कलेक्टर ने मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए परिजनों के साथ की चर्चा
- जिला प्रशासन द्वारा मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए की गई अद्वितीय पहल
- सभी डॉक्टर अपने जिम्मेदारियों का बेहतर तरीके से करें निर्वहन
- जिले के निर्माणाधीन स्वास्थ्य केन्द्रों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से शीघ्र पूर्ण करने के दिए निर्देश
- कलेक्टर ने संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए कहा
- कलेक्टर ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक ली
राजनांदगांव । कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव ने शुक्रवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक ली। कलेक्टर ने पूर्व में हुए मातृ मृत्यु के दृष्टिगत परिजनों से चर्चा की। उन्होंने मोबाईल के माध्यम से प्रतिदिन हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निजी डायग्नोस्टिक संस्थानों से बात कर जरूरतमंद गर्भवती महिलाओं को नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच करने के लिए कहा। कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा समाज की महत्वपूर्ण सेवा है। सभी डॉक्टर अपनी जिम्मेदारियों एवं कर्तव्य का बेहतर तरीके से निर्वहन करें। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टर, नर्स एवं अन्य स्टॉफ का व्यवहार मरीजों के साथ अच्छा होना चाहिए। कलेक्टर ने जिले सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध संसाधनों की गहन समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य केन्द्रों के संजीवनी एम्बुलेंस, विभागीय एम्बुलेंस, महतारी एक्सप्रेस सहित अन्य वाहनों की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने एम्बुलेंस की सुविधा को दुरूस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस की सुविधा मरीजों तक समय पर पहुंचे यह सुनिश्चित करें। जिससे मरीजों को समय पर ईलाज उपलब्ध हो सके। उन्होंने जिले के निर्माणाधीन स्वास्थ्य केन्द्रों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता देते हुए प्रगतिरत एवं अप्रारंभ निर्माण कार्य को समय पर पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्माणाधीन कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव ने शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए कमजोर बच्चों का चिन्हांकन करने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे कर अभिभावकों की कांउसलिंग एवं उचित ईलाज करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए कहा। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच एवं उपचार नियमित तौर पर होना चाहिए। उन्होंने हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं के चिन्हांकन कर उनके लिए विशेष तौर पर उपचार के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय स्तर पर निजी डायग्नोस्टिक संस्थाओं से संपर्क कर न्यूनतम दर पर गर्भवती महिलाओं की जांच व्यवस्था करने कहा। जिससे गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच हो पाएगी। उन्होंने जिला अस्पताल और शासकीय मेडिकल कॉलेज के डायलिसिस मशीनों बेहतर तरीके से उपयोग करते हुए अधिक से अधिक संबंधित मरीजों का डायलिसिस करने के लिए कहा। टीबी एवं कुष्ठ रोग की बीमारी के परीक्षण को बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम की समीक्षा की एवं आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना, आयुष्मान वय वंदन कार्ड, निक्षय निरामय, प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र, मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य कार्य की प्रगति, एनीमिया मुक्त भारत, परिवार नियोजन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, पोषण पुर्नवास की प्रगति, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस योजना, ई-संजीवनी, मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम, मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय वैक्टर रोग नियंत्रण कार्यक्रम, डेंगू, मलेरिया, फाईलेरिया सहित अन्य कार्यक्रमों के प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर संयुक्त संचालक मेडिकल कालेज डॉ. अतुल देशकर, डिप्टी कलेक्टर श्री प्रकाश टंडन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न, सिविल सर्जन श्री यूके चंद्रवंशी, डॉ. माधुरी खुंटे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बीएल तुलावी, डीपीएम श्री संदीप ताम्रकार, समस्त बीएमओ, बीपीएम, सलाहकार उपस्थित रहे।













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