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 कमजोर वैश्विक रुख, रिलायंस में बिकवाली से सेंसेक्स 365 अंक और टूटा
 मुंबई।  वैश्विक बाजारों के कमजोर संकेतों और घरेलू स्तर पर दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में बड़े नुकसान से स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा और मानक सूचकांक सेंसेक्स करीब 365 अंक लुढ़क गया। विश्लेषकों के मुताबिक, विदेशी कोषों का भारतीय शेयर बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी रहने और डॉलर के मुकाबले रुपये के अब तक के निम्नतम स्तर पर आने से भी कारोबारी धारणा पर असर पड़ा। तीस शेयरों वाला सूचकांक बीएसई सेंसेक्स कारोबार के अंत में 364.91 अंक यानी 0.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,470.67 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 917.56 अंक तक फिसलते हुए 53,918.02 अंक पर आ गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 109.40 अंक यानी 0.67 प्रतिशत गिरकर 16,301.85 अंक पर आ गया। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज को सर्वाधिक 3.97 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मार्च तिमाही के नतीजे बाजार की उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहने से इसके शेयरों में बिकवाली देखी गई। रिलायंस ने शुक्रवार को घोषित अपने तिमाही नतीजों में शुद्ध लाभ 22.5 फीसदी बढ़कर 16,203 करोड़ रुपये रहने की जानकारी दी थी। हालांकि, इसका शुद्ध लाभ दिसंबर तिमाही की तुलना में 12.6 फीसदी घट गया। इसके अलावा नेस्ले, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी के शेयर भी 2.97 प्रतिशत तक के नुकसान में रहे। इसके उलट पावरग्रिड कॉरपोरेशन, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इन्फोसिस, मारुति सुजुकी, बजाज फिनसर्व और एचडीएफसी के शेयर 2.83 फीसदी तक की बढ़त पर रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘ब्याज दरों में वृद्धि और बढ़ते बॉन्ड प्रतिफल से अमेरिकी डॉलर सूचकांक में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने निवेशकों को जोखिम लेने से रोकने का काम किया है। निवेशक सुरक्षित निवेश वाली परिसंपत्तियों का रुख करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।'' व्यापक बाजार में बीएसई स्मॉलकैप 1.67 फीसदी गिर गया जबकि मिडकैप में 1.89 प्रतिशत की गिरावट आई।
कुल 2,416 कंपनियों के शेयर गिरावट में रहे, जबकि 1,052 कंपनियों में बढ़त देखी गई। वहीं 146 कंपनियों के शेयर अपरिवर्तित रहे। बीएसई के अधिकांश खंडों के सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। ऊर्जा क्षेत्र में 2.47 फीसदी और यूटिलिटी क्षेत्र में 2.46 फीसदी की गिरावट रही। हेम सिक्योरिटीज में पीएमएस प्रमुख मोहित निगम ने कहा कि मानक सूचकांक नकारात्मक भाव पर बंद हुए। शंघाई में लगे सख्त लॉकडाउन से निवेशकों की चिंता बढ़ी है। इससे एशियाई बाजारों में गिरावट आई। एशिया के बाजारों में जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट बढ़त पर रहा। हांगकांग में अवकाश की वजह से बाजार बंद रहा। यूरोप में शेयर बाजार दोपहर के सत्र में निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इसके पहले शुक्रवार को अमेरिका में बाजार गिरावट के साथ बंद हुए थे। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का मानक ब्रेंट क्रूड 1.17 फीसदी गिरकर 111 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। शेयर बाजारों से मिले आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को एफआईआई ने 5,517.08 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

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