वैकल्पिक डेटा स्रोतों का कर रहे इस्तेमाल : आरबीआई गवर्नर
नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) विश्लेषण एवं आर्थिक परख बढ़ाने के लिए वृहद गणना शक्ति और वैकल्पिक डेटा स्रोतों का इस्तेमाल कर रहा है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को ये बातें कहीं।
दास ने मुंबई में सांख्यिकी एवं सूचना प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित 18वें सांख्यिकी दिवस सम्मेलन में कहा, ‘हमें इस बात का एहसास है कि हम एक ऐसे समय में प्रवेश कर रहे हैं जहां सूचनाओं की भरमार है। पहले से संरक्षित डिजिटल डेटा और अधिक से अधिक जानकारियां का सुरक्षित भंडार तैयार करने की हमारी क्षमता तेजी से बढ़ रही है। इससे नई चुनौतियां तो सामने आ रही हैं मगर नई संभावनाओं के द्वार भी खुल रहे हैं।’
दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हो रहे प्रयासों से आर्थिक आंकड़ों के संकलन नए वैश्विक मानक सामने आ सकते हैं। खासकर, राष्ट्रीयन खातों एवं भुगतान संकट के मामलों में इस मोर्चे पर अधिक प्रगति होगी।
उन्होंने कहा, ‘आरबीआई में हमारी टीम इन घटनाक्रम पर नजर रख रही है। हम गणना शक्ति एवं डिजिटल ढांचे के तेज गति से विकास का इस्तेमाल विभिन्न मानकों के विश्लेषण के लिए कर रहे हैं। मैं यह जरूर कहूंगा कि वैकल्पिक एवं गैर-परंपरागत डेटा स्रोत कोविड-19 महामारी के कारण लगे पाबंदियों में हमारे लिए काफी उपयोगी साबित हुए।’आरबीआई गवर्नर ने कहा कि डेटा स्रोतों के साथ रफ्तार बनाए रखने के लिए डेटा प्रबंधन प्रणाली को लगातार प्रगति करनी होगी। उन्होंने कहा कि इनमें आंकड़ों की भरमार के बीच सटीक तरीके से नियमित अंतराल पर मिलने वाले संकेतकों को अलग करने होंगे।
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