PLI Scheme से देश में प्रति वर्ष 35.00 लाख मीट्रिक टन की खाद्य प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि
नई दिल्ली। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना (पीएलआई-एसएफपीआई) की विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत सितंबर 2025 तक 170 आवेदनों को स्वीकृति दी गई है। इस योजना से देश में प्रति वर्ष 35.00 लाख मीट्रिक टन की खाद्य प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि हुई है।
यह जानकारी आज शुक्रवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह द्वारा प्रदान की गई । वहीं, पीएलआई-एसएफपीआई (PLISFPI) के तहत अब तक लगभग 3.39 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न हुए हैं। योजना से लाभान्वित किसानों का डेटा संधारित नहीं किया जाता है।
पीएलआई-एसएफपीआई के तहत प्रोत्साहन वहीं देय हैं, जहां योजना के अंतर्गत शामिल किए गए खाद्य उत्पादों की पूरी विनिर्माण प्रक्रिया, जिसमें प्राथमिक प्रसंस्करण भी शामिल है, भारत में ही संपन्न होती है।पीएलआई-एसएफपीआई के अंतर्गत स्वीकृत कृषि-आधारित प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का कुल निर्यात 2019-20 के संदर्भ में 2024-25 तक 13.23% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ बढ़ा है।उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना 2020 में शुरू की गई एक सरकारी पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य पात्र कंपनियों को उनकी बढ़ती बिक्री के आधार पर वित्तीय मदद देकर भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को मजबूत करना है।
इस योजना का लक्ष्य शुरुआत में तीन क्षेत्र थे और समय के साथ, इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और कपड़ा से लेकर ऑटोमोबाइल और फूड मैन्युफैक्चरिंग तक 14 क्षेत्र शामिल हो गए हैं।


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