क्रिसमस से पहले भारत में बने रत्नों और आभूषणों की बढ़ी मांग, नवंबर में निर्यात में 19% की बढ़ोतरी
नई दिल्ली। भारत में बने रत्नों और आभूषणों का निर्यात नवंबर में 19% बढ़कर 2.52 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 2.09 बिलियन डॉलर था। यह बढ़ोतरी तराशे और पॉलिश किए गए हीरों, सोने, चांदी और प्लैटिनम के आभूषणों की बढ़ती वैश्विक मांग के चलते हुई है।
इस साल नवंबर में निर्यात में तेज बढ़त का एक कारण पिछले वर्ष का कम आधार भी रहा, क्योंकि 2023 में दीपावली नवंबर में पड़ने के कारण कई विनिर्माण इकाइयां बंद थीं। कई मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि अमेरिका और चीन में क्रिसमस सीजन की मजबूत मांग ने भी भारतीय निर्यात को बल दिया है।
अप्रैल-नवंबर की अवधि में कुल निर्यात 18.86 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष के 18.85 बिलियन डॉलर के लगभग बराबर है। इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि मौसमी मांग और वैश्विक बाजार में सुधार के चलते उद्योग धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है।
विश्लेषकों के अनुसार, लैब में उत्पादित हीरे (LGD) के आभूषणों की मांग में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। नवंबर में इनका निर्यात 10% बढ़कर 76 मिलियन डॉलर हो गया; हालांकि, अप्रैल-नवंबर के दौरान यह 11% घटकर 757 मिलियन डॉलर पर आ गया। कट और पॉलिश किए गए हीरों (CPD) का निर्यात नवंबर में 38% बढ़कर 919.74 मिलियन डॉलर हो गया। नवंबर में सोने के आभूषणों का कुल निर्यात 1.21 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष के 1.23 बिलियन डॉलर की तुलना में थोड़ा कम है।
जड़े हुए सोने के आभूषणों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई। नवंबर में इनका निर्यात 49.24 बढ़कर 828 मिलियन डॉलर हो गया। दूसरी ओर, सादे सोने के आभूषणों का निर्यात नवंबर में 42.17% घटकर 390 मिलियन डॉलर रह गया, लेकिन अप्रैल-नवंबर की अवधि में इसमें 14.78% वृद्धि हुई और यह 3.53 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें अमेरिकी डॉलर में सोने की कीमतों में 44% की तेजी का बड़ा योगदान रहा।
चांदी के आभूषणों का निर्यात नवंबर में 209% बढ़कर 198 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि अप्रैल-नवंबर की अवधि में यह 29.69% बढ़कर 930 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। नवंबर में प्लैटिनम के आभूषणों का निर्यात भी लगभग दोगुना होकर 2023 के 15 मिलियन डॉलर से बढ़कर 30 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया।


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