- Home
- बिजनेस
- नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि जुलाई 2017 और जनवरी 2020 के बीच शून्य जीएसटी रिटर्न भरने वाली पंजीकृत कंपनियों पर देरी करने के लिए जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।श्रीमती सीतारामन ने वस्तु और सेवा कर-जीएसटी की चालीसवीं बैठक के बाद बताया कि जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के बीच जीएसटी बिक्री रिटर्न नहीं भरने का अधिकतम जुर्माना पांच सौ रूपये होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीएसटी नहीं भरने पर जुर्माने से संबंधित मामलों को निपटाने के लिए जीएसटी परिषद की बैठक में ये दो निर्णय किए गए।पांच करोड़ रुपये तक के कारोबार करने वाले छोटे करदाताओं के लिए जीएसटी परिषद ने फरवरी, मार्च और अप्रैल 2020 की जीएसटी रिटर्न के लिए ब्याज दर नौ प्रतिशत कर दी है। छोटे करदाता तीस सितंबर 2020 तक रिटर्न भर सकते हैं। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि मई, जून और जुलाई के लिए रिटर्न भरने की तिथि सितंबर तक बढ़ा दी है और इस पर कोई जुर्माना या ब्याज नहीं लिया जाएगा।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में कोविड-19 के प्रभाव पर भी चर्चा की गई। इस दौरान जीएसटी संग्रहण और कपड़े के कर ढांचे पर भी विचार-विमर्श हुआ। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि जीएसटी परिषद उर्वरक, कपड़ा और जूता-चप्पल पर लगे कर में सुधार पर चर्चा की। वित्तमंत्री ने कहा कि राज्यों को क्षतिपूर्ति देने की आवश्यकता पर जुलाई की बैठक में विचार होगा। इसके अलावा पान मसाला पर कर लगाने की संभावना पर भी अगली बैठक पर चर्चा होगी।
- - इससे 22 लाख से भी अधिक पंजीकृत करदाताओं को जीएसटी अनुपालन में होगी आसानीनई दिल्ली। करदाताओं को सहूलियत देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने सोमवार 8 जून से एसएमएस के जरिए जीएसटीआर-3बी फॉर्म में शून्य जीएसटी मासिक रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दे दी है।इससे 22 लाख से भी अधिक उन पंजीकृत करदाताओं को जीएसटी अनुपालन में काफी आसानी होगी जिन्हें अब तक साझा पोर्टल पर अपने खाते में लॉग-इन करना पड़ता था और फिर हर महीने अपना रिटर्न दाखिल करना पड़ता था। अब शून्य देनदारी वाले इन करदाताओं को जीएसटी पोर्टल पर लॉग-इन करने की आवश्यकता नहीं है और वे केवल एक एसएमएस के माध्यम से ही अपना शून्य रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।इसके लिए एसएमएस के माध्यम से शून्य फॉर्म जीएसटीआर-3बी दाखिल करने की सुविधा को तत्काल प्रभाव से जीएसटीएन पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया गया है। इस तरह से दाखिल किए जाने वाले रिटर्न की ताजा स्थिति को जीएसटीआईएन खाते में लॉग-इन करके और Services>Returns>Track Return Status जाकर जीएसटी पोर्टल पर ट्रैक किया जा सकता है।--
- नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कोविड आपातकालीन ऋण सुविधा सिर्फ एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) को ही नहीं, बल्कि सभी कंपनियों को कवर करती है।फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए श्रीमती सीतारमण ने भारतीय व्यवसाय को आवश्यक संबल देने और अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के उद्देश्य से उद्योग जगत को हरसंभव सरकारी सहायता का आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा, यदि आपके किसी भी सदस्य को कोई समस्या है, तो हम उसे संबल देने/आवश्यक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।तरलता या नकदी प्रवाह के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा, हमने तरलता के मुद्दे को अच्छी तरह से सुलझा दिया है। निश्चित रूप से नकदी प्रवाह उपलब्ध है। यदि अब भी यह एक मुद्दा है, तो हम इस पर गौर करेंगे। श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि प्रत्येक सरकारी विभाग से बकाया राशि अदा करने के लिए कहा गया है और यदि किसी विभाग के साथ कोई समस्या है, तो सरकार इस पर गौर करेगी।वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार नए निवेश पर 15त्न कॉरपोरेट टैक्स दर का लाभ उठाने की समय सीमा बढ़ाने पर विचार करेगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा, मैं इस बात पर गौर करूंगी कि क्या किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि उद्योग जगत नए निवेश पर 15 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स दर से लाभान्वित हो और मैं 31 मार्च, 2023 की समयसीमा के विस्तार पर विचार करने की आपकी बात को नोट करती हूं। वित्त मंत्री ने उद्योग जगत को कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय या सेबी की समय सीमाओं से संबंधित अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने का सुझाव दिया, ताकि आवश्यक कदम उठाए जा सकें।अर्थव्यवस्था के बुरी तरह प्रभावित सेक्टरों में जीएसटी दरों में कमी करने की आवश्यकता के संबंध में उन्होंने कहा, जीएसटी दर में कमी का मुद्दा परिषद के पास जाएगा। लेकिन परिषद को राजस्व की भी तलाश या चिंता है। किसी भी सेक्टर के लिए जीएसटी दर में कमी करने का निर्णय परिषद को ही लेना है।वित्त एवं राजस्व सचिव श्री अजय भूषण पांडेय ने फिक्की के सदस्यों को सूचित किया कि कंपनियों को आयकर रिफंड की भी शुरुआत हो गई है और पिछले कुछ हफ्तों में 35,000 करोड़ रुपये के आईटी रिफंड जारी किए गए हैं।इस बैठक में आर्थिक कार्य सचिव श्री तरुण बजाज, कॉरपोरेट कार्य सचिव श्री राजेश वर्मा और वित्तीय सेवा विभाग में सचिव श्री देबाशीष पांडा भी उपस्थित थे।फिक्की की अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी ने वित्त मंत्री को बताया कि कोविड-19 के प्रभावों से निपटने के लिए घोषित किए गए उपायों के कार्यान्वयन में सहयोग देने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों के साथ उनका चैम्बर निरंतर संपर्क में है। डॉ. रेड्डी ने कहा, 'फिक्की आत्?मनिर्भर भारत के साझा लक्ष्य के साथ-साथ कार्यान्वयन में तेजी लाने में सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।Ó
- नई दिल्ली। रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजीव मेहता का वेतन वित्त वर्ष 2019-20 में 2.86 प्रतिशत बढ़कर 19.42 करोड़ रुपये रहा। कंपनी की वार्षिक रपट में यह जानकारी सामने आयी है।इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में मेहता का वेतन 18.88 करोड़ रुपये था। जबकि 2017-18 में यह 19.37 करोड़ रुपये था। कंपनी के प्रबंध निदेशक, पूर्ण कालिक निदेशक और प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिकों का कुल वेतन 2019-20 में 37.49 करोड़ रुपये रहा। यह 2018-19 के 36.40 करोड़ रुपये से 2.99 प्रतिशत अधिक है। इसमें मेहता के वेतन के साथ कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी श्रीनिवास पाठक, कार्यकारी निदेशक-आपूर्ति श्रृंखला प्रदीन बनर्जी, कार्यकारी निदेशक- विधिक और कॉरपोरेट मामले देव वाजपेयी और कार्यकारी निदेशक-आपूर्ति श्रृंखला विलहेलमस उइजेन के वेतन भी शामिल हैं।----
- - कर्मचारियों और हितधारकों के साथ डिजिटल रूप से जुडऩे के लिए लॉन्च किया गया है संवाद एपनई दिल्ली। कोल इंडिया की सहायक कंपनी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) ने आज महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में 3 नई कोयला खदानें खोली हैं, जिनकी संयुक्त वार्षिक उत्पादन क्षमता 2.9 मिलियन टन (एमटी) है। कंपनी इन परियोजनाओं पर कुल 849 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) करेगी और 647 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेगी।मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय कोयला व खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इन खदानों का उद्घाटन किया।केंद्रीय कोयला व खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस अवसर पर कहा, डब्ल्यूसीएल को वित्त वर्ष 2023-24 तक 75 एमटी कोयले का उत्पादन करना है। इन खदानों के खुलने से कंपनी के इस मुकाम तक पहुंचने के प्रयासों में निश्चित रूप से मदद मिलेगी। इतना ही नहीं, इससे कोल इंडिया को वित्त वर्ष 2023-24 तक 1 अरब टन (बीटी) कोयले के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।डब्ल्यूसीएल द्वारा खोली गई तीन खदानें ये हैं- महाराष्ट्र के नागपुर क्षेत्र में अदसा खदान, जो एक भूमिगत खुली खदान है, ख) कन्हान क्षेत्र में शारदा भूमिगत खदान और ग) मध्य प्रदेश के पेंच क्षेत्र में धनकसा भूमिगत खदान। अदसा खदान की वार्षिक कोयला उत्पादन क्षमता 1.5 एमटी है, जबकि शारदा और धनकसा खदानों की वार्षिक कोयला उत्पादन क्षमता क्रमश: 0.4 एमटी और 1 एमटी है।इस अवसर पर कंपनी ने अपने खनन कार्यों की निगरानी करने के लिए डब्ल्यूसीएल आई के नाम से एक निगरानी प्रणाली शुरू की और इसके साथ ही अपने कर्मचारियों एवं हितधारकों से जुडऩे के लिए संवाद के नाम से एक एप लॉन्च किया। डब्ल्यूसीएल आई इस कंपनी की उन 15 प्रमुख खदानों के परिचालन की चौबीसों घंटे निगरानी करेगी जिनकी हिस्सेदारी कंपनी के कुल कोयला उत्पादन में 70 प्रतिशत है। इतना ही नहीं, यह कोयले के स्टॉक के साथ-साथ साइडिंग पर कोयले की उपलब्धता और रेलवे साइडिंग (बगल की रेल लाइन) पर रेक के प्लेसमेंट एवं ढुलाई पर करीबी नजर रखने तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने में भी मदद करेगी।संवाद दरअसल कर्मचारियों और हितधारकों के लिए एक मोबाइल एवं डेस्कटॉप एप है, जो सुझाव/प्रतिक्रिया/अनुभव साझा करने के लिए एक आभासी या वर्चुअल प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा। त्वरित प्रतिक्रिया टीमें 7 दिनों की निर्धारित अवधि में प्रश्नों और फीडबैक का जवाब देंगी।श्री जोशी ने घोषणा की कि कोल इंडिया की विभिन्न सहायक कंपनियों ने मध्य प्रदेश सरकार को राज्य में कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूती प्रदान करने के लिए 20 करोड़ रुपये दिए हैं। कोल इंडिया महाराष्ट्र सरकार को भी कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूती प्रदान करने के लिए एक-दो दिन में 20 करोड़ रुपये देगी।डब्ल्यूसीएल ने चालू वित्त वर्ष के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 'मिशन 100 डेजÓ के नाम से एक रोडमैप लॉन्च किया है। यह मिशन कंपनी के मध्यमकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्?त करने में भी उसकी मदद करेगा। चालू वित्त वर्ष के लिए कंपनी का कोयला उत्पादन और उठाव लक्ष्य 62 एमटी है। श्री जोशी ने कहा, इन 3 खदानों को खोलना वित्त वर्ष 2023-24 तक 20 नई परियोजनाएं शुरू करने की डब्ल्यूसीएल की भविष्य की योजना का एक हिस्सा है, जिनमें से 14 परियोजनाएं महाराष्ट्र में और 6 परियोजनाएं मध्य प्रदेश में शुरू की जाएंगी। कंपनी इन परियोजनाओं पर कुल 12753 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी और 14 हजार से भी अधिक प्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन करेगी।कंपनी पिछले 6 वर्षों में 5300 करोड़ रुपये से भी अधिक के पूंजीगत व्यय के साथ 20 नई और विस्तार परियोजनाएं शुरू कर चुकी है तथा भूमि गंवाने वालों को 5250 प्रत्यक्ष रोजगार दे चुकी है। डब्ल्यूसीएल ने वित्त वर्ष 2019-20 में 57.64 एमटी कोयले का उत्पादन किया था, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 8त्न से भी अधिक की वृद्धि को दर्शाता है।
- नई दिल्ली। जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड (जेएसएल) ने गुरुवार को कहा कि वह जून में 18 हजार टन से अधिक स्टेनलेस इस्पात का निर्यात करेगी। यह निर्यात रूस और कुछ यूरोपीय देशों के ग्राहकों को किया जायेगा। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने मई में 12 हजार टन से अधिक स्टेनलेस इस्पात का निर्यात किया था।कंपनी ने कहा, भारत में अभी भी पूरी तरह से लॉकडाउन समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे में निर्यात बाजारों में हिस्सेदारी पुन: प्राप्त करने की कंपनी की रणनीति उत्साहजनक परिणाम दे रही है। जून में कंपनी 18 हजार टन से अधिक का निर्यात करेगी, जो कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत से पहले का स्तर है। सामान्य महीनों में यह (निर्यात) कुल उत्पादन का करीब 18 से 20 प्रतिशत रहता है। कंपनी ने कहा कि वह दक्षिण कोरिया जैसे देशों को भी स्टेनलेस इस्पात का निर्यात करने वाली है।जेएसएल के प्रबंध निदेशक (एमडी) अभ्युदय जिंदल ने कहा, हम आक्रामक रूप से यूरोपीय संघ और रूस में निर्यात बाजारों पर ध्यान दे रहे हैं। इन बाजारों का हमारे कुल निर्यात में खासा योगदान है। इसके अलावा हम निर्यात को बढ़ाने के लिये दक्षिण कोरिया और दक्षिणी अमेरिका जैसे बाजारों में नये मौकों की भी तलाश कर रहे हैं। हम बाजार की परिस्थितियों के अनुकूल अपने संयंत्रों में परिचालन बढ़ा रहे हैं। एक बार जब घरेलू मांग आने लगेगी, हम उसे पूरा करने के लिये सहजता से तैयार होंगे। जेएसएल देश की सबसे बड़ी स्टेनलेस इस्पात निर्माता कंपनी है। ओडिशा के जाजपुर में स्थित कंपनी के संयंत्र की वार्षिक क्षमता 11 लाख टन है।
- मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बचत बैंक खातें पर वार्षिक ब्याज दर 0.05 प्रतिशत घटाकर 2.70 प्रतिशत कर दी है। बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार संशोधित ब्याज दरें 31 मई से लागू हो गई हैं।बचत बैंक खाते के लिए बैंक के दो स्लैब एक लाख रुपये तक और एक लाख रुपये से अधिक है। अप्रैल में बैंक ने सभी स्लैब में बचत बैंक खातें पर ब्याज दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 2.75 प्रतिशत कर दिया था। इसके अलावा बैंक ने 27 मई को सभी परिपक्वता अवधि की खुदरा मियादी जमा दरों में 0.40 प्रतिशत तक की कटौती की थी।मई में यह बैंक द्वारा मियादी जमा यानी एफडी की ब्याज दरों में की गई दूसरी कटौती थी। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार सात दिन से 45 दिन की जमा पर ब्याज दर को 3.30 प्रतिशत से घटाकर 2.90 प्रतिशत किया गया है। इसी तरह 180 दिन से 210 दिन की जमा पर ब्याज दर 4.80 से घटाकर 4.40 प्रतिशत की गई है। पांच साल से दस साल की जमा पर ब्याज दर 5.70 से घटाकर 5.40 प्रतिशत की गई है। बैंक ने दो करोड़ रुपये या इससे अधिक की थोक जमा पर भी ब्याज दर में आधा प्रतिशत की कटौती की है।
- नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद अगली बैठक में अगस्त 2017 से जनवरी 2020 की अवधि के लिये जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने पर लगने वाले विलंब शुल्क को माफ करने पर चर्चा करेगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क विभाग (सीबीआईसी) ने एक ट्वीट में कहा, बीती अवधि (अगस्त 2017 से जनवरी 2020) के दौरान जीएसटी विलंब शुल्क माफ करने के मुद्दे पर जीएसटी परिषद की अगली बैठक में चर्चा होगी।' जीएसटी परिषद की अगली बैठक 14 जून को हो सकती है।सीबीआईसी ने कहा कि अगस्त 2017 से जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत हुई है। ऐसी मांगें की जा रही हैं कि जिन रिटर्न को तब से ही (अगस्त 2017 से) दाखिल किये जाने की जरूरत है, उनके लिये विलंब शुल्क माफ कर दिया जाये। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न संकट के मद्देनजर पहले ही फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई 2020 के जीएसटी रिटर्न को दाखिल करने का समय जून 2020 तक बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं। इस अवधि के लिये कोई विलंब शुल्क नहीं लिया जायेगा। सीबीआईसी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिये विलंब शुल्क लगाया जाता है कि करदाता समय पर रिटर्न दाखिल करें।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली में सूक्ष्म, लघु और मंझौले उद्यम-एमएसएमई क्षेत्र के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधान चैंपियंस का शुभारंभ किया। चैंपियंस प्लेटफार्म देश में सभी सूक्ष्म, लघु और मंझौले उद्यमों के लिए सभी तरह के समाधान एक ही जगह उपलब्ध करायेगा। इससे इस क्षेत्र को सुदृढ़ बनाकर उत्पादन बढाने में मदद मिलेगी। इस प्लेटफार्म पर एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित फाइनेंस, कच्चे माल और सभी तरह की अनुमति के साथ शिकायतों का समाधान भी किया जा सकेगा।चैंपियंस प्लेटफार्म से कारोबारियों को अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए नये रास्ते तलाशने में मदद मिलेगी। इससे संभावित उद्यमियों को टेलीफोन, इंटरनेट और वीडियो कांफ्रेंस सहित आधुनिक संचार माध्यमों के जरिये प्रोत्साहन दिया जा सकेगा।
- मुंबई। लॉकडाउन (कोविड19 के कारण आने जाने पर रोक) को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने से उत्साहित निवेशकों ने आज बाजार शेयर बाजारों को अच्छा समर्थन दिया जिससे प्रमुख सूचकांकों में अच्छा सुधार दिखा। रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड तथा टीसीएस के शेयरों में बढ़त से मुंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 879 अंक उछलकर 33,303 अंक पर पहुंच गया।वैश्विक बाजारों में मजबूती से भी स्थानीय बाजार को बल मिला। दिन में बीएसई-30 सेंसेक्स एक समय तक 1,250 अंक के उछाल पर था। कारोबार की समाप्ति पर यह पिछले बंद के मुकाबले 879.42 अंक यानी 2.57 प्रतिशत बढ़कर 33,303.52 अंक पर बंद हुआ।नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयर वाला एनएसई निफ्टी 245.85 अंक यानी 2.57 प्रतिशत बढ़कर 9,826.15 अंक पर बंद हुआ। बजाज फाइनेंस का शेयर करीब 11 प्रतिशत लाभ में रहा। टाइटन, टाटा स्टील, स्टेट बैंक, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में भी बढ़त रही। इसके विपरीत सन फार्मा, नेस्ले इंडिया और अल्ट्रा टेक सीमेंट के शेयरों में गिरावट का रूख रहा।ब्रोकिंग फर्म आनंद राठी के इक्विटी शोध प्रमुख नरेन्द्र सोलंकी के अनुसार एशियाई बाजारों में तेजी के रुख के बीच भारतीय बाजारों में सप्ताह की शुरुआत सकारात्मक रही। अर्थव्यवस्था के कोरोना वायरस लॉकडाउन से धीरे धीरे बाहर निकलने की उम्मीद से बाजार का विश्वास बढ़ा है।--
- नई दिल्ली। आतिथ्य सत्कार क्षेत्र ने सरकार के आठ जून से होटलों, रेस्त्रां और अन्य आतिथ्य सेवाओं को फिर से खोलने की अनुमति देने के फैसले का स्वागत किया है।होटल व रेस्तरां उद्योग के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन दिशा निर्देशों को अधिक स्पष्ट रखने की आवश्यकता है। एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने कहा, यह एक स्वागत योग्य कदम है। लेकिन दिशा-निर्देशों पर कोई स्पष्टता नहीं है। इन पर केंद्र और राज्यों के बीच उचित समन्वय होना चाहिये। ईजमायट्रिप के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी निशांत पिट्टी ने कहा कि यह कदम उद्योग जगत में धारणा को बेहतर बनायेगा। उन्होंने कहा, होटल और रेस्तरां दोनों अपने परिचालन को फिर से शुरू कर रहे हैं, इससे आतिथ्य क्षेत्र को राहत मिलेगी। हालांकि अधिक किराया और कम मांग के कारण, मुझे लगता है कि लगभग 50 प्रतिशत रेस्तरां अभी भी अपने संचालन को फिर से शुरू नहीं करेंगे।---
-
नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने गुरुवार को कर-दाताओं को तत्काल पैन नंबर आवंटित करने की सुविधा देने वाली सुविधा का विधिवत् शुभारंभ किया।
यह सुविधा ऐसे आवेदकों को मिलेगी जिनके पास वैध आधार संख्या के साथ-साथ आधार से जुड़ा पंजीकृत मोबाइल फोन नम्बर भी होगा। आवंटन की प्रक्रिया में कागज का इस्तेमाल नहीं होगा और आवेदक को नि:शुल्क इलेक्टॉनिक पैन या ई-पैन आवंटित किया जाएगा। आयकर विभाग ने आधार नम्बर वाले आवेदकों को तत्काल पैन नम्बर आवंटित करने की सुविधा 12 फरवरी को परीक्षण के तौर पर शुरू की थी। तब से 25 मई तक छह लाख 77 हजार पैन नम्बर हाथों हाथ आवंटित किए गए हैं और इसमें करीब दस मिनट का समय लगा है।कर-दाताओं को आयकर विभाग ने अब तक कुल 50 करोड़ 52 लाख पैन नम्बर आवंटित किए हैं जिनमें से 49 करोड 39 लाख व्यक्तिगत आयकरदाता और 32 करोड़ 17 लाख आधार से जुड़े कर दाता हैं। हाथों हाथ पैन नम्बर प्राप्त करने के इच्छुक आवेदक को आयकर विभाग की ई-फाईलिंग वेबसाइट पर जाकर अपना आधार नम्बर उपलब्ध कराना होता है। इसके बाद उन्हें पंजीकृत मोबाइल फोन पर प्राप्त ओ टी पी को भेजना होगा। इसके साथ ही पैन नम्बर आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी है और पन्द्रह डिजिट वाला पावती नम्बर आवेदक को दे दिया जाएगा है। अगर आवेदक को अपने आवेदन की स्थिति का पता करना हो तो वह आधार नम्बर भेजकर इसकी जानकारी हासिल कर सकता है। - नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने ब्रिक्स देशों के मूल्यों को संरक्षित रखते हुए नव विकास बैंक (एनडीबी) को एक वैश्विक विकास संस्थान के रूप में विकसित करने की जरूरत पर बल दिया।बुधवार को उन्होंने ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) नेताओं के 2014 में दिये गये दृष्टिकोण को बहुत जल्दी वास्तविक रूप देने में बेहतर नेतृत्व प्रदान करने के लिए एनडीबी के निवर्तमान अध्यक्ष के वी कामथ की सराहना की। वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए कोविड-19 आपातकालीन कार्यक्रम ऋण उत्पाद पेश कर बड़ी तेजी से उठाए गए कदम को उनके एक अहम योगदान के रूप में याद किया जाएगा। कामथ का कार्यकाल पूरा हो रहा है । उन्हें 2015 में पांच साल के लिये संस्थान का प्रमुख बनाया गया था।ब्राजील के मार्कोस ट्रॉयजो एनडीबी के नये अध्यक्ष होंगे और वह कामथ का स्थान लेंगे। एनडीबी के निदेशक मंडल की वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये हुई विशेष बैठक में उपाध्यक्ष और मुख्य जोखिम अधिकारी अनिल किशोरा की नियुक्ति को भी मंजूरी दी गयी। वित्त मंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास के वित्तपोषण में एनडीबी के अहम योगदान की सराहना की जिसका भारत सहित सदस्य देशों के विकास एजेंडे पर सकारात्मक असर रहा है। उन्होंने कहा, एनडीबी ने छोटी सी अवधि में सदस्य देशों में कुल 16.6 अरब डालर के निवेश की 55 परियोजनाओं को मंजूरी दी है और यह निश्चित तौर पर एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। सीतारमन ने यह भी उल्लेख किया कि बैंक ने सफलतापूर्वक अपनी एक विशिष्ट पहचान बना ली है और यह गर्व से कंधे से कंधा मिलाकर अन्य बहुपक्षीय विकास बैंक के साथ खड़ा है। वित्त मंत्री ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नई टीम की अगुवाई में संस्थान सदस्य देशों को ऋण देने, पारदर्शिता, अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीयता और प्रभावी तरीके से काम के मामले में आगे भी बेहतर काम करता रहेगा। ब्रिक्स देशों ने 2014 में एनडीबी का गठन किया। इसका मकसद ब्रिक्स एवं अन्य उभरते देशों एवं विकासशील देशों में बुनियादी ढांचा और सतत विकास से जुड़ी परियोजनाओं के लिये संसाधन जुटाना है।--
- - दोनों महारत्न कंपनियां अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं, भंडारण, ई- परिवर्ततनीयता, और ईएसजी (पर्यावरणीय, सामाजिक एवं प्रबंधन) के अनुकूल परियोजनाओं में अवसरों का पता लगाएंगीनई दिल्ली। ऊर्जा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) ने अक्षय ऊर्जा व्यापार के वास्ते एक संयुक्त उपक्रम कंपनी बनाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं । इस समझौता ज्ञापन से दोनों कंपनियां अब ऊर्जा क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को तेजी से आगे बढऩे में सक्षम होंगी।समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर एनटीपीसी के निदेशक (वाणिज्यिक) श्री ए के गुप्ता और ओएनजीसी के निदेशक (वित्त) एवं व्यापार विकास तथा संयुक्त उपक्रम के प्रभारी सुभाष कुमार ने किए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर की यह गतिविधि वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एनटीपीसी के मुख्य प्रबंधक निदेशक (सीएमडी) गुरदीप सिंह और ओएनजीसी के प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री शशि शंकर की उपस्थिति में हुई। इस मौके पर दोनों कंपनियों के अन्य निदेशक और अधिकारी भी मौजूद थे।समझौते के अनुसार, एनटीपीसी और ओएनजीसी भारत और विदेश में ऑफशोर विंड और अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना से जुड़ी संभावनाओं का पता लगाएंगी। दोनों कंपनियां संवहनीयता भंडारण, ई-परिवर्तनीयता और ईएसजी (पर्यावरणीय, सामाजिक एवं प्रबंधन) के अनुकूल परियोजनाओं के क्षेत्र में भी संभावनाओं का पता लगाएंगी ।एनटीपीसीके पास अभी 920 मेगावाट की स्थापित अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं हैं और लगभग 2300 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं अभी निर्माण की प्रक्रिया में हैं । इस समझौते से एनटीपीसी अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता योग कार्यक्रम में तेजी लाएगी और ऑफशोर विंड और विदेश में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में अपनी मौजूदगी का विस्तार करेंगी। इससे भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी को 2032 तक 32 गीगा वाट (जीडब्ल्यू) अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी ।ओएनजीसी के पास अभी 176 मेगा वाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं हैं जिसमें 153 मेगावाट पवन ऊर्जा और 23 मेगावाट सौर ऊर्जा शामिल हैं। इस नए समझौते से अक्षय उर्जा व्यापार में ओएनजीसी की मौजूदगी बढ़ेगी और 2040 तक यह अपने पोर्टफोलियो में 10 गीगा वाट (जीडब्ल्यू) अक्षय उर्जा जोडऩे का अपना लक्ष्य हासिल करनेमें सक्षम होगी।एनटीपीसी समूह के पास कुल स्थापित क्षमता 62110 मेगावाट की है। इनमें एनटीपीसी के पास 70 ऊर्जा केंद्र हैं जिनमें 25 संयुक्त उपक्रम सहित, 24 कोयला, 7 संयुक्त गैस/द्रव्य, 1 हाइड्रो, और 13 अक्षय ऊर्जा केंद्र हैं।----
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 संकट के प्रभाव को कम करने के लिए ब्याज दरों में कटौती, कर्ज किस्त भुगतान पर स्थगन को बढ़ाने और कॉरपोरेट को अधिक कर्ज देने के लिए बैंकों को इजाजत देने का फैसला किया। गौरतलब है कि चार दशकों से अधिक समय में पहली बार भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट आने की आशंका है।आरबीआई ने प्रमुख उधारी दर रेपो को 0.40 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत कर दिया है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अचानक हुई बैठक में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में कटौती का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। इस कटौती के बाद रेपो दर घटकर चार प्रतिशत रह गई है, जबकि रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत रह गई है।आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी ने पिछली बार 27 मार्च को रेपो दर (जिस दर पर केंद्रीय बैंक बैंकों को अल्पकालिक उधार देता है) में 0.75 प्रतिशत की कमी करते हुए इसे 4.40 प्रतिशत कर दिया था। दास ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण कर्ज अदायगी पर स्थगन को तीन और महीने यानि अगस्त तक बढ़ा दिया गया है, ताकि कर्जदारों को राहत मिल सके।इससे पहले मार्च में केंद्रीय बैंक ने एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 के बीच सभी सावधि ऋण के किस्त की भुगतान पर तीन महीनों की मोहलत दी थी। इसके साथ ही इस तरह के सभी ऋणों की अदायगी पर रोक को तीन महीने के लिए आगे बढ़ा दिया गया था। कर्ज पर किस्त भुगतान के तहत लोगों से कर्ज के लिए उनके खातों से ईएमआई नहीं ली गई। रिजर्व बैंक की ताजा घोषणा के बाद 31 अगस्त को ऋण स्थगन की अवधि खत्म होने के बाद ही ईएमआई भुगतान शुरू होगा।आरबीआई ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते आर्थिक गतिविधियां बाधित होने से भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक रह सकती है। दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है और मुद्रास्फीति के अनुमान बेहद अनिश्चित हैं। उन्होंने कहा, दो महीनों के लॉकडाउन से घरेलू आर्थिक गतिविधि बुरी तरह प्रभावित हुई है। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि शीर्ष छह औद्योगिक राज्य, जिनका भारत के औद्योगिक उत्पादन में 60 प्रतिशत योगदान है, वे मोटेतौर पर लाल या नारंगी क्षेत्र में हैं।उन्होंने कहा कि मांग में गिरावट के संकेत मिल रहे हैं और बिजली तथा पेट्रोलियम उत्पादों की मांग घटी है। गवर्नर ने कहा कि सबसे अधिक झटका निजी खपत में लगा है, जिसकी घरेलू मांग में 60 फीसदी हिस्सेदारी है। दास ने कहा कि मांग में कमी और आपूर्ति में व्यवधान के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी। उन्होंने कहा कि 2020-21 की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में कुछ सुधार की उम्मीद है। दास ने कहा कि मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण बेहद अनिश्चित है और दालों की बढ़ी कीमतें चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि कीमतों में नरमी लाने के लिए आयात शुल्क की समीक्षा करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष की पहली छमाही में प्रमुख मुद्रास्फीति की दर स्थिर रह सकती है और दूसरी छमाही में इसमें कमी आ सकती है। उनके मुताबिक चालू वित्त वर्ष की तीसरी या चौथी तिमाही में मु्द्रास्फीति की दर चार प्रतिशत से नीचे आ सकती है।इसके अलावा दास ने कहा कि महामारी के बीच आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने से सरकार का राजस्व बहुत अधिक प्रभावित हुआ है। इसके अलावा बैंकों द्वारा कॉरपोरेट को दी जाने वाली ऋण राशि को उनकी कुल संपत्ति के 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। ऐसे में बैंक कंपनियों को अधिक कर्ज दे सकेंगे।---
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केंद्रीय करों में राज्यों के हिस्से के रूप में अप्रैल और मई माह की किस्त के तौर पर कुल 92 हजार 77 करोड़ रुपये जारी किए हैं।केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, भारत सरकार ने केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा... अप्रैल और मई के लिए 92 हजार 77 करोड़ रुपये जारी कर दिया है। इसमे अप्रैल माह के 46,038.10 करोड़ रुपये और मई के लिए 46,038.70 करोड़ रुपये जारी किए गए। ट्वीट में कहा गया है कि जारी की गई राशि बजट अनुमान 2020-21 की प्राप्तियों के अनुमान पर आधारित है। यह राशि वास्तविक कर प्राप्तियों के अनुरूप नहीं दी गई है। वित्त मंत्री कार्यालय ने कहा कि संकट के इस समय में राज्यों के नकदी प्रवाह को कायम रखने को यह कदम उठाया गया है। वर्ष 2020-21 के बजट में केन्द्रीय करों में राज्यों का हिस्सा 7.84 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। 15वें वित्त आयोग ने राज्यों के लिए 41 प्रतिशत और नवगठित संघ शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर, लद्दाख के लिए एक प्रतिशत हिस्से की सिफारिश की है। वहीं 14वें वित्त आयोग ने राज्यों को करों में 42 प्रतिशत हिस्सा देने का सुझाव दिया था।
- नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने विशेष जोर देते हुए कहा है कि सरकार उद्योग जगत पर पूरी तरह और व्यापक रूप से भरोसा करती है। उन्होंने उद्योग जगत से आग्रह किया कि वह अब और भी अधिक प्रोफेशनल नजरिए से श्रम या कामगारों को काम पर लगाने की योजना बनाए तथा इसके साथ ही उनका कौशल बढ़ाने में भी जुटे। वित्त मंत्री ने कहा, उद्योग जगत में विचार मंथन करने वालों को इस तरह से कामगारों को काम पर लगाने की मिसाल पेश करने की जरूरत है जो सभी को स्वीकार्य हो।वित्त मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ बातचीत में ये बातें कहीं, जिसकी स्थापना के 125 वर्ष 2020 में पूरे हो रहे हैं। इस उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए सीआईआई को बधाई देते हुए श्रीमती सीतारमन ने कहा कि सीआईआई ने देश में अत्यंत अहम भूमिका निभाई है और इसके सदस्यों ने भी अपने-अपने सेक्टरों में मजबूत भूमिका निभाई है। उन्होंने सीआईआई से नीति निर्माण प्रक्रिया में एक प्रतिमान या आदर्श बनने का आह्वान किया।वित्त मंत्री ने कहा कि उद्योग जगत को कामगारों के साथ अपने संबंधों को नए सिरे से तय करने और अकुशल कामगारों सहित सभी कामगारों के लिए योजना बनाने की जरूरत है। उन्होंने उद्योग जगत से अकुशल श्रमिकों को काम पर लगाने के लिए प्रोफेशनल नजरिए से विचार करने और सभी स्तरों पर कर्मचारियों का कौशल बढ़ाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।एमएसएमई सेक्टर के संबंध में एक सवाल पर श्रीमती सीतारमन ने कहा कि यहां तक कि कोविड-19 से पहले भी ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमों की सहायता हेतु एमएसएमई और एनबीएफसी के लिए स्पष्ट रूप से मार्गदर्शन करने की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त सावधि ऋण और कार्यशील पूंजी ऋण के लिए ऋण उपलब्धता का उद्देश्य सभी एमएसएमई तक पहुंचना है, इसलिए सरकार ने ऋण देने में हिचकिचाहट या संकोच को दूर करने के लिए बैंकों को गारंटी प्रदान की है। उन्होंने कहा,सरकार लॉकडाउन के बाद विशेष उद्देश्य कंपनी के साथ पूर्ण और आंशिक गारंटी प्रदान कर रही है, इसलिए बैंकों का संकोच दूर कर दिया गया है।कृषि से जुड़े एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि व्यापक सुधारों की घोषणा कर दी गई है। तीन मॉडल अधिनियम राज्य सरकारों के साथ साझा किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने भूमि सुधारों पर काम शुरू कर दिया है।वित्त मंत्री ने बुनियादी ढांचे से संबंधित एक प्रश्न के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि मांग व्यापक रूप से बढ़ सके। उन्होंने कहा कि बड़ी परियोजनाओं को सामने लाया जाएगा और इनसे सकारात्मक ऊर्जा और भावनाएं आएंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी पर निष्पक्ष और खुली चर्चा हुई है जो अंतप्र्रवाह या आवक के मामले में निचले स्तर पर आ गया है। इस पर चर्चा चल रही है। उन्होंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि बिजली क्षेत्र में 90 हजार करोड़ रुपये की तरलता को जल्द सुनिश्चित किया जाएगा।सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि उद्यमियों ने एमएसएमई की नई परिभाषा का स्वागत किया है, जैसा कि सीआईआई के सर्वेक्षण से पता चला है।
- मुंबई। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार आठ मई को समाप्त पखवाड़े के अंत में बैंक ऋण एक साल पहले के मुकाबले 6.52 प्रतिशत बढ़कर 102.52 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया जबकि इस दौरान बैंकों में जमा धन 10.64 प्रतिशत बढ़कर 138.50 लाख करोड़ रुपये था।इससे पहले 10 मई 2019 को समाप्त पखवाड़े में बैंक ऋण 96.24 लाख करोड़ रुपये और जमा 125.17 लाख करोड़ रुपये थी। इससे पिछले पखवाड़े से तुलना करने पर बैंक ऋण 21,010.36 करोड़ रुपये घटकर 102.52 लाख करोड़ रुपये रह गया। इससे पिछले सप्ताह 24 अप्रैल 2020 को समाप्त पखवाड़े में यह राशि 102.73 लाख करोड़ रुपये थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों ने एमएसएमई, कृषि और खुदरा सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिये 6.45 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किये हैं। ये मंजूरी एक मार्च से 15 मई के बीच दी गई। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 8 मई की समाप्ति तक 5.95 लाख करोड़ का ऋण मंजूर किया।इससे पहले सीतारमण ने ट्वीट किया था, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने एक मार्च से 15 मई के बीच एमएसएमई, खुदरा, कृषि और कारपोरेट क्षेत्रों के 54.96 लाख खातों में 6.45 लाख करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी है। यह आठ मई को मंजूर किये गये 5.95 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अब तक 1.03 लाख करोड़ रुपये का आपात ऋण सुविधा और कार्यशील पूंजी विस्तार दिया है। यह विस्तार 20 मार्च से 15 मई की अवधि में हुआ है। आठ मई तक के 65,879 करोड़ रुपये के ऋण के मुकाबले इसमें यह बड़ी वृद्धि हुई है।----
-
नयी दिल्ली। टाटा पावर का एकीकृत शुद्ध लाभ जनवरी-मार्च तिमाही में एक साल पहले की इसी तिमाही की तुलना में दो गुना बढ़कर 475 करोड़ रुपए रहा। कंपनी ने एक बयान में कहा कि एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 172 करोड़ रुपये रहा था। टाटा पावर ने कहा, कंपनी का शुद्ध लाभ मार्च 2020 को समाप्त तिमाही में 177 प्रतिशत बढ़कर 475 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले इसी तिमाही में यह 172 करोड़ रुपये था। कारनेगी में निवेश की बिक्री से कंपनी का लाभ बढ़ा है। कंपनी की एकीकृत आय 2019-20 की चौथी तिमाही में 6,881 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7,597 करोड़ रुपये थी। मुख्य रूप से कोविड-19 संकट के कारण सौर ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) के क्रियान्वयन में देरी और बिजली मांग में कमी है।
-
मुंबई। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को 1,069 अंक का गोता लगा गया। विशेषज्ञों के अनुसार कोविड19 से जुड़ी सार्वजनिक पाबंदियों की अवधि बढ़ा जाने तथा सरकार के वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज से घरेलू निवेशकों में अभी भरोसा न जगाने से बाजार का उत्साह ठंडा रहा। बैंक और वाहन कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली के बीच तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,068.75 अंक यानी 3.44 प्रतिशत लुढ़क कर 30,028.98 अंक जबकि एनएसई निफ्टी 313.60 अंक यानी 3.43 प्रतिशत टूटकर 8,823.25 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में इंडसइंड बैंक रहा। इसमें करीब 10 प्रतिशत की गिरावट आयी। इसके अलावा एचडीएफसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक और अल्ट्राट्रेक सीमेंट में भी गिरावट दर्ज की गयी।
- नई दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के हिस्से के रूप में शनिवार को घोषित सुधारवादी उपायों का स्वागत करते हुए कहा कि ये दीर्घकालिक वृद्धि की की नींव रखेंगे, निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करेंगे और रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।सरकार ने शनिवार को रक्षा विनिर्माण में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा में वृद्धि करने, छह अन्य हवाईअड्डों के निजीकरण, नागर विमानन क्षेत्र के लिये और अधिक वायु क्षेत्र खोलने और कोयले के वाणिज्यिक खनन में निजी क्षेत्र को प्रवेश देने की घोषणाएं की। इसके साथ ही मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिये वैसे हथियारों की सूची का विस्तार किया जायेगा, जिनका आयात नहीं किया जा सकता है। निजी क्षेत्र को ग्रहों की खोज और अंतरिक्ष यात्रा की भविष्य की परियोजनाओं के साथ-साथ उपग्रहों के प्रक्षेपण समेत भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भी शामिल किया जायेगा।फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि सरकार कोरोनो वायरस संकट को भारत के लिये एक अवसर में बदल रही है। उन्होंने कहा, आज घोषित किये गये उपाय भारतीय उद्योग के लिए अधिक अवसर पैदा करने और बड़े कारोबारी घरानों के साथ-साथ स्टार्टअप की क्षमताओं का लाभ उठाने की दिशा में हैं। ये उपाय दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि की नींव रखेंगे और भारत के भविष्य को तय करने वाले क्षेत्रों को ये उपाय गति प्रदान कर सकते हैं।सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि ये घोषणाएं अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं। उन्होंने कहा कि ये घोषणाएं स्थानीय विनिर्माण, आयात को कम करने और रोजगार को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आकार देती हैं। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डी के अग्रवाल ने कहा कि ये सुधार निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करेंगे। इसके साथ ही ये कोयला, खनिज, रक्षा, हवाई अड्डे व वायु क्षेत्र प्रबंधन, बिजली, अंतरिक्ष क्षेत्र, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र समेत भारतीय अर्थव्यवस्था के रणनीतिक और वृद्धि की उम्मीदों वाले क्षेत्रों की स्थिति बेहतर करेंगे।जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के चेयरमैन नवीन जिंदल ने कहा, इन सुविचारित सुधारों से यह पता चलता है कि सरकार जमीनी हकीकत से अच्छी तरह वाकिफ है। ये उपाय हमारी अर्थव्यवस्था को महामारी की वजह से उत्पन्न मौजूदा स्थिति से बाहर निकालने में मदद करेंगे।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी तथा इसकी रोकथाम के लिये करीब दो महीने से लागू लॉकडाउन की मार से अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिये घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त के उपायों की यहां एक संवाददाता सम्मेलन में जानकारी दी। पैकेज की चौथी किस्त बड़े पैमाने पर सुधारों और लगभग नगण्य हो चुके नये निवेश पर केंद्रित है। सीतारमण ने कहा कि अब विदेशी निवेशकों को स्वचालित मार्ग के तहत रक्षा विनिर्माण उपक्रमों में 74 प्रतिशत तक हिस्सेदारी की अनुमति होगी। अभी रक्षा विनिर्माण में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा मंजूरी मानदंडों के अधीन होगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार सालाना समयसीमा के साथ आयात के लिये प्रतिबंधित हथियारों व प्लेटफार्म की सूची का विस्तार करेगी। इसके साथ ही कुछ आयातित पुर्जों को देश में बनाने के कदम उठाए जाएंगे। इससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और भारी रक्षा आयात खर्च में कमी लाने में मदद मिलेगी।---
- नई दिल्ली। वाहन कलपुर्जा विनिर्माताओं के संगठन एक्मा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के लिए की गयी राहत घोषणाओं का स्वागत किया।लॉकडाउन (बंद) के चलते एमएसएमई क्षेत्र पर भारी दबाव है और इस पैकेज से क्षेत्र को वृद्धि करने में मदद मिलेगी। ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एक्मा) ने सभी वाहन और उनके कलपुर्जों को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की 18 प्रतिशत दर के दायरे में लाने की पुरानी मांग को दोहराया।एक्मा के अध्यक्ष दीपक जैन ने एक बयान में कहा एक्मा लंबे समय से एमएसएमई उद्योगों की परिभाषा में बदलाव का सुझाव देता रहा है। इस नये वर्गीकरण से एक्मा के कई सदस्यों को लाभ मिलेगा क्योंकि कलपुर्जा क्षेत्र में अधिकतर छोटी कंपनियां ही काम करती हैं। उन्होंने कहा कि बिना गारंटी के स्वत: मंजूरी वाले ऋण की सुविधा और अधीनस्थ ऋण योजनाओं से क्षेत्र में नकदी का प्रवाह बढ़ेगा। इससे क्षेत्र की कार्यशील पूंजी की चुनौतियां कम करने में मदद मिलेगी। जैन ने उम्मीद जतायी कि सरकार वाहन क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए भी जल्द एक पैकेज की घोषणा करेगी।--
- हैदराबाद। एनएमडीसी ने लौह अयस्क की कीमतों में कटौती की है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने कहा कि उसने लौह अयस्क लंप्स और फाइंस दोनों के दाम में 400 रुपये प्रति टन की कटौती की है।इसके अलावा कंपनी ने डीआरसीएलओ (डीआर कैलिब्रेटेड लंप ओर) की कीमतों में 470 रुपये प्रति टन की कटौती की है। एनएमडीसी ने इससे पहले चार अप्रैल को लौह अयस्क के दाम 500 रुपये प्रति टन और डीआरसीएलओ की कीमतों में 580 रुपये प्रति टन की कटौती की थी। एनएमडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस कटौती के बाद लंप्स की कीमत 2,250 रुपये प्रति टन और फाइंस की 1,960 रुपये प्रति टन पर आ गई है। वहीं डीआरसीएलओ का दाम घटकर 2,610 रुपये प्रति टन रह गया है।
- मुंबई। रिजर्व बैंक ने निर्यातकों को माल लदान से पहले और बाद में मिलने वाले निर्यात रिण पर ब्याज सब्सिडी की अवधि एक साल बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दी है। इससे निर्यातकों को काफी राहत मिलेगी।ये योजना इस साल 31 मार्च को समाप्त हो गई थी। रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा है, भारत सरकार ने निर्यात माल लदान से पहले और बाद में दिये जाने वाले रुपया निर्यात रिण पर ब्याज समानीकरण योजना की अवधि के विस्तार को मंजूरी दे दी है। यह योजना इसी आकार और कवरेज के साथ एक साल और यानी 31 मार्च 2021 तक लागू रहेगी। इसमें कहा गया है कि योजना का विस्तार एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक किया गया है।---
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को आकलन वर्ष 2020- 21 के दौरान आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया । इसके साथ ही कर विवादों के निपटान के लिये लाई गई विवाद से विश्वास योजना का लाभ भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मंगलवार को घोषित आर्थिक पैकज का ब्यौरा रखते हुये सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग के लिये कई तरह की राहतों का एलान करने के साथ ही पिछले वित्त वर्ष के लिये इस आकलन वर्ष में भरी जाने वाली व्यक्तिगत आयकर रिटर्न और अन्य रिटर्न दोनों के लिये अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 तक बढ़ी दी गई है। पुराने लंबित कर विवादों के निपटारे के लिये लाई गई विवाद से विश्वास योजना का लाभ भी अब 31 दिसंबर 2020 तक उपलब्ध होगा।वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत लंबित विवादों के निपटारे की चाह रखने वाले करदाता अब 31 दिसंबर 2020 तक आवेदन कर सकेंगे। इसके लिये उन्हें अलग से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा। वित्त मंत्री ने एक अन्य घोषणा में कहा कि सभी धर्मार्थ न्यासों, गैर- कारपोरेट कारोबारों, पेशेवरों, एलएलपी फर्मों, भागीदारी फर्मों सहित को उनका लंबित रिफंड जल्द लौटाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले सरकार पांच लाख रुपये तक के 18 हजार करोड़ रुपये तक रिफंड करदाताओ को कर चुकी है। यह रिफंड 14 लाख करदाताओं को किया गया।