आरबीआई की सुधार योजनाएं बैंकों के परिचालन को मजबूत करेंगी: रेटिंग एजेंसियां
नयी दिल्ली. वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने सोमवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हालिया सुधार पैकेज से बैंकों का परिचालन वातावरण मजबूत होगा और बैंकों को ऋण प्रवाह बनाए रखने के लिए अधिक गुंजाइश मिल सकती है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का अपेक्षित ऋण हानि (ईसीएल) ढांचे और संशोधित बासेल-3 मानदंडों को लागू करने का प्रस्ताव सही समय पर लिया गया फैसला है, जिससे बैंकों को आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं का लाभ मिल सकेगा। एक बयान में कहा गया, ‘‘पांच साल की बदलाव की अवधि के साथ एक अप्रैल, 2027 तक ईसीएल को लागू करने से बैंकों को अपने मॉडल को बेहतर बनाने, आंकड़े जमा करने और लाभप्रदता तथा पूंजी पर ईसीएल प्रावधान के प्रभाव को कम करने का समय मिलेगा।'' एसएंडपी ने आगे कहा कि बासेल-3 सुधारों के तहत अनुमानित उच्च पूंजी अनुपात ईसीएल प्रावधानों को कम कर सकते हैं। फिच रेटिंग्स ने एक बयान में कहा कि आरबीआई का हालिया सुधार पैकेज देश के वित्तीय क्षेत्र के लिए व्यापक रूप से सकारात्मक होगा, और बेहतर नियामकीय ढांचे से बैंकों के परिचालन वातावरण को मजबूती मिलने की संभावना है। आरबीआई की योजना एक अप्रैल, 2027 से ईसीएल ढांचे को लागू करने की है, जो मौजूदा हानि-आधारित प्रावधान प्रणाली से हटकर भारत को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाएगा। बैंकों को मार्च, 2031 तक प्रावधान समायोजन को सुचारू करने की अनुमति होगी।

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