्टार्क की गैरमौजूदगी में दिल्ली ने गुजरात के खिलाफ पिछला मैच 10 विकेट से गंवाया। दिल्ली की टीम लोकेश राहुल (493 रन) के प्रदर्शन पर काफी निर्भर है जिन्होंने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ शानदार शतक बनाया था। इस मैच में दिल्ली कैपिटल्स की गेंदबाजी की कमजोरियां उजागर हो गईं लेकिन स्टार्क की जगह आए मुस्ताफिजुर रहमान ने शानदार गेंदबाजी की। दिल्ली ने आईपीएल की शुरुआत छह में से पांच मैच जीतकर की थी लेकिन दूसरे हाफ में उसका प्रदर्शन काफी खराब रहा है। कुलदीप यादव (12 विकेट) ने एक छोर से नियंत्रण बनाया है लेकिन कप्तान अक्षर के लिए यह सत्र काफी हद तक निराशाजनक रहा है जिन्होंने अब तक 263 रन बनाने के अलावा सिर्फ पांच विकेट चटकाए हैं। टीम इस प्रकार हैं:
मुंबई इंडियंस: हार्दिक पंड्या (कप्तान), रोहित शर्मा, सूर्यकुमार यादव, रॉबिन मिंज, रेयान रिकेल्टन, श्रीजीत कृष्णन, बेवन जैकब्स, तिलक वर्मा, नमन धीर, विल जैक्स, मिचेल सेंटनर, राज अंगद बावा, रघु कुमार, कॉर्बिन बॉश, ट्रेंट बोल्ट, कर्ण शर्मा, दीपक चाहर, अश्विनी कुमार, रीस टॉपले, वीएस पेनमेत्सा, अर्जुन तेंदुलकर, मुजीब उर रहमान और जसप्रीत बुमराह। दिल्ली कैपिटल्स: अक्षर पटेल (कप्तान), मुस्ताफिजुर रहमान, अभिषेक पोरेल, करुण नायर, लोकेश राहुल, ट्रिस्टन स्टब्स, आशुतोष शर्मा, विपराज निगम, कुलदीप यादव, मोहित शर्मा, मुकेश कुमार, समीर रिजवी, दर्शन नालकांडे, त्रिपुराना विजय, दुष्मंता चमीरा, फाफ डु प्लेसी, टी नटराजन, अजय जादव मंडल, मनवंत कुमार एल और माधव तिवारी। समय: मैच शाम 7:30 बजे शुरू होगा। -
लखनऊ/ अभिषेक शर्मा की 20 गेंद में 59 रन की ताबड़तोड़ पारी के बाद हेनरिच क्लासेन (28 गेंद में 47), कामिन्दु मेंडिस (21 गेंद में 32 रन पर रिटायर्ड हर्ट) और इशान किशन (28 गेंद में 35 रन) के उपयोगी योगदान से सनराइजर्स हैदराबाद (एसआरएच) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टी20 मैच में सोमवार को यहां लखनऊ सुपरजायंट्स (एलएसजी) को छह विकेट से शिकस्त दी। इस हार के साथ ही एलएसजी की टीम प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गयी। एलएसजी की यह 12 मैच में सातवीं हार है और टीम 10 अंक के साथ तालिका में सातवें स्थान पर है। सनराइजर्स 12 मैच में चौथी जीत के साथ आठवें पायदान पर है। एलएसजी ने पहले बल्लेबाजी का न्योता मिलने पर सात विकेट पर 205 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया लेकिन एसआरएच ने 18.2 ओवर में चार विकेट पर लक्ष्य हासिल कर लिया। इस मैदान पर यह पहली बार है जब लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम ने 200 से अधिक रन बनाकर जीत दर्ज की। अभिषेक ने पारी की शुरुआत में ही चार चौके और छह छक्के लगाये जिससे लक्ष्य का पीछा करते समय एसआरएच की टीम कभी दबाव में नहीं आयी। उन्होंने रवि बिश्नोई के खिलाफ लगातार चार छक्के जड़ने के दौरान 18 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया। इससे पहले मिशेल मार्श और एडेन मारक्रम की बेहतरीन अर्धशतकीय पारियों और दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 115 रन की साझेदारी की बदौलत एलएसजी ने प्रतिस्पर्धी स्कोर खड़ा किया। मार्श ने 39 गेंद की पारी में छह चौके और चार छक्के की मदद से 65 जबकि मारक्रम ने 38 गेंद में 61 रन की पारी में चार छक्के और इतने ही चौके जड़े। निकोलस पूरन ने भी 29 गेंद में 45 रन का योगदान दिया।
सनराइजर्स पहले ही प्रतियोगिता से बाहर हो चुकी थी और एलएसजी को टूर्नामेंट में बने रहने के लिए इस मैच में जीत की जरूरत थी। एलएसजी की बड़ी जिम्मेदारी उनके नए कप्तान ऋषभ पंत के नाम रहेगी। वह रिकॉर्ड 27 करोड़ की राशि पर खरे नहीं उतर सके। सनराइजर्स की पारी का मुख्य आकर्षण अभिषेक द्वारा लेग स्पिनर रवि बिश्नोई की लगातार चार गेंदों पर लगाए गए छक्के थे। उन्होंने इसमें से तीन छक्के कदमों का इस्तेमाल कर लगाये। गेंदबाजी विभाग में एलएसजी के लिए सिर्फ दिग्वेश राठी (37 रन पर दो विकेट) ही प्रभावित कर सके।
राठी ने जब आठवें ओवर में अभिषेक को कैच कराने के बाद अपने चिरपरिचित अंदाज में ‘नोटबुक' जश्न मनाया। इसके बाद अभिषेक के साथ उनकी नोकझोंक हुई। अंपायरों के तुरंत हस्तक्षेप से हालांकि यह मामला आगे नहीं बढ़ा। मैच के बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच हाथ मिलाकर बातचीत करते देखा गया। अभिषेक इस दौरान राठी के कंधे पर हाथ रख कर उनसे बात करते दिखे। इससे पहले मार्श और मारक्रम की आक्रामक पारी से एलएसजी ने पावरप्ले में बिना किसी नुकसान के 69 रन बना लिये। मार्श ने अपने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस की गेंद पर छक्का लगाकर शुरुआत की, जबकि मारक्रम ने पारी के दूसरे ओवर में पदार्पण कर रहे वामहस्त स्पिनर हर्ष दुबे के खिलाफ स्ट्रेट में बाउंड्री लगाई। कमिंस ने रणजी ट्रॉफी में रिकॉर्ड विकेट लेने वाले दुबे को जल्द ही गेंद थमा दी और एलएसजी के सलामी बल्लेबाजों ने इस नये खिलाड़ी को निशाना बनाने की पूरी कोशिश की। मार्श ने उनके पहले ओवर की दूसरी गेंद पर लांग ऑन की तरफ छक्का जड़ा जबकि मारक्रम ने इस गेंदबाज के दूसरे ओवर में अपनी पारी का पहला छक्का लगाया। पारी के इस चौथे ओवर में मारक्रम को स्टंप करने का मुश्किल मौका किशन ने गंवा दिया। उन्हें नौवें ओवर में पारी का दूसरा जीवनदान मिला जब अनिकेत वर्मा ने जीशान अंसारी की गेंद पर उनका कैच टपका दिया। उन्होंने इसका जश्न दुबे के खिलाफ छक्का जड़ा लेकिन इस 22 साल के गेंदबाज ने मार्श को आउट कर इस लीग की पहली सफलता हासिल की। तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी के लिए कप्तान ऋषभ पंत का खराब लय जारी रहा। वह सात रन बनाकर मलिंगा की गेंद पर रिटर्न कैच दे एलएसजी की टीम इसके बाद 11वें से 15वें ओवर तक दो विकेट के नुकसान पर 38 रन ही बना सकी।
पूरन ने आक्रामक पारी खेलकर टीम को 200 रन के करीब पहुंचाया लेकिन वह सहजता से छक्के लगाने में संघर्ष करते दिखे। मौजूदा सत्र में पहली बार गेंदबाजी कर रहे नीतिश रेड्डी ने आखिरी ओवर में 20 रन खर्च किये। आकाश दीप ने अपनी पहली और पारी की आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर एलएसजी के स्कोर को 200 रन के पार पहुंचा दिया। - नयी दिल्ली. पूर्व भारतीय कप्तान और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने पेशेवर तौर पर क्रिकेट से जुड़ने की चाह रखने वाले लोगों को सफलता के लिए खुद को परख कर अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने की सलाह दी। कोच के तौर पर भारत को टी-20 विश्व चैंपियन बनाने के बाद मौजूदा सत्र में आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स के साथ काम कर रहे द्रविड़ ने ‘ जियो हॉटस्टार' के ‘हल्ला बोल' के एपिसोड में कहा, ‘‘ क्रिकेट में अच्छा होना और सिर्फ क्रिकेट का अभ्यास करना निश्चित रूप से आपको कुछ सफलता दिलायेगा। मैंने हालांकि जिन अच्छे और महान खिलाड़ियों के साथ काम किया है या ड्रेसिंग रूम साझा किया है उनमें एक चीज सामान्य देखी है, वह यह है कि वे वास्तव में अपनी क्षमता के बारे में जानते थे।'' टेस्ट क्रिकेट में द्रविड़ भारत के लिए दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि अगर आप एक व्यक्ति के तौर पर खुद को पहचानते हैं और लगातार विकसित होते रहते हैं, तो आपके पास अपनी क्षमता को अधिकतम करने का सबसे अच्छा मौका होता है।'' द्रविड़ ने स्पष्ट किया कि वह तुलना में विश्वास नहीं करते।द्रविड़ ने कहा, ‘‘यह व्यक्तिगत मामला है, आप खुद को दूसरे लोगों के साथ आंक नहीं सकते, खुद की तुलना दूसरे लोगों से नहीं कर सकते। आपका काम खुद से और आपको जो कौशल मिले हैं, उनसे सर्वश्रेष्ठ प्राप्त करना है। यह तभी संभव है जब आप मैदान पर एक क्रिकेटर के रूप में और मैदान के बाहर एक व्यक्ति के रूप में भी विकसित होंगे।'
- नयी दिल्ली. खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने रविवार को खेलो इंडिया पहल के दायरे को व्यापक बनाने की घोषणा की जिसमें इस साल से स्कूली खेल, मार्शल आर्ट, तटीय खेल और ‘वाटर स्पोर्ट्स' शामिल होंगे। खेलो इंडिया का वार्षिक कैलेंडर लॉन्च करते हुए मांडविया ने कहा कि सरकार जल्द ही खेलो इंडिया खेलों और अन्य प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला शुरू करेगी जिसमें खेलो इंडिया ‘नॉर्थ-ईस्ट गेम्स' भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना, जमीनी स्तर पर प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देना और प्रतिभाओं की पहचान के लिए साल भर के लिए रणनीतिक कार्यक्रम प्रदान करना है। मांडविया ने कहा, ‘‘खेलो इंडिया वार्षिक कैलेंडर केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति में बदलने के लिए भारत की घरेलू प्रतियोगिता संरचना को मजबूत करने वाला एक रणनीतिक खाका है। '' उन्होंने कहा, ‘‘पिछले एक दशक में भारतीय खेलों में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। हमने खेलो इंडिया पहल के तहत नियमित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के साथ एक गतिशील और समावेशी खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। '' मांडविया ने कहा, ‘‘हम जल्द ही खेलो इंडिया ‘बीच गेम्स' (केआईबीजी), खेलो इंडिया स्कूल गेम्स (केआईएसजी), खेलो इंडिया ‘वाटर स्पोर्ट्स', खेलो इंडिया ‘नॉर्थ-ईस्ट गेम्स' आदि की शुरुआत करेंगे। '' उन्होंने कहा कि ये टूर्नामेंट भारत की युवा प्रतिभाओं की पहचान करने, उन्हें निखारने और तैयार करने में अहम होंगे। खेलो इंडिया मंच में पहले से ही चार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता शामिल हैं जिसमें खेलो इंडिया युवा खेल, खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल, खेलो इंडिया पैरा खेल और खेलो इंडिया शीतकालिन खेल शामिल हैं।
- दुबई। भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा कि भारत के पूर्व टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते समय ऊब जाते थे इसलिए उन्होंने 2019 में ‘हिटमैन' को सलामी बल्लेबाज बनाने का फैसला किया। शास्त्री का यह फैसला ‘मास्टर स्ट्रोक' साबित हुआ और इसने पारंपरिक प्रारूप में रोहित के करियर को नया मोड़ दिया। शास्त्री 2017 में भारत के मुख्य कोच बने और 2021 में उन्होंने राहुल द्रविड़ को कमान सौंप दी। उनके चार साल के कार्यकाल के दौरान रोहित भारत के सबसे आक्रामक टेस्ट सलामी बल्लेबाज में से एक बन कर उभरे। शास्त्री ने ‘आईसीसी रिव्यू' में कहा, ‘‘चार, पांच नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए यह लड़का ऊब जाता था। मैंने फिर इस पर विचार करना शुरू किया कि वह वनडे क्रिकेट में इतना सफल क्यों है? वह बल्लेबाजी के लिए मैदान पर जल्दी जाना पसंद करता है।भारत के इस पूर्व दिग्गज हरफनमौला ने कहा, मैंने सोचा कि अगर उसे पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा जाए तो उसके पास तेज गेंदबाजों को खेलने, शॉट लगाने के लिए पर्याप्त समय होगा। उसके लिए मंच तैयार था। वह अगर इसे अपना ले तो उसके टेस्ट करियर को नयी दिशा मिल सकती है।'' रोहित ने हाल ही में खेल के इस पारंपरिक प्रारूप को अलविदा कह दिया। उन्होंने अपने शानदार करियर में 67 मैचों में 12 शतक और 18 अर्धशतक की मदद से 4,301 रन बनाये। शास्त्री ने कहा कि उन्होंने 2019 विश्व कप के दौरान ही रोहित का इस्तेमाल टेस्ट में सलामी बल्लेबाज के रूप में करने का फैसला कर लिया था। वह इस विश्व कप में पांच शतक और 81 की औसत से 648 रन बनाकर टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे थे। इस पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि उन्होंने तत्कालीन कप्तान विराट कोहली के साथ रोहित को सलामी बल्लेबाज के तौर पर आगे बढ़ाने के विचार पर चर्चा की थी। रोहित को तुरंत सफलता मिली, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शीर्ष क्रम में अपने पहले टेस्ट में दो शतक जड़े। शास्त्री ने रोहित के बारे में कहा, ‘‘उन्होंने पांचवें और छठे नंबर पर काफी बल्लेबाजी की लेकिन वह पूरी एकाग्रता नहीं दिखा पाते थे। वह 20 , 30 रन बनाकर अपना विकेट गंवा देते थे। (मैंने सोचा) चलो उसे दबाव में डालते हैं और उसे (बल्लेबाजी क्रम में) ऊपर भेजते हैं। मुझे याद है कि मैंने उससे वेस्टइंडीज में कहा था ‘हम चाहते हैं कि तुम पारी का आगाज करो'।' रोहित ने टेस्ट के अपने 12 शतकों में से नौ शतक सलामी बल्लेबाज के तौर पर लगाये है। उन्होंने कहा, मैं अगर गलत नहीं हूं तो यह (फैसला) अगस्त 2019 में लिया गया था। उस विश्व कप के बाद। विश्व कप में उसने शानदार बल्लेबाजी की थी। इसलिए उनका फॉर्म बहुत अच्छा था। उसने इसके बारे में कुछ समय तक विचार किया होगा। वह इससे असहज नहीं था।शास्त्री ने कहा, उसने पारी का आगाज करते हुए अपने पहले टेस्ट मैच में शतक जड़ा था। मैं अगर गलत नहीं हूं, तो उन्होंने पहली पारी में 100 रन बनाए और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा क्योंकि वह इसका लुत्फ उठाने लगा था।'' शास्त्री ने कहा कि रोहित ने अपनी तकनीक और नरम हाथों से शॉट खेलने का काफी अभ्यास किया। उसने अपनी तकनीक पर बहुत काम किया क्योंकि मुझे लगता है कि उसने इंग्लैंड में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी की थी। इंग्लैंड में परिस्थितियां काफी अलग होती है।
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कोलकाता. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने शनिवार को बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ ‘बहुत अच्छे' संबंध का हवाला देते हुए शनिवार को उम्मीद जताई की ईडन गार्डन्स इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के फाइनल की मेजबानी करेगा। भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के कारण बीसीसीआई ने आईपीएल को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया। इसका फाइनल पहले 25 मई को कोलकाता में खेला जाना था लेकिन बोर्ड ने संशोधित कार्यक्रम में तीन जून को खेले जाने वाले फाइनल के स्थल की जानकारी नहीं दी है। गांगुली से जब पूछा गया कि क्या कोलकाता मूल कार्यक्रम के अनुसार ही फाइनल मैच की मेजबानी करेगा तो बीसीसीआई और सीएबी के इस पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम कोशिश कर रहे हैं। क्या फाइनल को स्थानांतरित करना इतना आसान है ? यह ईडन का प्लेऑफ है, और मुझे यकीन है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। मुझे उम्मीद है।'' प्रशंसकों के वर्ग ने शुक्रवार को प्रतिष्ठित स्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि आईपीएल फाइनल कोलकाता में ही आयोजित किया जाए। गांगुली ने यहां ‘ऑल इंडिया इनविटेशन इंटर-स्कूल रेगेटा' के फाइनल के दौरान कहा, ‘‘विरोध से कोई खास मदद नहीं मिलती। बीसीसीआई का बंगाल क्रिकेट संघ के साथ बहुत अच्छा रिश्ता है।'' प्लेऑफ स्थलों को तय करने में देरी पर गांगुली ने कहा, ‘‘ कोलकाता नाइट राइडर्स ने इस मैदान पर अपने लीग मैच समाप्त कर लिए हैं, इसलिए ईडन पहली सूची में नहीं है।'' ईडन गार्डन को 2024 सत्र में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिताब जीतने के कारण इस सत्र के फाइनल के मेजबानी का अधिकार मिला था। इस स्थल ने मौजूदा सत्र के उद्घाटन मैच की भी मेजबानी की थी। आईपीएल के मूल कार्यक्रम के अनुसार ईडन गार्डन्स को 23 मई को क्वालीफायर दो और 25 मई को फाइनल की मेजबानी करनी थी। बीसीसीआई ने हालांकि फाइनल के लिए नए स्थल के बारे में चुप्पी साध रखी है, जिससे अटकलों को और बल मिला है। इस प्रस्तावित बदलाव के पीछे का कारण मौसम का पूर्वानुमान है, क्योंकि उस इस शहर में समय दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत होती है। भारत में टेस्ट क्रिकेट को हाल ही में दोहरा झटका लगा जब कप्तान रोहित शर्मा और दिग्गज बल्लेबाज़ विराट कोहली ने खेल के पारंपरिक प्रारूप से संन्यास ले लिया। गांगुली ने खासकर कोहली के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया और दोनों खिलाड़ियों को उनके शानदार करियर के लिए बधाई दी। गांगुली ने कहा, ‘‘यह उनका अपना फ़ैसला है। क्या कोई अपनी इच्छा के बिना खेल छोड़ सकता है? लेकिन यह एक शानदार करियर रहा है और रोहित शर्मा के लिए भी यही बात लागू होती है। कोहली के संन्यास ने मुझे चौंका दिया है।'' रोहित ने सबसे पहले लाल गेंद के करियर को अलविदा कहा और कुछ दिनों बाद कोहली ने भी ऐसा ही किया, जिससे टीम में एक बड़ा खालीपन आ गया। गांगुली ने चयनकर्ताओं से टीम के अगले कप्तान के चयन में सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा, ‘‘यह एक ऐसा फैसला है जिस पर चयनकर्ताओं को सावधानी से विचार करना चाहिए। इसके कई फायदे और नुकसान हैं। उन्हें लंबे समय के बारे में सोचना होगा। ''
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बुकारेस्ट. भारत के आर प्रज्ञानानंदा ने अलीरेजा फिरोजा और मैक्सिम वाचियेर लाग्रेव के साथ रोमांचक टाइब्रेक प्लेआफ मुकाबला जीतकर सुपरबेट शतरंज क्लासिक टूर्नामेंट अपने नाम किया । जीत के बाद प्रज्ञानानंदा ने एक्स पर लिखा ,‘‘अविश्वसनीय अनुभव । अभी अभी बुकारेस्ट में सुपरबेट शतरंज क्लासिक टूर्नामेंट जीता । मेरी टीम और सहयोगियों को लगातार हौसलाअफजाई करने के लिये धन्यवाद ।'' प्रज्ञानानंदा, वाचियेर लाग्रेव और फिरोजा नौ दौर के बाद 5.5 अंक लेकर बराबरी पर थे जिससे विजेता का फैसला त्रिकोणीय टाइब्रेकर से हुआ । टाइब्रेकर में पहली दो बाजियां ड्रॉ रहने के बाद प्रज्ञानानंदा ने तीसरी बाजी और खिताब जीता । भारत के विश्व चैम्पियन डी गुकेश चार अंक लेकर नौवें स्थान पर रहे । अब ग्रैंड शतरंज टूर का अगला टूर्नामेंट सुपर युनाइटेड रैपिड और ब्लिट्ज एक जुलाई से क्रोएशिया में खेला जायेगा ।
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दोहा. दोहा डाइमंड लीग में नीरज चोपड़ा के लिए प्रदर्शन ‘खट्टा-मीठा' रहा क्योंकि वह आखिरकार 90 मीटर या इससे अधिक का थ्रो करने वाले खिलाड़ियों के क्लब में शामिल हो गए लेकिन उन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। ग्रोइन की चोट लगभग ठीक होने के साथ इस स्टार भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी को इस सत्र में 90 मीटर से अधिक के और थ्रो करने की उम्मीद है। दोहरे ओलंपिक पदक विजेता 27 वर्षीय नीरज ने तीसरे प्रयास में भाले को 90.23 मीटर तक पहुंचाया और 90 मीटर या इससे अधिक करने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए जिसकी अगुआई उनके वर्तमान कोच चेक गणराज्य के जान जेलेजनी कर रहे हैं। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे एशियाई और कुल मिलाकर 25वें खिलाड़ी बने। हालांकि जर्मनी के जूलियन वेबर ने बाजी पलट दी और अपने छठे और अंतिम थ्रो में 91.06 मीटर के प्रयास के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया और स्वर्ण पदक जीता। अपने कंधों से बोझ उतरने के बाद नीरज ने कहा कि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आना अभी बाकी है और प्रशंसक इस साल उनसे 90 मीटर की और थ्रो की उम्मीद कर सकते हैं। अब आत्मविश्वास से भरे और चोट मुक्त नीरज जेलेजनी के मार्गदर्शन में कुछ पहलुओं को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। पिछले साल नवंबर में जेलेजनी को नीरज के कोच के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन इस दिग्गज भारतीय खिलाड़ी ने कहा कि वे फरवरी से ही साथ काम कर रहे हैं। नीरज ने स्पर्धा के बाद कहा, ‘‘मैं 90 मीटर के प्रयास से बहुत खुश हूं लेकिन यह असल में थोड़ा खट्टा-मीठा अनुभव है। लेकिन कोई बात नहीं मैं और मेरे कोच अब भी मेरे थ्रो के कुछ पहलुओं पर काम कर रहे हैं। हमने इस साल फरवरी में ही साथ काम करना शुरू किया था। मैं अब भी चीजें सीख रहा हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘वह आमतौर पर डाइमंड लीग में नहीं जाते लेकिन वह मेरे साथ आए क्योंकि उन्होंने मुझे कहा कि आज 90 मीटर के आंकड़े को हासिल करने का दिन है।'' नीरज ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों से मुझे हमेशा ग्रोइन में कुछ महसूस होता था। इस वजह से मैं अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पाया। इस साल मैं बहुत बेहतर महसूस कर रहा हूं। हम कुछ पहलुओं पर भी काम करेंगे और इसलिए मेरा मानना है कि मैं इस साल विश्व चैंपियनशिप से पहले की प्रतियोगिताओं में 90 मीटर से अधिक भाला फेंक सकता हूं।'' विश्व चैंपियनशिप 13 से 21 सितंबर तक तोक्यो में आयोजित की जाएगी।
अब जब 90 मीटर का आंकड़ा पार हो गया है तो अपने अगले लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर नीरज ने कहा, ‘‘मेरा अगला लक्ष्य 90 मीटर ही है। मुझे लगता है कि मैं और आगे फेंकने के लिए तैयार हूं। यह एक लंबे सत्र की शुरुआत है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं कि जान जेलेजनी मेरे कोच हैं और हमने दक्षिण अफ्रीका में बहुत मेहनत की है। हम अब भी कुछ पहलुओं पर काम कर रहे हैं।'' नीरज ने कहा कि यहां की परिस्थितियों ने भी उन्हें बड़े थ्रो करने में मदद की और जेलेजनी ने भी उनसे कहा कि वह 90 मीटर का आंकड़ा पार कर सकते हैं। नीरज ने कहा, ‘‘जब मैं वार्मअप थ्रो कर रहा था तो मेरे कोच ने कहा, आज वह दिन है जब मैं 90 मीटर थ्रो कर सकता हूं। मेरे 90 मीटर थ्रो के बाद भी उन्होंने मुझे कहा कि मैं दो-तीन मीटर और दूर तक थ्रो कर सकता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हवा निश्चित रूप से मदद करती है और मौसम थोड़ा गर्म है और इससे मदद मिलती है। यह साल की पहली प्रतियोगिता है इसलिए हर कोई लंबे समय के बाद एक नई मानसिकता के साथ आया था'' नीरज ने कहा, ‘‘मैंने जूलियन (वेबर) से भी कहा कि हम 90 मीटर थ्रो कर सकते हैं। मैं उसके लिए भी खुश हूं। हमने इतने वर्षों से 90 मीटर के थ्रो के लिए बहुत मेहनत की है और इसलिए हम खुश हैं। यह हमारे बीच अच्छी प्रतिस्पर्धा है और अगली प्रतियोगिता में हम एक-दूसरे को फिर से कड़ी टक्कर देंगे तथा और बेहतर थ्रो करेंगे।'' नीरज को मलाल है कि उन्होंने पहले भी जब राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा था तो उन्हें दो बार दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा पहले भी हुआ था। जब मैंने तुर्कू में 89 मीटर से अधिक की दूरी से राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था तो मैं दूसरे स्थान पर रहा था। स्टॉकहोम डाइमंड लीग में जब मैंने 89.94 मीटर का थ्रो किया तो मैं फिर से दूसरे स्थान पर रहा, यहां भी ऐसा ही हुआ।'' वेबर ने कहा कि उन्होंने कुछ अतिरिक्त नहीं किया लेकिन उन्हें लग रहा था कि वह यहां 90 मीटर का आंकड़ा पार कर सकते हैं। वेबर ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह कैसे हुआ। मेरे फिजियोथेरेपिस्ट की बदौलत मुझे बहुत अच्छी मालिश मिली। आज बहुत मजा आया। नीरज ने पहली बार 90 मीटर से अधिक का प्रयास किया और मैं अपने आखिरी थ्रो में उससे आगे निकल गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं उसके लिए बहुत खुश था। हम लंबे समय से 90 मीटर थ्रो के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थे और हम दोनों ने आज इसे हासिल किया। इसलिए यह हमारे लिए बहुत खास था।'' वेबर 90 मीटर से अधिक का प्रयास करने वाले दुनिया के 26वें भाला फेंक खिलाड़ी बने। दो बार के विश्व चैंपियन और पेरिस ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स 84.65 मीटर के अपने शुरुआती थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे। -
नयी दिल्ली. हॉकी इंडिया ने अर्जेंटीना के रोसारियो में होने वाले आगामी चार देशों के टूर्नामेंट के लिए शनिवार को 24 सदस्यीय भारतीय जूनियर महिला टीम की घोषणा की जिसमें गोलकीपर निधि को कप्तान बनाया गया है जबकि हिना बानो उप-कप्तान होंगी। यह टूर्नामेंट 25 मई से दो जून तक खेला जाएगा जिसमें भारत और मेजबान अर्जेन्टीना के अलावा उरुग्वे और चिली की टीम हिस्सा लेंगी। दिसंबर में होने वाले जूनियर विश्व कप की तैयारी के हिस्से के रूप में भारतीय टीम प्रत्येक टीम के खिलाफ दो मैच खेलेगी जो उसे अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करने, टीम संयोजन का आकलन करने और रणनीतियों को बेहतर करने में मदद करेगा। भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम के कोच तुषार खांडेकर ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘हम इस टीम से अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की पहचान करना चाहते हैं, विशेषकर जूनियर विश्व कप को देखते हुए जो सिर्फ छह महीने दूर है। यह दौरा खिलाड़ियों को बहुमूल्य अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्रदान करेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘दीर्घकाल में हम उन्हें सीनियर टीम में जगह बनाने के लिए भी तैयार कर रहे हैं। यह बदलाव तभी संभव है जब वे विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करें जो इस दौरे को बेहद महत्वपूर्ण बनाता है।'' टीम में दूसरे गोलकीपर के रूप में एंजिल हर्षा रानी मिंज शामिल हैं जबकि विद्याश्री वी को स्टैंडबाई रखा गया है। रक्षापंक्ति में ममिता ओरम, लालथंतलुआंगी, मनीषा, पूजा साहू, पार्वती टोपनो, नंदिनी और साक्षी शुक्ला को जगह मिली है। मिडफील्ड में प्रियंका यादव, अनीशा साहू, रजनी केरकेट्टा, बिनिमा धन, खैदेम शिलेमा चानू, संजना होरो, सुप्रिया कुजूर और प्रियंका डोगरा शामिल होंगी। हुडा खान और मुनमुनी दास को स्टैंडबाय मिडफील्डर के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अग्रिम पंक्ति में हिना बानो, सोनम, सुखवीर कौर, गीता यादव, लालरिनपुई, कनिका सिवाच और करमनप्रीत कौर शामिल हैं। सेलेस्टिना होरो को स्टैंडबाय के रूप में नामित किया गया है। भारत का पहला मैच 25 मई को चिली से होगा।
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नई दिल्ली ।देश के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग 2025 में इतिहास रच दिया। उन्होंने पहली बार 90 मीटर की दूरी पार करते हुए भाला फेंककर अपना नया पर्सनल बेस्ट बनाया। नीरज ने फाइनल मुकाबले में तीसरे प्रयास में 90.23 मीटर दूर भाला फेंका। इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.94 मीटर था, जो उन्होंने 30 जून 2022 को स्टॉकहोम डायमंड लीग में फेंका था।
इस शानदार थ्रो के बावजूद नीरज को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा, क्योंकि जर्मनी के वेबर जूलियन ने छठे और आखिरी थ्रो में 91.06 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड मेडल जीत लिया। नीरज ने छह में से पांच थ्रो तक लीड बनाए रखी थी, लेकिन आखिरी पल में जूलियन ने बाजी मार ली।नीरज के लिए 90 मीटर पार करना सिर्फ एक आंकड़ा नहीं था, बल्कि यह उनके करियर की एक बड़ी चुनौती बन गई थी। कई बार वह इसके करीब पहुंचे, लेकिन 88 या 89 मीटर पर ही थम गए। टोक्यो ओलंपिक और बुडापेस्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने के बावजूद लोगों के मन में सवाल था कि क्या नीरज कभी 90 मीटर के पार फेंक पाएंगे। अब उन्होंने इस सवाल का जवाब अपने शानदार प्रदर्शन से दे दिया।उनके इस प्रदर्शन में नए कोच जान जेलेज्नी की अहम भूमिका मानी जा रही है। नीरज ने हाल ही में अपने पुराने जर्मन कोच डॉ. क्लॉस बार्टोनिएट्ज को हटाकर तीन बार के ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता चेक गणराज्य के जेलेज्नी को अपना कोच बनाया है। अब नीरज 90 मीटर क्लब का हिस्सा बन चुके हैं, जिसमें पाकिस्तान के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अर्शद नदीम भी शामिल हैं। यह नीरज के लिए केवल एक रिकॉर्ड नहीं बल्कि व्यक्तिगत रूप से एक बड़ी उपलब्धि है।दोहा में यह नीरज का इस सीजन का पहला बड़ा टूर्नामेंट था। इसमें उनका मुकाबला दो बार के वर्ल्ड चैंपियन और 2024 ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स, चेकिया के याकुब वाडलेजच (2024 दोहा विजेता), जर्मनी के वेबर जूलियन और मैक्स डेह्निंग, केन्या के जूलियस येगो और जापान के रोडरिक जेंकी डीन जैसे दिग्गजों से हुआ। इस प्रतियोगिता में एंडरसन पीटर्स ने 85.64 मीटर थ्रो करके कांस्य पदक जीता।- -
दुबई.विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) 2025 के विजेताओं को पिछले चरण में दी गई पुरस्कार राशि से अधिक राशि मिलेगी जो अब बढ़कर 36 लाख डॉलर हो गई है। यह राशि पिछले चरण में दी गई पुरस्कार राशि से दोगुनी से भी ज्यादा है। ऑस्ट्रेलिया को 2023 में भारत के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल जीतने के लिए 16 लाख अमेरिकी डॉलर मिले थे।
अब 2025 फाइनल ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच लार्ड्स पर 11 जून से खेला जाएगा।
फाइनल में हारने वाली टीम को 21 लाख डॉलर मिलेंगे जबकि पिछले दो चरणों के उपविजेता को 800,000 डॉलर मिले थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, ‘‘पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देने के आईसीसी के प्रयासों को दर्शाती है क्योंकि यह नौ टीम की प्रतियोगिता के पहले तीन चक्रों की गति को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। '' डब्ल्यूटीसी चक्र में दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका और पाकिस्तान पर 2-0 की घरेलू श्रृंखला जीत के साथ 69.44 प्रतिशत अंक के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया। गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने 67.54 प्रतिशत अंक हासिल किए जबकि भारत अधिकांश समय तालिका में शीर्ष पर रहने के बावजूद 50.00 प्रतिशत अंक हासिल कर सका। -
लंदन. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली का अपार योगदान आंकड़ों से कहीं अधिक है और किसी भी ‘सामान्य' चीज से संतुष्ट न होने की उनकी अदम्य भावना ने ही शायद उन्हें संन्यास लेने के फैसले के लिये प्रेरित किया। कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से विदा ले ली । छत्तीस वर्ष के कोहली टेस्ट क्रिकेट के सबसे बड़े प्रचारक ही नहीं थे बल्कि भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान भी थे । हुसैन ने स्काय स्पोटर्स क्रिकेट पॉडकास्ट पर कहा ,‘‘ वह चैम्पियन है । वह जीत का लक्ष्य लेकर ही खेलता है और उसके लिये बेचैन रहता है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ कोहली के लिये सब कुछ जीतने के बारे में ही है । इसलिये तो लक्ष्य का पीछा करने में वह माहिर है । अगर वह सौ फीसदी नहीं दे सकता होगा तो मैदान पर नहीं उतरेगा । वह हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने ही उतरता है ।'' हुसैन ने कहा ,‘‘ हो सकता है कि उसने संन्यास का फैसला भी इसलिये ही लिया हो । वह आम क्रिकेटर नहीं बनना चाहता । वह कुछ खास करना चाहता है । उसने भारत को वह ताकत बनाया जो वह आज है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मैं पिछले 14 साल से कोहली का बड़ा प्रशंसक रहा हूं । उसके आंकड़े खुद उसके बारे में कहते हैं । लेकिन वह आंकड़ों से बहुत आगे कुछ है । उसकी शख्सियत , स्वैग और जुनून । हम भारतीय क्रिकेटप्रेमियों को जानते हैं और क्रिकेट उनके लिये बहुत मायने रखता है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ क्रिकेट को लेकर इतना जुनून भारत में कोहली से ज्यादा किसी ने नहीं जगाया । वह अविश्वसनीय क्रिकेटर है । वह भारत को नंबर एक तक ले गया जहां टीम 42 महीने तक रही । उसने उनके क्रिकेट खेलने का तरीका बदल दिया ।'' इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल आथरटन ने इसी पॉडकास्ट में कहा ,‘‘हमें नहीं पता कि अब चौथे नंबर पर कौन उतरेगा लेकिन उसे कोहली की जगह लेनी है और यह आसान नहीं है । पंद्रह साल तक कोहली और उससे पहले सचिन तेंदुलकर ।''
- नयी दिल्ली. ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक दी गई है। एक सरकारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग द्वारा 13 मई को अधिसूचना जारी की गई।हरियाणा के पानीपत के पास खंडरा गांव के रहने वाले इस 27 वर्षीय भाला फेंक खिलाड़ी ने 2020 तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 2024 पेरिस ओलंपिक में भी रजत पदक जीता। नीरज भारतीय सेना में सूबेदार मेजर थे। पता चला है कि वह इस साल सेवानिवृत्त होने वाले थे।अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘प्रादेशिक सेना विनियम 1948 के पैरा-31 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति हरियाणा के पानीपत के गांव और डाकघर खंडरा के पीवीएसएम, पद्मश्री, वीएसएम पूर्व सूबेदार मेजर नीरज चोपड़ा को 16 अप्रैल 2025 से प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद पद प्रदान करती हैं।'' नीरज मौजूदा विश्व चैंपियन हैं जिन्होंने हंगरी के बुडापेस्ट में 2023 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को 2011 में प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद पद दिया गया था।
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दुबई. त्रिकोणीय श्रृंखला में जीत की बदौलत भारत को बुधवार को जारी आईसीसी महिला एकदिवसीय रैंकिंग में आठ अंक का फायदा हुआ जिससे उसने अपने और दूसरे स्थान पर मौजूद इंग्लैंड के बीच के अंकों के अंतर को कम किया। दूसरे स्थान पर मौजूद भारत के अब 121 रेटिंग अंक है और वह इंग्लैंड से सिर्फ छह अंक पीछे है। सात बार का विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया 167 अंक के साथ शीर्ष पर बना हुआ है लेकिन अपडेट के बाद अब उसकी बढ़त 44 से घटकर 40 अंक की रह गई है। शीर्ष छह टीम की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है जिसमें न्यूजीलैंड (96), दक्षिण अफ्रीका (90) और श्रीलंका (82) भी शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका को नवीनतम रैंकिंग में नौ रेटिंग अंक का नुकसान हुआ है लेकिन इसके बावजूद टीम पांचवें स्थान पर बनी हुई है। अपडेट के बाद मई 2022 से अप्रैल 2024 के बीच के मुकाबलों को 50 प्रतिशत ‘वेटेज' मिलेगी जबकि इसके बाद के मुकाबलों को शत प्रतिशत। अब 2022 में हुए 50 ओवर के विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने के दक्षिण अफ्रीका के प्रदर्शन को रैंकिंग की गणना से बाहर कर दिया गया है। इसका असर 2022 के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले वेस्टइंडीज (72) पर भी पड़ा है जिसे 10 रेटिंग अंक का नुकसान उठाना पड़ा है और वह सातवें से नौवें स्थान स्थान पर खिसक गया है। बांग्लादेश (79) और पाकिस्तान (78) रैंकिंग में उससे आगे हैं।
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रोम। भारत के रोहन बोपन्ना और चेक गणराज्य के उनके जोड़ीदार एडम पावलासेक की जोड़ी मंगलवार को यहां जो सैलिसबरी और नील स्कूपस्की की ब्रिटेन की जोड़ी से सीधे सेटों में हारकर रोम मास्टर्स की पुरुष युगल स्पर्धा से बाहर हो गयी बोपन्ना और पावलासेक प्री-क्वार्टर फाइनल मैच को एक घंटे आठ मिनट में 3-6, 3-6 से हार गए।बोपन्ना की हार के साथ ही इस ‘क्ले कोर्ट' टूर्नामेंट से भारतीय चुनौती समाप्त हो गयी। एटीपी 1000 स्तर के इस टूर्नामेंट में भाग लेने वाले एक अन्य भारतीय युकी भांबरी और अमेरिका के उनके जोड़ीदार रॉबर्ट गालोवे को शुरुआती दौर में ही शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
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नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने मंगलवार को कहा कि दिग्गज विराट कोहली ने कभी भी अभ्यास मैचों को ज्यादा पसंद नहीं किया और वह इसकी जगह नेट सत्र में समय बिताना चाहते थे। कोहली के कप्तानी के दिनों में भारतीय कोचिंग टीम के अहम सदस्यों में शामिल रहे अरुण ने कहा कि इस दिग्गज खिलाड़ी के साथ काम करना उनके करियर के सर्वश्रेष्ठ पलों में से एक है। अरुण ने कहा, ‘‘ भारतीय और विश्व टेस्ट क्रिकेट को उनकी और उनके व्यक्तित्व की कमी खलेगी। मैंने भारत के गेंदबाजी कोच के रूप में अपने कुछ बेहतरीन पल विराट कोहली की कप्तानी में बिताए हैं।'' अरुण ने कहा, ‘‘ कोहली ने अभ्यास मैचों को कभी पसंद नहीं किया।''
उन्होंने कहा, ‘‘ कोहली का मानना था कि अभ्यास मैचों में मुख्य मैचों की तरह जोश और जज्बे की कमी होती है। उन्होंने कभी अभ्यास मैचों का लुत्फ नहीं उठाया। वह इसकी जगह नेट सत्र में अधिक समय बिताना चाहते थे और हमेशा सबसे तेज विकेट का चुनाव कर गेंदबाजों या थ्रोडाउन विशेषज्ञों से 16 गज की दूरी से गेंद डालने को कहते थे।'' कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। उन्होंने 123 टेस्ट मैचों में 30 शतक की मदद से 9230 रन बनाये। इस दौरान उनका औसत 46.85 का रहा। वह 68 मैचों में 40 जीत के साथ भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान है। अरुण ने कहा, ‘‘ कोहली ने किसी भी चीज से ज्यादा इस प्रारूप का सम्मान किया और इस प्रारूप को उनकी कमी खलेगी।'' - मथुरा (उप्र)। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करने के बाद भारत के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली अपनी अभिनेत्री पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ अध्यात्मिक गुरू प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज के दर्शन करने वृंदावन पहुंचे । वे आश्रम में करीब साढे तीन घंटे रुकने बाद लगभग पौने दस बजे वापस हो गए । एक्स पर साझा किये गए वीडियो में विराट और अनुष्का को संत से आशीर्वाद लेते देखा जा सकता है । इस क्लिप में विराट और अनुष्का को प्रेमानंद जी महाराज से बात करते देखा गया जिसमें उन्होंने विराट से पूछा कि क्या वह खुश है । विराट ने एक दिन पहले ही सोमवार को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था और अगले ही दिन वह वृंदावन पहुंचे । इससे पूर्व वह इसी वर्ष10 जनवरी को और दो साल पहले (2023 में) चार जनवरी को भी आश्रम में उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने आ चुके हैं। आश्रम के सूत्रो के अनुसार वह मंगलवार तड़के ही आश्रम पहुंच गए थे और करीब साढे तीन घण्टे ठहरने के बाद लौट गए। जब वे यहां इनोवा में पहुंचे, तब दोनों मुंह पर मास्क लगाए हुए थे। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने संत प्रेमानंद से भेंट करने के बाद आश्रम का भ्रमण कर वहां संचालित प्रकल्पों के बारें में भी जानकारी हासिल की । उन्होंने लौटने से पूर्व वाराह घाट पर कुछ ही दूर स्थित संत प्रेमानंद के भी गुरू गौरांगी शरण महाराज के भी दर्शन किए।
- नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोमवार देर रात इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 का संशोधित कार्यक्रम जारी कर दिया। टूर्नामेंट अब 17 मई से दोबारा शुरू होगा और फाइनल मुकाबला 3 जून को खेला जाएगा।भारत-पाक तनाव के चलते 9 मई को रोका गया था टूर्नामेंटआईपीएल को भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण 9 मई को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया था।अब छह शहरों में होंगे बचे हुए मुकाबलेअब बाकी बचे 17 मुकाबले बेंगलुरु, जयपुर, दिल्ली, लखनऊ, मुंबई और अहमदाबाद में खेले जाएंगे। प्लेऑफ के स्थानों की घोषणा बाद में की जाएगी।इन तारीखों पर होंगे प्लेऑफ मुकाबलेप्लेऑफ के चार मुकाबलों की तारीखें तय कर दी गई हैं:क्वालिफायर 1: 29 मईएलिमिनेटर: 30 मईक्वालिफायर 2: 1 जूनफाइनल: 3 जूनटूर्नामेंट के दोबारा शुरू होने के बाद कुल 17 मुकाबले खेले जाएंगे, जिसमें दो डबल हेडर (रविवार को) होंगे। कुल मिलाकर 13 लीग मुकाबले और 4 प्लेऑफ मैच बाकी हैं।आरसीबी और केकेआर के बीच 17 मई को होगा पहला मुकाबलाआईपीएल के फिर शुरू होने के साथ पहला मुकाबला 17 मई को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के बीच बेंगलुरु में खेला जाएगा। वहीं 8 मई को धर्मशाला में अधूरा छोड़ा गया पंजाब किंग्स (पीबीकेएस) और दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) का मुकाबला अब 24 मई को जयपुर में होगा, जो पंजाब का अस्थायी होम ग्राउंड होगा।पंजाब को 26 मई को मुंबई इंडियंस के खिलाफ भी जयपुर में ही खेलना होगा। पहले यह मैच धर्मशाला में होना था।रविवार के डबल हेडर्स में होंगे ये मुकाबले18 मई (रविवार):दोपहर 3:30 बजे: राजस्थान रॉयल्स बनाम पंजाब किंग्सशाम 7:30 बजे: दिल्ली कैपिटल्स बनाम गुजरात टाइटंस25 मई (रविवार):दोपहर 3:30 बजे: गुजरात टाइटंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्सशाम 7:30 बजे: सनराइजर्स हैदराबाद बनाम कोलकाता नाइट राइडर्सलीग चरण का अंतिम मुकाबला 27 मई को लखनऊ सुपर जायंट्स और आरसीबी के बीच लखनऊ में खेला जाएगा।घरेलू मैदान से वंचित रह जाएंगी ये टीमेंशेड्यूल में बदलाव के चलते तीन टीमें—पंजाब, चेन्नई और हैदराबाद—अब अपने होम ग्राउंड पर कोई मुकाबला नहीं खेल पाएंगी। हालांकि चेन्नई और हैदराबाद पहले ही प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुके हैं, लेकिन पंजाब को यह बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि वे 11 मैचों में 15 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर थे।विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता बनी चुनौतीआईपीएल का फाइनल अब 3 जून को खेला जाएगा, जो इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच 29 मई से शुरू हो रही एकदिनी सीरीज के साथ टकराएगा। इससे वेस्टइंडीज के खिलाड़ी रोमारियो शेफर्ड (आरसीबी), शामार जोसेफ (एलएसजी) और शेरफेन रदरफोर्ड (गुजरात) आईपीएल प्लेऑफ से बाहर हो सकते हैं। इंग्लैंड की टीम ने स्क्वॉड की घोषणा नहीं की है, लेकिन जोस बटलर, फिल सॉल्ट, लियाम लिविंगस्टोन, विल जैक्स और रीसे टॉपली जैसे खिलाड़ी भी प्रभावित हो सकते हैं।डब्ल्यूटीसी फाइनल और इंडिया ए दौरे पर भी असरआईपीएल फाइनल के सिर्फ सात दिन बाद 11 जून से इंग्लैंड के लॉर्ड्स में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेला जाएगा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका आमने-सामने होंगे। आईपीएल में खेल रहे कई ऑस्ट्रेलियाई और दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों पर इसका असर पड़ सकता है। वहीं 30 मई से शुरू हो रहे इंडिया ए के इंग्लैंड दौरे के लिए संभावित खिलाड़ियों की उपलब्धता भी अब संदेह में है।टीमों को फिर से जोड़ने की चुनौतीबीसीसीआई के अनुसार, आईपीएल को दोबारा शुरू करने से पहले सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया गया। अब फ्रेंचाइजियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी—खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को फिर से भारत बुलाना। गुजरात टाइटंस को इसका सबसे कम असर पड़ा है क्योंकि उनके सिर्फ दो विदेशी खिलाड़ी (बटलर और कोएट्जी) बाहर गए थे और बाकी टीम अहमदाबाद में अभ्यास कर रही थी।
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नयी दिल्ली. पश्चिम दिल्ली के लड़के का ‘स्वैग' लेकर भारतीय ड्रेसिंग रूम में दाखिल हुए विराट कोहली क्रिकेट को लेकर अपने असीम जुनून के चलते मौजूदा दौर के महानायक बनकर उभरे और ऐसे समय में पारंपरिक क्रिकेट से विदा ली जब उनके और खेलते रहने की उम्मीद की जा रही थी । विराट ने स्वीकार किया कि टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का फैसला आसान नहीं था लेकिन सही था । सवाल यह उठता है कि यह विचार उनके जेहन में पहली बार कब कौंधा ? शायद आस्ट्रेलिया के खराब दौरे के बाद जहां उन्होंने पर्थ में दूसरी पारी में शतक के बाद सिर्फ 91 रन बनाये । स्विंग और उछाल को झेलने में उन्हें इतनी परेशानी हुई कि उनकी वापसी संभव नहीं लग रही थी । इसके बावजूद भारतीय क्रिकेट को इंग्लैंड दौरे पर उनकी जरूरत थी । शरीर से ज्यादा दिमाग की । लेकिन शायद वह पांच टेस्ट मैचों की एक और श्रृंखला खेलने के लिये तैयार नहीं थे । अपने सीनियर खिलाड़ियों के लिये गोल मटोल ‘चीकू' से जूनियर खिलाड़ियों के ‘भैया' तक ‘किंग कोहली' ने लंबा सफर तय किया है और अपने कैरियर में काफी उतार चढाव भी देखे । 2006 में अठारह बरस के कोहली ने अपने पिता प्रेम कोहली के निधन की खबर सुनकर भी 90 रन बनाकर दिल्ली को फॉलोआन से बचाया और फिरोज शाह कोटला स्टेडियम से सीधे श्मशान घाट जाकर उनकी अंतिम संस्कार किया । इसके बाद 2025 में 36 साल के सुपरस्टार विराट कोहली को रेलवे के मध्यम तेज गेंदबाज हिमांशु सांगवान ने करीब 20000 दर्शकों के सामने रणजी ट्रॉफी मैच में आउट किया । वह आखिरी बार था जब कोहली सफेद जर्सी में चमचमाती एसजी गेंद को खेलते दिखे । बीच के 18 साल में उन्होंने 30 टेस्ट शतक लगाये और उनके प्रशंसकों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढती रही । इंस्टाग्राम पर भारत में उनके सबसे ज्यादा (272 मिलियन) फॉलोअर्स आज भी हैं । वह एक दिवसीय क्रिकेट खेलते रहेंगे लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी बात ही अलग थी ।
ऐसे समय में जब एक औसत भारतीय प्रशंसक की तवज्जो एक इंस्टाग्राम रील से भी कम समय के लिये होती है, कोहली ने पिछली और मौजूदा पीढी को टेस्ट क्रिकेट से प्यार करना सिखाया । इंडियन प्रीमियर लीग की जगमगाहट के बीच लोग कोहली को टेस्ट बल्लेबाजी करते देखना चाहते रहे हैं । कोहली को 10000 टेस्ट रन पूरे करने के लिये 770 रन और चाहिये थे ।उनके समकालीन इंग्लैंड के जो रूट टेस्ट में 13000 रन पूरे करने से कुछ रन पीछे हैं जबकि आस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ 10000 रन पूरे कर चुके हैं । न्यूजीलैंड के केन विलियमसन इससे 724 रन दूर हैं । कोहली ने 2014 से 2019 के दौरान टेस्ट क्रिकेट में आक्रामकता की नयी परिभाषा लिखी । उनके कवर ड्राइव और फ्रंट फुट पर खेले गए शॉट क्रिकेटप्रेमियों को बरसों याद रहेंगे । सचिन तेंदुलकर को उनकी परिपक्वता के लिये जाना जाता है तो विराट का व्यक्तित्च गैर अनुरूपतावादी था । इसकी शुरूआत 2014 के इंग्लैंड दौरे से हुई जब जेम्स एंडरसन ने उन्हें काफी परेशान किया । तब लोग कहने लगे कि कोहली ‘इंग्लिश चैनल' पार नहीं कर सके । लेकिन कुछ महीने बाद ही आस्ट्रेलिया दौरे पर चार शतक जड़कर कोहली ने वापसी की और महान क्रिकेटर बनने की दिशा में पहला कदम रखा । उन्होंने 2018 के इंग्लैंड दौरे पर 593 रन बनाये ।
कोहली को टेस्ट क्रिकेट से प्यार था और टेस्ट क्रिकेट को उनसे । वह ऐसे दौर में बड़े हुए जब तेंदुलकर का जादू सिर चढकर बोलता था । टी20 के इस दौर में कोहली पांच दिनी क्रिकेट के आखिरी सुपरस्टार कहे जा सकते हैं । अब शायद ऐसा जुनून फिर देखने को न मिले ।























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