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   सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की पारिवारिक पेंशन बढ़ी, एनपीएस में नियोक्ता का योगदान भी बढ़ाया गया
 मुंबई। सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के परिजनों को राहत देने के लिये महत्वपूर्ण कदम उठाया। इसके तहत उनके लिये मासिक पारिवारिक पेंशन बढ़ाकर कर्मचारी के अंतिम रूप से प्राप्त वेतन का 30 प्रतिशत किये जाने की घोषणा की। 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी दो दिवसीय मुंबई यात्रा के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कामकाज की समीक्षा की। सीतारमण ने पिछले कुछ साल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन पर संतोष जताया। उन्होंने बैंकों के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद कई बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा से बाहर आये हैं। वित्तीय सेवा सचिव देबाशीष पांडा ने बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के लिये पारिवारिक पेंशन बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे पहले, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के मृत कर्मचारियों के परिजन को पारिवारिक पेंशन के रूप में अधिकतम 9,284 रुपये मासिक पेंशन ही मिलती थी। इस निर्णय से पारिवारिक पेंशन बढ़कर 30 हजार  से 35 हजार  रुपये मासिक हो जाएगी। साथ ही, सरकार ने नई पेंशन योजना (एनपीएस) में नियोक्ता बैंकों का योगदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किये जाने की घोषणा भी की।   पांडा ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के वेतन संशोधन पर 11वें द्विपक्षीय समझौते में राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत पारिवारिक पेंशन वृद्धि और नियोक्ता के योगदान की बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव था। इसे स्वीकार कर लिया गया है। समझौते पर भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने 11 नवंबर, 2020 को बैंकों के श्रमिक संगठनों के साथ हस्ताक्षर किए थे। आधिकारिक बयान के अनुसार बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के हजारों परिवार लाभान्वित होंगे, जबकि नियोक्ताओं के योगदान में वृद्धि से नई पेंशन योजना के तहत बैंक कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा में बढ़ोतरी होगी। पांडा ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंक अब लाभ में आये हैं। इससे उन पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और वे पूंजी जुटाने के मामले में आत्मनिर्भर हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल से बैंकों ने सामूहिक रूप से 69 हजार करोड़ रुपये जुटाये। इसमें 10 हजार  करोड़ रुपये इक्विटी पूंजी शामिल है। वे 12 हजार  करोड़ रुपये और जुटाने की प्रक्रिया में हैं। बीमा कंपनियों में हिस्सेदारी कम करने की योजना के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसी कंपनियों में न्यूनतम हिस्सेदारी रखेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों को घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार उनकी चिंताओं को लेकर संवेदशील है। राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी के मामले में प्रगति के बारे में पांडा ने कहा कि इसका पंजीकरण हो गया है और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) लाइसेंस के लिये आरबीआई के पास गया है। जल्द ही लाइसेंस मिलने की उम्मीद है।

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