सेबी ने स्वतंत्र निदेशकों से जुड़े नियम कड़े किये, रीट्स, इनविट्स में निवेश बढ़ाने के उपाय किये
नई दिल्ली। सेबी ने कंपनियों में संचालन व्यवस्था को मजबूत करने और साथ ही बाजार की तरफ ज्यादा निवेशकों को लुभाने की कोशिशों के तहत मंगलवार को स्वतंत्र निदेशकों से जुड़े नियमों को कड़ा कर दिया और रीट्स एवं इनविट्स में आवेदन की न्यूनतम राशि घटा दी। पूंजी बाजार नियामक ने मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए एक नया ढांचा पेश करने के फैसले सहित कई अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी।
निवेशकों को सार्वजनिक/राइट्स निर्गम में भागीदारी के लिए विभिन्न भुगतान माध्यमों के जरिये आसान पहुंच सुनिश्चित करने को सेबी ने बैंकों को, अनुसूचित बैंकों को छोड़कर, निर्गम के लिए बैंकर के रूप में पंजीकृत होने की अनुमति दी है। सेबी निदेशक मंडल ने मंगलवार को मुंबई में हुई बैठक में अन्य प्रस्तावों में निवासी भारतीय कोष प्रबंधकों को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का हिस्सा बनने तथा म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन की भी मंजूरी दी है। इनके तहत संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) की योजनाओं में इनसे जुड़े जोखिमों के आधार पर 'स्किन इन द गेम' के तौर पर न्यूनतम निवेश का प्रावधान किया गया है। 'स्किन इन द गेम' से तात्पर्य ऐसी स्थिति से है जिसमें किसी कंपनी को चलाने वाले उच्च पदों पर बैठे लोग अपने धन को कंपनी के शेयरों में निवेश करते हैं। इससे दूसरे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है। वर्तमान में नई कोष पेशकश में जुटाई गई राशि का एक प्रतिशत या 50 लाख रुपये, जो भी कम हो, वह योजनायें लाने वाली एमएमसी को निवेश करने की आवश्यकता होती है। सूचीबद्ध कंपनियों में कॉरपोरेट संचालन को और बेहतर बनाने की कोशिशों के तहत सेबी ने स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति, पुनर्नियुक्ति और बर्खास्तगी से जुड़े नियमों में कई संशोधनों को मंजूरी दी। इनमें स्वतंत्र निदेशकों के इस्तीफा पत्रों का खुलासा करने की जरूरत भी शामिल है। साथ ही इस कदम से आम शेयरधारकों को इस तरह की नियुक्ति एवं पुनर्नियुक्ति में ज्यादा अधिकार मिलेगा। नये नियम एक जनवरी, 2022 से प्रभाव में आएंगे।
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