आदिवासी, वंचित युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए एनएसडीसी, इस्कॉन में समझौता
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) विभिन्न राज्यों में आदिवासी और वंचित युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) के साथ गठजोड़ करेगा। एनएसडीसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इसका प्राथमिक उद्देश्य आदिवासी युवाओं, महिलाओं और हाशिए पर रहने वाले अन्य समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर ध्यान देने के साथ ‘इको' गांवों और प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। एनएसडीसी ने बयान में कहा, “संयुक्त रूप से संचालित अल्पकालिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रतिभागियों को स्किल इंडिया डिजिटल हब मंच के माध्यम से उद्योग-मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्राप्त होंगे। इससे उनके रोजगार अवसर बढ़ेंगे।” बयान के अनुसार, “प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सफल समापन पर कुशल युवाओं को देश में रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, वे वैश्विक गतिशीलता और नियोजन व्यवस्था में विशेषज्ञता रखने वाली एनएसडीसी की अनुषंगी कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल द्वारा सुविधा प्राप्त अंतरराष्ट्रीय नौकरी नियोजन के लिए पात्र होंगे।” साझेदारी के तहत दो अतिरिक्त परियोजनाएं लागू की जाएंगी, प्रत्येक को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और पर्यावरण अनुकूल विकास को बढ़ावा देने के लिए डिजायन किया गया है। पहली परियोजना का लक्ष्य महाराष्ट्र के पालघर में गोवर्धन ‘इको' विलेज (जीईवी) की सफलता को दोहराना है। इसके तहत महाराष्ट्र के नानदरबार, राजस्थान के जयपुर ग्रामीण और मध्य प्रदेश के मांडला और बालाघाट समेत कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास क्षेत्रों में ऐसे ही ‘इको' विलेज स्थापित किए जाएंगे। दूसरी परियोजना स्थानीय अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से होटल, खुदरा और लॉजिस्टिक में समर्थन के लिए कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी। इस्कॉन के साथ साझेदारी में कौशल भारत केंद्र स्थापित करके यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करेगी।
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