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पीएलआई योजना के दायरे में परिधान क्षेत्र को भी लाने पर विचारः कपड़ा मंत्री
 नयी दिल्ली।' कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने कपड़ा उद्योग के लिए स्वीकृत 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन' (पीएलआई) योजना का विस्तार परिधान क्षेत्र तक करने पर भी विचार कर रही है। सिंह ने यहां ‘भारत अंतरराष्ट्रीय परिधान मेला' (आईआईजीएफ) को संबोधित करते हुए कहा कि कपड़ा निर्यात बढ़ाने के लिए अपार अवसर हैं और उद्योग को आने वाले वर्षों में 50 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के निर्यात का लक्ष्य रखना चाहिए। सरकार ने वर्ष 2021 में मानव-निर्मित रेशे (एमएमएफ) से बने परिधान, एमएमएफ कपड़े और तकनीकी वस्त्रों के उत्पादों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए पांच साल की अवधि में 10,683 करोड़ रुपये के स्वीकृत परिव्यय के साथ कपड़ा क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। सिंह ने कहा, ‘‘हम आपके (परिधान) क्षेत्र को भी इस योजना के दायरे में लाने पर विचार कर रहे हैं।''
 उन्होंने कहा कि भारतीय कपड़ा उद्योग का बाजार लगभग 165 अरब डॉलर का है और इसे 350 अरब डॉलर तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस क्षेत्र में चीन से आगे निकलने के लिए एक रूपरेखा तैयार कर रहा है। मंत्री ने उद्योग को घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ‘हब और स्पोक' मॉडल को अपनाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उद्योग की बड़ी कंपनियों से भारत में छोटी कंपनियों के साथ जुड़ाव कायम करने की अपील करता हूं। मंत्रालय उनके मुद्दों को समझने के लिए बड़ी कंपनियों के साथ बैठकें करेगा।'' उन्होंने ई-कॉमर्स माध्यम से निर्यात बढ़ाने के अवसर तलाशने का भी आह्वान किया। पिछले साल ई-कॉमर्स के जरिये अंतरराष्ट्रीय व्यापार करीब 800 अरब डॉलर का था और 2030 तक इसके 2,000 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। इसके साथ ही कपड़ा मंत्री ने उद्योग को वैश्विक ब्रांड का आपूर्तिकर्ता बनने के बजाय अपने खुद के ब्रांड स्थापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने हरित वस्त्र और पुनर्चक्रण पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह भी दी। कपड़ा मंत्रालय ‘एकीकृत वस्त्र पार्क' (एसआईटीपी) योजना को नए सिरे से पेश करने पर भी विचार कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नए वस्त्र पार्क स्थापित करना है। अबतक 54 वस्त्र पार्क स्वीकृत किए गए हैं। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने इस अवसर पर कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारतीय परिधान निर्यात उद्योग अपनी स्थिति को बनाए रखने और नुकसान को काफी हद तक कम करने में सक्षम रहा है। एईपीसी के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में स्वस्थ वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है लिहाजा आने वाले वर्षों में भारतीय परिधान निर्यातकों के लिए विकसित देशों में अपना विस्तार करने का अधिक अवसर होगा।

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